Saturday 24 April 2021

India is a nation made up of panchayats, we need to develop villages more : Peeyush Pandit

National Panchayati Raj Day is on April 24. The day is a great opportunity for leaders/ Social Activist and others to directly interact with the representatives of the Panchayats or village heads from all across the country. On National Panchayati Raj Day or Panchayati Raj Diwas, work done by the Panchayat leaders are recognized and appreciated.
 ''National Panchayati Raj Day 2021 is a unique occasion to recognise and felicitate our Panchayats for their work towards building an Aatmanirbhar Bharat,'' tweeted the Ministry of Panchayati Raj. PM Modi will also address the Panchayati Raj Institutions.

President of Swarna Bharat Parivaar Trust India will also Address Farmer and Village Member of SBP, will Re- launch Kisan Samman Surksha Yojna 2021

Education is the only medium of peace in the world, education should be equal and free for all: Peeyush Pandit

The International Day of Multilateralism and Diplomacy for Peace was established on 12 December, 2018 through resolution A/RES/73/127 and was first observed on April 24, 2019.
Preserving the values of multilateralism and international cooperation, which underpin the UN Charter and the 2030 Agenda for Sustainable Development, is fundamental to promote and support the three pillars of the UN - peace and security, development and human rights.

The United Nations came into being in 1945, following the devastation of the Second World War, with one central mission: the maintenance of international peace and security. The Charter of the United Nations states that one of the United Nations' purposes and principles is the commitment to settle disputes through peaceful means and the determination to succeeding generations from the scourge of war.

Conflict prevention remains, however, a relatively under-publicized aspect of the UN's work. Meanwhile, the most efficient and desirable employment of diplomacy is to ease tensions before they result in conflict, or, if conflict breaks out, to act swiftly to contain it and resolve its underlying causes. Preventive diplomacy is very important in supporting United Nations efforts to assist in the peaceful settlement of disputes.

Commitment to multilateralism and international peace and security was also reaffirmed by most world leaders in the General Debate in September 2018. This commitment was also reinforced in the discussion during the High-level Dialogue on Renewing the Commitment to Multilateralism on 31 October 2018.

On 12 December 2018, the General Assembly adopted the resolution, "International Day of Multilateralism and Diplomacy for Peace" (A/RES/73/127) by a recorded vote of 144 in favour to 2 against. By that text, the General Assembly invites all Member States, observers and organizations of the United Nations to observe the International Day in an appropriate manner and to disseminate the advantages of multilateralism and diplomacy for peace, including through educational and public awareness-raising activities.

Thursday 22 April 2021

जीव जंतु पेड़ पौधों के बिना मानव जीवन एक कल्पना मात्र : पीयूष पण्डित

स्वर्ण भारत परिवार : 
दुनियाभर में पर्यावरण संरक्षण को समर्थन देने के लिए हर साल अर्थ डे मनाया जाता है। 22 अप्रैल का दिन तय किया गया है। इस दिन को ‘पृथ्वी दिवस’ Earth Day के रूप में मनाया जाता है।
इस बार पृथ्वी दिवस 2021 के लिए थीम  यानी ‘जलवायु कार्रवाई’ है जलवायु परिवर्तन बीते कई दशकों में एक बड़ा मसला बनता जा रहा है। मानवता के भविष्य और जीवन-समर्थन प्रणालियों के लिए बड़ी चुनौती है यह। जिसको लेकर सकारात्मक सुधारों की जरूरत है।

साल 2021 का अर्थ डे अपने आप में एक इतिहास होगा। क्योंकि कोरोना वायरस के कारण पूरी दुनिया लॉकडाउन है। जानवर बाहर आ गए हैं। वो चिड़ियां दिखने लग गई हैं जिन्हें हमारे बचपन ने देखा था। प्रदूषण का स्तर कम है। मानों पृथ्वी ने अपना जिम्मा खुद अपने हाथों में ले लिया हो। आइए, इस अर्थ डे के दिन खुद से एक वादा करते हैं कि इस पृथ्वी की खूबसूरती को बनाकर रखने का ही नहीं, बल्कि इसे और ज्यादा प्राकृतिक बनाने की ओर पहल करने का ।

