Sunday 22 November 2020

स्वर्ण भारत परिवार का बोर्ड उखाड़ने, व बाज़ार के नाम पर अवैध कब्जे की साजिश, ग्रामप्रधान पति की भूमिका संदिग्ध

ब्राह्मण होने की वजह से कई बार पीयूष पण्डित हुए शोषण के शिकार देश मे ब्राह्मण विरोध इस कदर हावी है कि स्वर्ण भारत परिवार ट्रस्ट का बोर्ड साजिश के तहत  उखाड़ कर फेंक दिया गया ।साथ ही ट्रस्ट अध्यक्ष पीयूष पण्डित को जान से मारने की धमकी दी गई उसके बाद बाज़ार के नाम पर रोड से जुड़ी हुई स्वर्ण भारत परिवार की जमीन को दीवाल से ढकने का कुकृत्य किया जा रहा है । 
मामले की सम्पूर्ण जानकारी माननीय योगी जी को पोस्टल द्वारा  भेजने के साथ ग्राम सभा मे आये सरकारी मदों की हाई प्रोफाइल जांच करवाने हेतु ट्रस्ट के अध्यक्ष स्वर्ण पीयूष पण्डित  कल मण्डल के सभी पदाधिकारियों की अहम बैठक होगी । और ब्राह्मण समाज को बदनाम और शोषण करने के कुचक्र पर राष्ट्रीय आंदोलन की तैयारी शुरू होगी जिसकी शुरुवात जल्दी ही कि जाएगी । इस पूरे प्रकरण पर ग्राम प्रधान अलुवामई पति इंद्र देव पटेल का नाम प्रूफ सहित सामने आने की बात ट्रस्ट के पदाधीकारियों ने कही । 

पीयूष पण्डित ने कहा कि बार बार शांति की अपील के बाद भी कुंडा में  ब्राह्मण जाति का शोषण करने की कोशिस की जा रही है, जिसका कानूनी रूप के साथ जवाब देने के साथ ब्राह्मणों को एक होने की बात कही है । साथ ही ग्राम सभा मे हुए समस्त  सरकारी कार्यों की आरटीआई दायर करके जवाब की तैयारी नरेगा में हुए कार्य का विवरण, सरकारी कालोनी आवंटन,खाद्यान्न विभाग की रिपोर्ट कार्ड सहित सरकारी धन में लिप्त भृष्टचार को उजागर करने के लिए पीयूष पण्डित ने कमर कसी ।

Sunday 8 November 2020

MY EMOTIVE MEMOIR: A LITTLE WHILE AFTER MY SOULMATES UNTIMELY PASSING ON, ANOTHER ADVERSITY STRUCK US WHEN MY MOM 71 WAS DIAGNOSED WITH CANCER

Today on 7th of Nov The International world cancer awareness day’ I remember the cancer battle fought so bravely and gracefully by my mom. My gratitude and acknowledgement of God’s grace can’t be expressed in words. Not only for saving my mother life but also giving her the strength to fight the unexpected or I won’t be too wrong if I say unthought-of ailment.

Pandemic at its peak and our moral rock bottom, treatment for cancer was a tedious uphill trauma. Me and Sirjana ( my younger sister ), we’re with her, shuffling between the corridors and wards of the hospitals, running from pillar to post because of the scarcity of expert medical personnel as well as the resources due to the Scary Covid 19. This time of our life ( for the entire family) is probably the only thing I talk about in public that to with an aim to make everyone aware and to some extent give hope to all those struggling.


One incident that got me into organizing blood donation camps…was when I almost lost my mother due to lack of availability of blood because volunteers were either prohibited or at times scared of visiting hospitals. My prior experience I with many blood donation organisation and me being a member of the Indian Red Cross Society helped me do the same. We all felt helpless when we couldn’t arrange blood for her as her Haemoglobin had dropped to 3-4 and she was to be operated Immediately. Somehow with my past experiences of being a social activist, I arranged 2 blood donation camps in that very hospital. The Doctors have a good cancer network and treated my Mom with the best of their skills, especially the Doctors and the staff of the Onco Dept of the Max hosp and I’sure that they put in the same effort for all their patients. This God forbidden experience gave me an opportunity to interact with a number of patients inwards of the hospital, survivors & caregivers – very inspiring & truly enlightening where I could contribute by counselling the sick companions of my mom. Cancer is the ace of spades of almost all the diseases. Through this tough to handle the situation, I along with few others have started contributing all the more to this noble cause of organising blood donation camps, counselling patients and their attendants along with conducting regular and extensive awareness programs though webinars and other platforms.


I thank all the Doctors who have supported us during this hard time of Covid 19. We wish them all the best for their continued research, work & understanding as we all hope that we will win against one of the deadliest cancers on earth.


