स्वर्ण भारत परिवार ने घोषित किया आज #राष्ट्रीयशोकदिवस : पीयूष पण्डित
कल देर रात हुई आपातकालीन बैठक में स्वर्ण भारत परिवार के राष्ट्रीय कार्यालय प्रदेश कार्यकारिणी की टीम द्वारा सर्वसम्मति से ये निर्णय लिया गया है कि सभी शहीदों के शव आज उनके गांव पहुंच रहें हैं उनकी पत्नियों माँ पिता बच्चो का रो रो कर हाल बेहाल है इस स्थिति में स्वर्ण भारत परिवार आज राष्ट्रीय शोक दिवस घोषित करता है एक भ्र्ष्टाचार में लिप्त नेता के मर जाने पर राष्ट्रीय शोक दिवस सरकारों द्वारा घोषित कर दियाजाता है किंतु इतनी बड़ी घटना के बाद राजनीतिक पार्टियों के प्रचार नही थमे,खेद है ऐसी सोच पर ,आज समस्त जिलों के पदाधिकारियों से विनम्र अनुरोध है कि वो जगह जगह शोक सभा करें व लोगो को सैनिकों के बलिदान की बात बताएं और पूरे देश मे विरोध प्रदर्शन करें ।
सरकार से स्वर्ण भारत परिवार की प्रमुख्य मांग कुछ इस प्रकार हैं :
1 सभी शहीद परिवार को 1 करोड़ का आर्थिक अनुदान
2 परिवार के एक सदस्य (पत्नी) को सरकारी नोकरी
3 गाँव का नाम शहीद के नाम पर रखा जाए
4 जिले में एक विद्यालय एक चौक शहीद चौक की स्थापना की जाए
5 साथ ही समस्त बटालियन में सेवारत जवानों को वो सारी सुविधाएं मिले जो इंडियन आर्मी को मिलती है
राष्ट्रीय कार्यालय दिल्ली
स्वर्ण भारत परिवार दिल्ली
स्वर्ण भारत परिवार दिल्ली
कितनी शर्मनाक बात है हमारे देश क वीर जवानो को धोके से मार दिया जाता है और हमारे देश की सरकार उस कोई कड़ा एक्शन लेने क बजाय पॉलिटिक्स में बिजी है
ReplyDeleteउन सभी शहीदों को स्वर्ण भारत परिवार की तरफ से सत सत नमन जिन्होने इस देश की खुशियों के लिए नीडर बनकर अपनी जान दे दी। हमे गर्व है उन वीरो पर और शर्म आती है की हमारे देश के राजनेता अब भी मतदान पर ध्यान धरे बैठे है। बंद करो ऐसी साजिशे। जय हिन्द। जय स्वर्ण भारत परिवार ।
ReplyDeleteउन शहीदों को सत सत नमन जिन्होंने हमारे लिए अपनी जान दे दी
ReplyDeleteTo all those martyrs, from the Golden India family, Satya Naman who gave his life as a beacon for the happiness of this country.
ReplyDeleteWe are proud to be the heroes and ashamed of our country's politician is still concentrating on voting. Stop such a conspiracy. Jai Hind. Jai Swarn Bharat family
ReplyDeleteHow shameful it is that the brave soldiers of our country are killed in a cruel manner.To all those martyrs, from the Golden India family, Satya Naman
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