Saturday 17 April 2021

दस भारतीयों के शोध पत्र आईआईयू अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के लिए हुआ चयनित

शोधपत्र व कार्यों की विशिष्टता को संज्ञान में लेते हुए मानद उपाधि से होंगे सम्मानित
डब्ल्यूईओ द्वारा आमन्त्रित किये शोधपत्रों की पहली सूची को आज मीडिया में जारी किया गया विश्व शिक्षा संगठन द्वारा भारत के  सौ से अधिक शोधों को प्रकाशित किया जाएगा चयनित शोधों को विश्व तकनीकी फोरम, आईआईयू शोध संकाय में प्रति संग्रहित की जाएगी । इंटरनेशनल इंटर्नशिप यूनिवर्सिटी संभावनाओं की पड़ताल करता है और शिक्षा की क्षमता को बढ़ाता है
उच्च गुणवत्ता के अनुसंधान, समृद्ध सीखने के अनुभवों के साथ-साथ प्रदर्शन करने का अवसर
प्रासंगिक डिग्री, डिप्लोमा और इंटर्नशिप प्रमाण पत्र। हमारे कार्यक्रम आधारित हैं
संयुक्त राज्य अमेरिका सहित कुछ उल्लेखनीय अंतरराष्ट्रीय संस्थानों द्वारा निर्धारित उद्देश्य
राष्ट्र एसडीजी, डब्ल्यूएचओ, नाको, डब्ल्यूडब्ल्यूएफ, यूनिसेफ, यूएनडीपी, को बढ़ावा देने के साथ और विश्व शिक्षा संगठन द्वारा संचालित एक अन्तराष्ट्रीय संस्थान हैं, सभी चयनित शोधार्थियों के शोध पर व्याख्यान व उनको डॉक्टरेट की मानद उपाधि से सम्मानित किया जाएगा , चयनित अभ्यर्थियों के नाम इस प्रकार हैं, भावना गुप्ता इंदौर विषय स्टेम एजुकेशन, संजय कुमार बिहार विषय पब्लिक स्कूल में वरचुएल क्लासेज, रितेश कुमार विश्वकर्मा दिल्ली विषय मेडिसीन , रणबीर कुमार विषय शिक्षा,दीप्ती दिलीप सावंत विषय हिंदी, वीरेंदर जैन विषय सामाजिक कार्य, प्रकाश प्रभात विषय शिक्षा,कृष्णा जोशी विषय मेडिसिन, एकता व्यास विषय सामाजिक कार्य, धीरज पारिख जोधपुर राजस्थान विषय वास्तु शास्त्र का शोधपत्र 

आईआईयू अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के लिए चयनित हुआ हे और इसे आईआईयू एक्सप्लोरर पर प्रकाशित किया जाएगा। यह शोध कार्य आई आईयू के एशिया प्रमुख व इन्नोवेटिव फाउंडर मेंबर पीयूष पण्डित के  सहयोग से संभव हो पाया।  सभी शोधार्थियों को इस कामयाबी की हार्दिक बधाई देते हुए कहा कि संस्थान शोधार्थियों की सफलता से गौरवान्वित है। कहा कि आगे भी ये लोग अनुसंधानरत रहकर उच्च स्तर पर अपना स्थान लेने के लिए प्रयासरत रहेंगे।साथ ही विश्व शिक्षा संगठन में भी अपने ज्ञान से विश्व की शिक्षा पर अपने कार्यों और खोजों द्वारा शैक्षिक क्रांति में अपना योगदान देंगे ।