Dr Navneet Kour
Global Peace Ambassador
National Human Rights
Social Justice Council
Global

Monday 2 November 2020

वैश्विक स्तर पर पब्लिक फिगर टाइटल 2020 के अंतर्गत शिक्षा,साहित्य,सामाजिक व अन्य क्षेत्रों के लिए सम्मान समारोह की 11नवम्बर तिथि सुनिश्चित

कोरोना काल में जहाँ सम्पूर्ण विश्व सहित  मानव जीवन को आर्थिक व मानसिक द्वंद में ला खड़ा किया है, वहीं दूसरी ओर कुछ ऐसे व्यक्तित्व भी हैं जो आम जनमानस के अपने कल्याण कार्यों सहित राष्ट्र हित कार्यो से प्रेरणा स्रोत बन जीवन मे एक नई आस जगाने में महत्वपूर्ण भूमिका में सामने आते रहे हैं।
कुछ इस प्रकार के अनूठे व्यक्तित्व को वैश्विक पटल पर उनके उच्च विचारों को साझा करने व उन्हें सम्मान देने की उद्देश्य से पब्लिक फिगर व नेक्स्ट जेन अवार्ड ने विभिन्न क्षेत्रों में अवार्ड की घोषणा की।जिसके अंतर्गत शिक्षा के क्षेत्र में अनुकरणीय कार्यो हेतु महिला शिक्षक वर्ग में सावित्री ज्योतिराव फुले शिक्षा सम्मान 2020 व  पुरुष शिक्षक वर्ग के अंतर्गत मौलाना अबुल कलाम आज़ाद शिक्षा रत्न सम्मान 2020 देना सुनिश्चित किया गया।
विदित हो सावित्री बाई ज्योतिराव फुले को भारत की पहली महिला शिक्षक के रूप में जाना जाता है वहीं मौलाना अबुल कलाम आज़ाद को राष्ट्रीय शिक्षा नीति का संस्थापक माना जाता है। स्वतन्त्रता सेनानी मौलाना अबुल कलाम आज़ाद का जन्म १८१८ में हुआ था। अतः उनके जन्मदिन पर प्रत्येक वर्ष ११नवम्बर को भारत में राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के रूप में मनाया जाता है।
वही दूसरी ओर साहित्य जगत
में नई दिशा व नई सोच को जाग्रत करने वाले साहित्यकारों लेखकों को भारतेन्दु हरिश्चंद्र राष्ट्रीय साहित्य सम्मान 2020 से सम्मानित किया जाएगा। सामाजिक जागरूकता अभियान के अन्तर्गत कुरीतियों को मिटाकर अपने म्रदु स्वभाव व सकारात्मक सोच से समाज को नई दिशा देने का कार्य किया है जिसके लिए उन्हें लालबहादुर शास्त्री राष्ट्रीय सम्मान २0२0 देने का निश्चय किया गया है।
इसके साथ ही खेल,मीडिया,मनोरंजन आदि क्षेत्रों में अपनी मिसाल कायम करने वाले भारतीय व गैर भारतीय महानुभवों को पब्लिक फिगर २०२० सम्मान  से अलंकृत किया जाएगा।

समस्त कार्यक्रम चेरिटेबल होगा जिसमें देश-विदेश के स्पीकर वक्ता अपनी राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर अपने विचार रखेंगे।
वैश्विक स्तर पर शिक्षा में समानता व संभावना हेतु प्रयासों के  विभिन्न पहलुओं पर विमर्श करने का प्रस्ताव है।

सम्पूर्ण कार्यक्रम ११नवम्बर को मध्यान्ह 1 बजे से 4 बजे तक ज़ूम एप्प द्वारा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ब्रॉडकास्ट किया जाएगा।
समारोह द्वारा एकत्रित दान की समस्त धनराशि को हेल्प इंडिया हेल्प फाउंडेशन व स्वर्ण भारत परिवार की सेवा नीति परियोजना को सौंपा जाएगा।
राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपना परचम लहराने वाली एकमात्र संस्था स्वर्ण भारत परिवार राष्ट्र हित हेतु अपनी कर्मठता से आधुनिक भारत के प्रत्येक वर्ग के हित के लिए  प्रत्येक क्षेत्र में अपनी सकारात्मक सोच के साथ निरन्तर अग्रसर है

Friday 30 October 2020

वैश्विक स्तर पर पब्लिक फिगर टाइटल 2020 के अंतर्गत शिक्षा,साहित्य,सामाजिक व अन्य क्षेत्रों के लिए सम्मान समारोह की 11नवम्बर तिथि सुनिश्चित

कोरोना काल में जहाँ सम्पूर्ण विश्व सहित  मानव जीवन को आर्थिक व मानसिक द्वंद में ला खड़ा किया है, वहीं दूसरी ओर कुछ ऐसे व्यक्तित्व भी हैं जो आम जनमानस के अपने कल्याण कार्यों सहित राष्ट्र हित कार्यो से प्रेरणा स्रोत बन जीवन मे एक नई आस जगाने में महत्वपूर्ण भूमिका में सामने आते रहे हैं।
कुछ इस प्रकार के अनूठे व्यक्तित्व को वैश्विक पटल पर उनके उच्च विचारों को साझा करने व उन्हें सम्मान देने की उद्देश्य से पब्लिक फिगर व नेक्स्ट जेन अवार्ड ने विभिन्न क्षेत्रों में अवार्ड की घोषणा की।जिसके अंतर्गत शिक्षा के क्षेत्र में अनुकरणीय कार्यो हेतु महिला शिक्षक वर्ग में *सावित्री ज्योतिराव फुले शिक्षा सम्मान2020* व  पुरुष शिक्षक वर्ग के अंतर्गत *मौलाना अबुल कलाम आज़ाद शिक्षा रत्न सम्मान2020* देना सुनिश्चित किया गया।
विदित हो सावित्री बाई ज्योतिराव फुले को भारत की पहली महिला शिक्षक के रूप में जाना जाता है वहीं मौलाना अबुल कलाम आज़ाद को राष्ट्रीय शिक्षा नीति का संस्थापक माना जाता है।स्वतन्त्रता सेनानी मौलाना अबुल कलाम आज़ाद का जन्म १८१८ में हुआ था।अतः उनके जन्मदिन पर प्रत्येक वर्ष ११नवम्बर को भारत में राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के रूप में मनाया जाता है।
वही दूसरी ओर साहित्य जगत
में नई दिशा व नई सोच को जाग्रत करने वाले साहित्यकारों लेखकों को *भारतेन्दु हरिश्चंद्र राष्ट्रीय साहित्य सम्मान2020* से सम्मानित किया जाएगा।सामाजिक जागरूकता अभियान के अन्तर्गत कुरीतियों को मिटाकर अपने म्रदु स्वभाव व सकारात्मक सोच से समाज को नई दिशा देने का कार्य किया है जिसके लिए उन्हें *लालबहादुर शास्त्री राष्ट्रीय सम्मान२0२0* देने का निश्चय किया गया है।
इसके साथ ही खेल,मीडिया,मनोरंजन आदि क्षेत्रों में अपनी मिसाल कायम करने वाले भारतीय व गैर भारतीय महानुभवों को *पब्लिक फिगर२०२०* सम्मान  से अलंकृत किया जाएगा।

समस्त कार्यक्रम चेरिटेबल होगा जिसमें देश-विदेश के स्पीकर वक्ता अपनी राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर अपने विचार रखेंगे।
वैश्विक स्तर पर शिक्षा में समानता व संभावना हेतु प्रयासों के  विभिन्न पहलुओं पर विमर्श करने का प्रस्ताव है।

सम्पूर्ण कार्यक्रम ११नवम्बर को मध्यान्ह1 बजे से 4 बजे तक ज़ूम एप्प द्वारा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ब्रॉडकास्ट किया जाएगा।
समारोह द्वारा एकत्रित दान की समस्त धनराशि को हेल्प इंडिया हेल्प फाउंडेशन व स्वर्ण भारत परिवार की सेवा नीति परियोजना को सौंपा जाएगा।
*राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपना परचम लहराने वाली एकमात्र संस्था स्वर्ण भारत परिवार राष्ट्र हित हेतु अपनी कर्मठता से आधुनिक भारत के प्रत्येक वर्ग के हित के लिए  प्रत्येक क्षेत्र में अपनी सकारात्मक सोच के साथ निरन्तर अग्रसर है*।