स्वर्ण भारत के राष्ट्रीय अध्यक्ष पीयूष पण्डित की कोरोना रिपोर्ट निगेटिव

रिपोर्ट का बार बार पॉजिटिव और निगेटिव होना चिंता का विषय : स्वर्ण भारत
स्वर्ण भारत परिवार के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजस्थान दौरे के दौरान पॉजिटिव पाए गए थे । उसके बाद सेल्फ आइसोलेशन में रहे और कुछ दिनों में रिपोर्ट निगेटिव आई । पीयूष पण्डित ने कहा कि किसी भी शारीरिक लक्षण न होने के बाद भी कोरोना पॉजिटिव होना फिर निगेटिव होना फॉल्स नेगेटिव, फॉल्स पॉजिटिव' की ये घटनाएं कोरोना मरीजों को बचाने में जुटे डॉक्‍टर्स, अधिकारियों और हेल्‍थ वर्कर्स के लिए बड़ी चुनौतियां बन गई हैं. कोरोना वायरस (COVID-19) जांच से संबंधित ऐसी खबरें और घटनाएं दुनिया में लोगों को विचलित कर रही हैं. फॉल्‍स नेगेटिव यानी वे मरीज जो कोरोना संक्रमित होने के बावजूद, अपने पहली जांच में पॉजिटिव नहीं आते. इनके ठीक विपरीत फॉल्‍स पॉजिटिव यानी वे स्‍वस्‍थ लोग जिनमें संक्रमण नहीं होता, लेकिन जांच में उनको कोरोना पॉजिटिव घोषित कर दिया जाता है. दरअसल दुनिया भर में अब तक की सबसे बड़ी और भयानक महामारी के मुख्‍य कारण कोरोना वायरस की जांच में ऐसी घटनाएं आम हैं. ऐसे समय में लोगों को और अधिक सतर्कता और लगातार सावधानी बरतनी होगी.

Wednesday 14 April 2021

बाबा साहब द्वारा लिखित संविधान को घर घर पहुँचाने की जरूरत : पीयूष पण्डित

गृहजनपद पहुंचकर मनाई जयंती और उठाई जाति व्यवस्था खत्म करने की आवाज
देशभर में आज संविधान के निर्माता बाबा साहेब बीआर अंबेडकर की जयंती मनाई जा रही है. 31 मार्च 1990 को उन्हें मरणोपरांत सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया था. उन्होंने ना सिर्फ आजादी की लड़ाई में ना सिर्फ एक अहम भूमिका निभाई बल्कि सम्पूर्ण राष्ट्र के लिए संविधान निर्माण की भी जिम्मेदारी उठाई. हर साल उनकी जयंती को धूमधाम से सेलिब्रेट किया जाता है. इस मौके पर पीयूष पण्डित ने उनकी प्रतिमा पर माल्यर्पण करके श्रद्धांजलि दी ।

14 अप्रैल 1891 में जन्मे बाबा साहेब की इस साल 130वीं जयंती मनाई जा रही है. आपको बता दें, डॉ. बीआर अंबेडकर की जयंती के दिन सार्वजनिक अवकाश भी घोषित किया गया है. उन्होंने देश से जाति प्रथा और समाज में कुव्यवस्था को खत्म करने में अहम भूमिका निभाई थी. उनका मानना था कि सभी जाति के लोगों को एक जैसा अधिकार मिलना चाहिए ताकि आगे चलकर किसी भी प्रकार भेदभाव ना हो. उन्होंने अपने जीवन काल में कई महत्वपूर्ण आंदोलनों में भी हिस्सा लिया. एक दलित परिवार से आने वाले बीआर अंबेडकर ने अपने जीवन में बहुत यातनाएं झेलीं लेकिन कभी किसी कमजोर का साथ नहीं छोड़ा. यही वजह है कि वे आज भी लोगों के दिलों में जिंदा हैं. उन्हें आज भी उतने ही आदर और सम्मान के साथ याद किया जाता है.

लोगों को किया जाता है जागरूक

देश के साथ साथ विदेशों में भी उनकी जन्म जयंती को उत्सव के रूप में मनाया जाता है. इसी दिन बाबासाहेब के कामों के बारे में लोगों को बताया जाता है. इतना ही नहीं, जगह-जगह कार्यक्रमों का आयोजन कर समाज में वयाप्त बुराइयों को खत्म करने की भी अपील की जाती है. जगह जगह नुक्कड़ नाटक के माध्यम से लोगों को जागरूक किया जाता है. इसके अलावा, वाद विवाद और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जाता है.