Thursday 29 October 2020

शिक्षा का राष्ट्रीय स्तर पर सम्मान आधुनिक शिक्षा नीति का वैश्विक मान

नेक्स्ट जेन की एक सकारात्मक सोच


कोरोना काल में जहाँ सम्पूर्ण विश्व सहित मानव जीवन को आर्थिक व मानसिक द्वंद में ला खड़ा किया है, वहीं दूसरी ओर कुछ ऐसे व्यक्तित्व भी हैं जो आम जनमानस के अपने कल्याण कार्यों सहित राष्ट्र हित कार्यो से प्रेरणा स्रोत बन जीवन मे एक नई आस जगाने में महत्वपूर्ण भूमिका में सामने आते रहे हैं।
कुछ इस प्रकार के अनूठे व्यक्तित्व को वैश्विक पटल पर उनके उच्च विचारों को साझा करने व उन्हें सम्मान देने की उद्देश्य से पब्लिक फिगर व नेक्स्ट जेन अवार्ड ने विभिन्न क्षेत्रों में अवार्ड की घोषणा की।जिसके अंतर्गत शिक्षा के क्षेत्र में अनुकरणीय कार्यो हेतु महिला शिक्षक वर्ग में सावित्री ज्योतिराव फुले शिक्षा सम्मान 2020 व पुरुष शिक्षक वर्ग के अंतर्गत मौलाना अबुल कलाम आज़ाद शिक्षा रत्न सम्मान 2020 देना सुनिश्चित किया गया।
विदित हो सावित्री बाई ज्योतिराव फुले को भारत की पहली महिला शिक्षक के रूप में जाना जाता है वहीं मौलाना अबुल कलाम आज़ाद को राष्ट्रीय शिक्षा नीति का संस्थापक माना जाता है।स्वतन्त्रता सेनानी मौलाना अबुल कलाम आज़ाद का जन्म १८१८ में हुआ था।अतः उनके जन्मदिन पर प्रत्येक वर्ष ११नवम्बर को भारत में राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के रूप में मनाया जाता है।
वही दूसरी ओर साहित्य जगत
में नई दिशा व नई सोच को जाग्रत करने वाले साहित्यकारों लेखकों को भारतेन्दु हरिश्चंद्र राष्ट्रीय साहित्य सम्मान 2020 से सम्मानित किया जाएगा। सामाजिक जागरूकता अभियान के अन्तर्गत कुरीतियों को मिटाकर अपने म्रदु स्वभाव व सकारात्मक सोच से समाज को नई दिशा देने का कार्य किया है जिसके लिए उन्हें लालबहादुर शास्त्री राष्ट्रीय सम्मान २0२0 देने का निश्चय किया गया है।
इसके साथ ही खेल,मीडिया,मनोरंजन आदि क्षेत्रों में अपनी मिसाल कायम करने वाले भारतीय व गैर भारतीय महानुभवों को पब्लिक फिगर२०२० सम्मान से अलंकृत किया जाएगा।

समस्त कार्यक्रम चेरिटेबल होगा जिसमें देश-विदेश के स्पीकर वक्ता अपनी राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर अपने विचार रखेंगे।
वैश्विक स्तर पर शिक्षा में समानता व संभावना हेतु प्रयासों के विभिन्न पहलुओं पर विमर्श करने का प्रस्ताव है।

सम्पूर्ण कार्यक्रम ११नवम्बर को मध्यान्ह1 बजे से 4 बजे तक ज़ूम एप्प द्वारा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ब्रॉडकास्ट किया जाएगा।
समारोह द्वारा एकत्रित दान की समस्त धनराशि को हेल्प इंडिया हेल्प फाउंडेशन व स्वर्ण भारत परिवार की सेवा नीति परियोजना को सौंपा जाएगा।
राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपना परचम लहराने वाली एकमात्र संस्था स्वर्ण भारत परिवार राष्ट्र हित हेतु अपनी कर्मठता से आधुनिक भारत के प्रत्येक वर्ग के हित के लिए प्रत्येक क्षेत्र में अपनी सकारात्मक सोच के साथ निरन्तर अग्रसर है

Sunday 25 October 2020

वैश्विक शांति और समानता के लिए काम कर रहा है संयुक्त राष्ट्र: पीयूष पण्डित

स्वर्ण भारत परिवार के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने यूनाइटेड नेशंस डे पर विश्व के सभी देशों के युवाओं को शुभकानाएँ दी ।


द्वितीय विश्व युद्ध के बाद दुनिया को तीसरे महायुद्ध के दंश से बचाने और वैश्विक शांति को कायम करने के लिए एक संगठन की स्थापना का विचार रखा गया। इस दिशा में किए गए प्रयासों से संयुक्त राष्ट्र की स्थापना का विचार मूर्त रूप ले पाया।

संयुक्त राष्ट्र घोषणापत्र को तैयार किया गया और इसे 24 अक्तूबर 1945 को लागू किया गया। इस तरह 24 अक्तूबर को प्रतिवर्ष संयुक्त राष्ट्र दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस वर्ष संयुक्त राष्ट्र दिवस की 75वीं वर्षगांठ है। इस उपलब्धि को मनाने के लिए सदस्य देशों ने 21 सितंबर को एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया था, जहां उन्होंने बहुपक्षवाद के लिए अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की।

24 अक्तूबर को एक ऐतिहासिक दिन के रूप में देखा जाता है, जब दुनिया के कुछ सबसे बड़े देशों द्वारा घोषणापत्र के अनुसमर्थन के बाद संयुक्त राष्ट्र आधिकारिक रूप से अस्तित्व में आया। संयुक्त राष्ट्र घोषणापत्र इस महान गैर-पक्षपातपूर्ण संस्था का संस्थापक दस्तावेज है जो वैश्विक शांति और समानता के लिए काम कर रहा है।

द्वितीय विश्व युद्ध की समाप्ति के तुरंत बाद संयुक्त राष्ट्र की स्थापना हुई थी। यह भविष्य में युद्धों को रोकने के उद्देश्य से स्थापित किया गया। यह एक अंतरसरकारी संगठन है जिसकी प्राथमिक भूमिका विश्व शांति और सुरक्षा बनाए रखना है। पिछले 75 सालों में दुनिया को तीसरे महायुद्ध से बचाकर इसने अपनी विश्वसनीयता साबित की है।

Friday 23 October 2020

स्वर्ण भारत परिवार कम्पेन अगेंस्ट एसिड अटैक की ब्रांड एम्बेसडर बनी उर्मिला देवी

दिल्ली : भारत के सबसे युवा सामाजिक ट्रस्ट स्वर्ण  भारत परिवार ने  नेक्सट जेन अवार्ड्स के साथ मिलकर एसिड अटैक के बारे में जागरूकता फैलाने की पहल शुरू की है। बीते माह वेलेंटाइन डे से शुरू होने वाला यह अभियान अब सालों साल तक चलेगा। चित्रों और सच्ची कहानियों की एक श्रृंखला के माध्यम से, कंपेन अगेंस्ट एसिड अटैक के हैश टैग  लांच किया इस मौके पर यूनाइटेड नेशन सस्टेनेबल डेवलपमेन्ट गोल्स से प्रेरित होकर स्वर्ण भारत ने अपना *ब्रांड एम्बेसडर उर्मिला देवी को घोषित* किया साथ इस अभियान का उद्देश्य यह संदेश फैलाना है कि कोई भी चीज व्यक्ति की भावना और प्यार में उनके विश्वास को नहीं तोड़ सकती है। नेक्स्ट जेन कंपनी ने अपनी वेबसाइट पर इस कंपेन के लिए लोगो से दान की अपील की है ।
मीडिया को संबोधित करते हुए, स्वर्ण भारत परिवार ट्रस्ट के फाउंडर, पीयूष पण्डित ने कहा, “पिछले कुछ वर्षों से एसिड अटैक से बची युवतियों के साथ काम करने, उनके साथ काम करने, उनके साथ क्वालिटी टाइम बिताने पर मैंने जाना कि जीवन के प्रति इन युवतियों का उत्साह और आशा बरकरार थी। मैं यह जानने के लिए उत्सुक था कि वे इतनी ताकत कहां से प्राप्त करती हैं और जो चीज उन सभी की कहानियों में कॉमन दिखाई दी, वह है उनके जीवन में विभिन्न लोगों से उन्हें मिला बिना शर्त प्यार। मैं इन अद्भुत कहानियों को साझा करने और उनके साहस को सलाम करने के लिए उत्सुक था और तभी इस कंपेन का विचार मन में आया। मेरा मानना है कि हमारे समाज में लोगों को स्वीकार करने और उन्हें देखने को लेकर सोच में बड़ा बदलाव लाने की जरूरत है और हम सभी के लिए उन्हें गले लगाना और यह एहसास दिलाना जरूरी है कि सुंदरता सिर्फ त्वचा की गहराई तक नहीं होती है। कंपनी नेक्स्ट जेन  के साथ हमारे अनूठे सहयोग के माध्यम से यह संभव हो सका। यह सहयोग इस बात पर प्रकाश डालता है कि कैसे प्यार सब कुछ जीत सकता है और यह कि सुंदर शब्द सिर्फ एक सुंदर चेहरे और संपूर्ण शरीर से बहुत बढ़कर है। हमें कंपनी के साथ जुड़ने और उसके प्रयासों का हिस्सा बनने पर बेहद खुशी और गर्व है।'

Wednesday 21 October 2020

सेवानीति मध्यप्रदेश स्वर्ण भारत परिवार

स्वर्ण भारत परिवार द्वार अनाथ वह गरीब निर्धन बच्चों को रहने खाने पहनने व शिक्षा की व्यवस्था मुहैया कराई जा रही है शिक्षण व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए स्वर्ण भारत परिवार द्वारा ऑनलाइन पढ़ाई कराई जा रही है इस समाज सेवा कार्य मैं स्वर्ण भारत परिवार के पदाधिकारियों सहित रेलवे के स्पेशल मजिस्ट्रेट प्रकाश सिंह उईके सहित मध्य प्रदेश विधिक सेवा प्राधिकरण की सेक्रेटरी श्रीमती गिरिबाला सिंह जी को मोमेंटो द्वारा सम्मानित किया गया पुष्पा द्विवेदी, सहित जय जिनेंद्र समिति के   मयूर संघवी  सोशल वर्कर  गौतम बोथरा, प्रीति सिंह सदस्य गण की उपस्थिति में बच्चों ने पेंटिंग बनाकर अतिथियों को गिफ्ट किया यही नहीं बच्चों द्वारा ग्रहण की जा रही प्राप्त शिक्षा से संबंधित अतिथियो को बच्चों ने जानकारी भी दी।