Monday 12 April 2021

मतदाता जागरूकता अभियान 14 अप्रैल से प्रतापगढ़ में शुरू

स्वर्ण भारत परिवार के मुखिया करेंगे कई जिलों में जागरूकता रैली
स्वर्ण भारत परिवार के राष्ट्रीय अध्यक्ष पीयूष पण्डित का प्रचार प्रसार 14 अप्रैल से प्रतापगढ़ प्रयागराज सुल्तानपुर रायबरेली लखनऊ में शुरू होगा आज जारी की गई प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया हर चुनाव से पहले योग्य युवा और सामाजिक व्यक्तियों को वोट देने की अपील की गई सिर्फ पार्टी के सिम्बल य समर्थित होने से विकास सम्भव नही इसलिए मतदाताओं को जागरूकता से अपने वोट का इस्तेमाल करना होगा ‘भारत सरकार’ ने वर्ष 2011 से हर चुनाव में लोगों की भागीदारी बढ़ाने के लिए निर्वाचन आयोग के स्थापना दिवस ‘25 जनवरी’ को ही ‘राष्ट्रीय मतदाता दिवस’ के रूप में मनाने की शुरुआत की थी। 2011 से ही हर साल 25 जनवरी को राष्ट्रीय मतदाता दिवस मनाया जाता है। इस दिन देश में सरकारों और अनेक सामाजिक संस्थाओं द्वारा लोगों को मतदान के प्रति जागरूक करने के लिए अनेक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। जिससे कि देश की राजनैतिक प्रक्रियाओं में लोगों की अधिकतम भागीदारी सुनिश्चित की जा सके।

राष्ट्रीय मतदाता दिवस का हर वर्ष आयोजन सभी भारत के नागरिकों को अपने राष्ट्र के प्रति कर्तव्य की याद दिलाता है। राष्ट्रीय मतदाता दिवस का आयोजन लोगों को यह भी बताता है कि हर व्यक्ति के लिए मतदान करना जरूरी है। भारत के प्रत्येक नागरिक की मतदान प्रक्रिया में भागीदारी जरूरी है। क्योंकि आम आदमी का एक वोट ही सरकारें बदल देता है। हम सबका एक वोट ही पल भर में एक अच्छा प्रतिनिधि भी चुन सकता है और एक बेकार प्रतिनिधि भी चुन सकता है। इसलिए भारत के प्रत्येक नागरिक को अपने मत का प्रयोग सोच समझकर करना चाहिए और ऐसी सरकारें या प्रतिनिधि चुनने के लिए करना चाहिए जो कि देश को विकास और तरक्की के पथ पर ले जा सके। पीयूष पण्डित अपनी पूरी टीम के साथ मतदातओं को वोट करने के लिए प्रेरित करेंगे ।

विश्व शिक्षा संगठन (मैक्सिको) रिसर्च पेपर को करेगा प्रमाणित , आई आई यू का अन्तराष्ट्रीय कॉन्वोकेशन विज्ञान भवन दिल्ली