इस दौरान अतिथियों द्वारा बच्चों को वस्त्र फल सहित अन्य सामग्रियां वितरित की गई।

स्वर्ण भारत , स्वर्ण भारत है।
हर दर्द में,हर जख्म में मरहम की है तरह ।।
यहाँ मान है सम्मान है , हर वक्त हम तैयार हैं।

सेवानीति परमो धर्म

Monday 19 October 2020

गोल्डन बुक ऑफ अर्थ का अंतराष्ट्रीय स्तर पर भव्य विमोचन

20 देशों के राष्ट्राध्यक्षों सहित पृथ्वी के 101 मोस्ट इंस्पायरिंग लोगों की जीवनी हुई प्रकाशित

स्वर्ण भारत  परिवार व प्रूडेंट पेन्स के संयुक्त तत्वावधान मे हुआ आयोजन
स्वर्ण भारत ने एक बार फिर से साबित कर दिया कि क्यो स्वर्ण भारत परिवार को  देश दुनिया मे सबसे नवीन कार्य करने के लिए जाना जाता रहा है, स्वर्ण भारत परिवार ग्लोबल ने प्रूडेंट पेन्स के साथ मिलकर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर गोल्डन बुक ऑफ अर्थ का भव्य विमोचन किया। जिसमे अमेरिका,भारत ऑस्ट्रलिया, रूस, इंगलैंड, घाना, इंडोनेशिया, श्रीलंका आदि 20 देशों के राष्ट्राध्यक्षों सहित वैश्विक स्तर के 81 ऐसे लोग, जिन्हीने विषम परिस्थितियो से लड़कर खुद को साबित किया है, उन महान व्यक्तियों की जीवनी को गोल्डन बुक ऑफ द अर्थ में शामिल किया गया है, इस तरह ये 101 लोग पृथ्वी क सबसे ज्यादा प्रभावित करने वाले लोग बन जाते हैं यानि की मोस्ट इंस्पायरिंग पीपल ऑफ द अर्थ । ज्ञात हो की मोस्ट इंस्पायरिंग पीपल ऑफ अर्थ वैबसाइट का विमोचन स्वर्ण भारत परिवार द्वारा पहले ही किया जा चुका है।

पुस्तक के बारे मे मीडिया को संबोधित करते हुए स्वर्ण भारत के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री पीयूष पंडित ने बताया के इस बुक में विषम परिस्थियों मे प्रेरणादायक  कार्य करने वाले लोगो की कहानियाँ हैं  जो आपको झकझोर देंगी और सोचने को मजबूर कर देंगी के क्या वाकई मे आप अपने इंसान होने का फर्ज़ निभा रहे है या नहीं, आपके धरती पर जन्म लेने के उद्देश्य को पूर्ण करती नज़र आ रही है "गोल्डेन बुक ऑफ द वर्ल्ड"। साथ ही इस पुस्तक की खासियत ये है के इसमे करीब 20 देशों के राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री की जीवनगाथा को स्थान मिला है जिसमे ऑस्ट्रलिया, अमेरिका,रूस, इंगलैंड, घाना, इंडोनेशिया,सहित अन्य कई देशों के प्रमुखों की जीवन गाथा को लिखा गया है ,भारतीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की अनूठी आत्मकथा को नए तरीके से पेश करती है गोल्डन बुक । साथ ही इस मे भारत सरकार के कुछ मंत्रियों को विशेष रूप से शामिल किया गया है, पीयूष पण्डित ने कहा कि बहुत से अनूठे उदाहरण पेश करने वाले आम व्यक्तियों को उनके द्वारा किये जा रहे विशेष प्रयोगों जिससे मानवता का विकास व आम नागरिकों के जीवन मे बदलाव आया है उसे चित्रित किया गया है। ऑनलाइन लॉंच करने के साथ ही बुक जल्द ही इंटरनेशनल बुक सेलर अमेज़ॉन की वेबसाइट पर किंडल वर्जन के साथ प्रिंट वर्जन में जारी की जाएगी । वेब साइट मॉडल को तैयार कर रही कंपनी जेम्स इंफोटेक ने बताया की द इंस्पारिग पीपल डॉट कॉम की वेबसाइट पर सभी चयनित विशेषज्ञों की जीवनी जारी करने के लिए युद्घस्तर पर कार्य चल रहा है ।

गोल्डन बुक ऑफ अर्थ का विमोचन ज़ूम एप के माध्यम से किया गया , ऑनलाइन किए गए इस कार्यक्रम के दौरान शामिल किए गए व्यक्तियों ने अपनी प्रेरक कहानियो को अपने शब्दो मे सुनाया और बताया के किस तरह उन्होने कभी खुद , से कभी परिवार से , कभी समाज से तो कभी परिस्थितियो से लड़ते हुए अपने आप को साबित किया तथा अपने नाम देश विदेश मे स्थापित किया । स्वर्ण भारत परिवार के अथक प्रयास से अन्तराष्ट्रीय बुक एजेंसी द्वारा भारतीय मूल के विशेष व्यक्तियों की जीवनी लिखने व ग्लोबल बुक ऑफ द अर्थ में शामिल करने मे सफल रहा है । प्रूडेंट पेन्स ने बहुत ही कलात्मक अंदाज मे सभी की जीवनियों को शब्दो मे पिरोया है। समारोह के प्रारम्भ ने मे पीयूष पण्डित के अध्यात्म गुरुजी श्री आनंद गिरि जी महाराज ने स्वर्ण भारत के  के कार्यो की सराहना की और अपना आशीर्वाद संस्था को प्रदान किया, स्वामी श्री दण्डी जी महाराज ने विडियो के माध्यम से कार्यक्रम के सफल आयोजन की कामना की । पानबाई इंटर नॅशनल स्कूल मुंबई की प्रिंसिपल प्रतिभा मिश्रा ने वेबिनार को मूर्तरूप देने मे महत्वपूर्ण भूमिका अदा की । दिशा फ़ाउंडेशन की चेयरपर्सन वंदना शुक्ला ने हमेशा की तरह स्वर्ण भारत के कार्यों की सराहना की और भविष्य मे साथ काम करने की इच्छा जाहिर की। स्वर्ण भारत ग्लोबल की पीस एम्बेस्डर थेरेसा एग्यमंग ने वैश्विक शांति को बढ़ावा देने के लिए किए जाने वाले प्रयासो की चर्चा की। नारायणपुर कृषि विश्वविद्यालय एवं रिसर्च सेंटर की डीन रत्ना नशिने , राधा वाल्मीकि एवं रेणुका यादव ने स्वर्ण भारत एवं पीयूष पंडित के कार्यो की भूरी भूरी प्रशंसा की।
कार्यक्रम के दौराम स्पीकर  MSME चेम्बर ऑफ कॉमर्स के चेयरमेन इंद्रजीत घोष जी ने युवाओ के लिए रोजगार के विस्तृत अवसरो पर चर्चा करी, जितेंद्र मणि त्रिपाठी जी ने वैदिक काल के स्वर्णिम युग एवं वर्तमान मे वैदिक संस्कृति को अपनाने की आवश्यक्ता पर ज़ोर दिया, साथ ही युवाओ को जुर्म से दूर रहने के लिए चेताया। पूर्व सेशन जज उदय चंद बारूपल जी ने विश्व शांति का संदेश दिया और युवा कौशल पर अपने विचार व्यक्त किए । कौन बनेगा करोड़पति विनर एवं अंतर्राष्ट्रीय पैरा एथलीट शताब्दी अवस्थी ने अपने जीवन संघर्ष के बारे मे बताते हुए मानसिक तनाव को किस तरह दूर किया जाए इस पर अपने विचारो को व्यक्त किया। यास्मिन बेग़म ने शिक्षा की आवश्यकता पर ज़ोर दिया तथा बताया की शिक्षा के माध्यम से समाज से कई बुराइया दूर की जा सकती हैं। कंचन शर्मा ने समाज मे दिब्यअंगो की स्थिति एव उनके उत्थान के लिए किए जाने वाले कार्यो की चर्चा की । कार्यक्रम के दौरान संस्था की कीनोट स्पीकर डा. मोनिका कौशल ने दुबई से महिलाओ एवं बच्चो के स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओ पर चर्चा की, डा .क्रुति वजीर जो की एक सफल आंतप्रेनयोर हैं ने वर्तमान कोरोना महामारी के समय व्यवसाय  के अवसर पर अपने विचार व्यक्त किए,पूनम खंगारोत जी ने राजस्थान मे महिला उत्थान के लिए किए जा रहे कार्यो पर चर्चा की, विश्वनाथ पाणिग्रही जी ने वर्तमान समाज मे वृद्धो की स्थिति पर चर्चा करते हुए उन्हे एक सम्मान पूर्वक जीवन देने की आवश्यकता पर ज़ोर दिया। एजीप्ट से नाड़ा नाबिल ने बताया कि किस तरह स्वर्ण भारत एजीप्ट मे अपने आप को स्थापित कर निरंतर आगे बढ़ रहा है, ओस्ट्रेलिया से स्वर्ण भारत के प्रतिनिधि वेद तिवारी ने ऑस्ट्रेलिया मे स्वर्ण भारत द्वारा किए जा रहे कार्यो कि विस्तार से चर्चा की । प्रूडेंट पेन्स की संस्थापक प्रूडेंस ओन्नाह ने गोल्डेन बुक को जारी करने के अपने अनुभव को साझा करते हुए बताया की किस तरह से लोगों की प्रेरणादायक कहानियो ने उनके जीवन को पूरी तरह से बदल दिया है साथ ही उन्होने जाना कि किस तरह भारत के लोग समस्याओ का सामना मजबूती से करते हैं। स्वर्ण भारत परिवार ग्लोबल की ट्रस्टी श्रीमति रोशनी लाल जी ने स्वर्ण भारत परिवार के विश्वव्यापी वर्तमान और आगामी कार्यक्रमों कि रूपरेखा को सभी के सामने विस्तार पूर्वक रखा, स्वर्ण भारत (महिला) कि अध्यक्षा अंजु पंडित ने बताया कि महिला सशक्तिकरण को आगे लेकर जाना वर्तमान समय मे बहुत जरूरी है, पूनम मदान ने लड़कियो के साथ हो रही छेड़छाड़ को रोकने के लिए लड़को को सही तरीके से शिक्षित करने और लड़कियों को आत्मनिर्भर और सशक्त होने पर ज़ोर दिया। एक सफल आंतप्रेनयोर होने के नाते दीपा माथुर ने व्यवसाय मे महिलाओ कि कमजोर स्थिति के बारे मे बताया साथ ही उन माध्यमों से अवगत कराया जिनके द्वारा महिलाये व्यवसाय के क्षेत्र मे भी अपना नाम कमा सकती हैं।डॉ वंशीधर तातेर ने अपनी ओजस्वी कविता के जरिये स्वर्ण भारत को सुभाशीर्वाद दिया।ऐंकरिंग कर रही टीम में अनिकेत भोषाल, रश्मि , स्वाति की प्रशंशा करते हुए पीयूष पण्डित ने उनको धन्यवाद दिया । कार्यक्रम के समापन में वोट ऑफ थैंक्स इंटरनेशनल स्कूल की प्रिंसिपल प्रतिभा मिश्रा ने कार्यक्रम में भागीदारी करने वाले सभी व्यक्तियों को धन्यवाद किया।