राष्ट्र के विकास में विशिष्ट योगदान देने वाले विद्वानों को मिलेगी डॉक्टरेट की मानद उपाधि
यूनाइटेड नेशंस , यूनेस्को,यूनिसेफ व एसबीपी ग्लोबल की शिक्षा नीति के निहितार्थ ग्लोबल सस्टेनेबल शिक्षा प्रणाली को प्रसारित करने वाली विश्व की प्रथम अंतराष्ट्रीय इंटर्नशिप यूनिवर्सिटी जहां वैश्विक स्तर पर अपने कोर्स डिजाइन व सस्टेनेबल एजुकेशन को हर एक कोने में पहुचाने की कवायद के तहत सभी देशों की शिक्षा नीति को एक बनाने में अहम रोल निभा रही है । इस कड़ी में एशिया की जिम्मेदारी स्वर्ण भारत परिवार को मिली है  की और देश मे विशेष विद्वानों को उनके द्वारा किये जा रहे विशिष्ट कार्यों हेतु उन्हें डॉक्टरेट की मानद उपाधि से सम्मानित किया जाएगा । चयनित प्रतिभागियों को साइटेशन लेटर जारी किया जाएगा और 30 मई को कॉन्वोकेशन में उन्हें स्वर्ण पदक, गाउन, कैप के साथ उपाधि देकर सम्मानित किया जाएगा । अगर आपके पास शोधपत्र हैं उन्हें आप अन्तराष्ट्रीय स्तर पर पब्लिश करना चाहते हैं,तो शोधपत्र भेजें , कार्यक्रम को भव्य बनाने हेतु स्वर्ण भारत परिवार एमएसएमई के बीच शोध पत्र और शिक्षा पध्दति पर एमोई पर हस्ताक्षर हुआ है ।

Saturday 3 April 2021

सौर ऊर्जा पर विशेष 2022 Business Reopen

आज सोलर विंग की टीम के साथ बैठक में महत्वपूर्ण मुद्दों पर सहमति बनी !
भारत 2024 तक सौर ऊर्जा उत्पादन व उपयोग में अग्रणी देश होगा : पीयूष पंडित
सोलर को हर घर पहुँचाने की योजना पर सहमतीं ! बिजली के बिल को कम करके सभी ग्रामीणों को लाभ पहुँचाने का प्रयास क्षेत्रीय एनजीओ के माध्यम से किया जाएगा !

सोलर की जानकारी हर व्यक्ति तक पहुँचे इसके लिए राष्ट्रीय सोलर ऊर्जा जागरूकता मिशन पर ज़ोर देने पर प्रयास किया जाएगा ! 

हर ब्लाक में एक सौर ऊर्जा जागरूकता केंद्र खोलने पर सहमति 
देश की सभी सोलर की प्रतिष्ठित कम्पनी को एक स्थान पर लाने का प्रयास होगा ! 

#हर_घर_सोलर_योजना2016-2024
#NSEAP2018-2024

बाल विवाह कानूनी अपराध है : स्वर्ण भारत परिवार

दो हज़ार गांवों में बाल विवाह रोकने में अब तक सफल

बाल विवाह एक सामाजिक बुराई है। इसकी रोकथाम के लिए सभी को मिलकर कार्य करना होगा, तभी समाज इस बीमारी से मुक्त हो सकेगा। यह बात  स्वर्ण भारत परिवार के अध्यक्ष पीयूष पण्डित ने अपने ई विलेज प्रवास के दौरान कही  उत्तरप्रदेश सरकार के निर्देशों के तहत बाल विवाह व अन्य कुरीतियों को रोकने के लिए दो हज़ार गावों को तैयार कर दिया है होली मिलन पर आयोजित सभा में सं‍बोधित करते हुए कही।
उन्होंने कहा कि बाल विवाह रोकने के लिए सभी विभागों के साथ-साथ आमजन को सजगता से अपने कर्तव्यों का निर्वाह करना होगा। इसके लिए वार्ड स्तर पर टीमें गठित करनी चाहिए। बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम, 2006 को एक नवम्बर 2007 से लागू किया गया। इसमें बाल विवाह करना या करवाना संज्ञेय और गैर जमानती अपराध है।

जो माता-पिता अपने पुत्र पुत्रियों का बाल विवाह करवाते है तो उन्हें 2 वर्ष का कारावास व 1 लाख रुपयों का दंड देने का प्रावधान है। स्वर्ण भारत ने बताया कि बाल विवाह की रोकथाम के लिए सीडीपीओ कार्यालय की महिला पर्यवेक्षक सहित स्वास्थ्य विभाग की कार्यकर्ता बहुत अच्छे ढंग से कार्य कर सकती है। कम उम्र की कन्याओं का विवाह होने या करवाने से बालिकाओं के स्वास्थ्य पर सीधा असर पड़ता है।
बाल विवाह कानूनी जुर्म और अपराध है