Saturday 17 October 2020

न्यायविद बारुपाल पूर्व न्यायाधीश और वरिष्ठ समाजसेवी डॉ माल्या "गोल्डन बुक ऑफ द अर्थ" मे नामित

वैश्विक स्तर पर 101 महान व्यक्तियों की जीवन शैली को मूर्तरूप देनें में लगा है "अन्तरराष्ट्रीय बुक एजेंसी प्रूडेन्ड पेन" जिसको दस देशों के लेखक लिखने में लगें है। भारत के विशेष कर्मयोगियों की गौरवशाली गाथा को विश्व स्तरीय लांचिग में स्वर्ण भारत परिवार, उदयकौशल फाउंडेशन और दिशा फाउन्डेशन पूर्ण मनोयोग से प्रयासरत है।
        "द मोस्ट इन्सपायरिग पीपल ऑफ अर्थ "  में न्यायविद उदयचन्द बारुपाल पूर्व न्यायाधीश एवं संस्थापक एव राष्ट्रीय अध्यक्ष उदयकौशल फाउंडेशन एवं वरिष्ठ समाजसेवी डॉ. दौलतराम माल्या समर्पन संस्था नामित हुऐ हैं।
               डॉ. दौलतराम माल्या
       उदयचन्द बारुपाल पूर्व न्यायाधीश 
उदयचन्द बारुपाल         पूर्व न्यायधीश बारुपाल को अन्तराष्ट्रीय बोर्ड कमेटी का सदस्य भी नामित किया गया है।
        बारुपाल व डॉ माल्या ने  सन्घर्ष कर जीवन में यह मुकाम हासिल किया हैं।

Friday 16 October 2020

गोल्डन बुक ऑफ द अर्थ को विकिपिडिया की तर्ज पर किया जाएगा विकसित : स्वर्ण भारत

स्वर्ण भारत परिवार ग्लोबल ने खरीदा गोल्डन बुक ऑफ द अर्थ का पेटेंट

 "गोल्डन बुक ऑफ द अर्थ" में शामिल किये जायेंगे अंतराष्ट्रीय स्तर के रिकॉर्ड,बायोग्राफी ,और व्यक्तिगत खोज, रिकार्ड्स को भी शामिल किया जाएगा, रिसर्च करने वाले अपने रिसर्च पेपर भी पब्लिश कर सकते हैं,
पृथ्वी की स्वर्ण पुस्तक आपको अपने काम को जल्दी से साझा करने, समुदाय से प्रतिक्रिया प्राप्त करने और एक पत्रिका में समीक्षा से पहले अपनी पांडुलिपि में बदलाव करना शुरू करने देती है। आप अपने क्षेत्र की सफलताओं के बारे में भी जान सकते हैं और नई खोजों पर टिप्पणी कर सकते हैं।
अपने शोध को जल्दी साझा करें और समुदाय से प्रतिक्रिया प्राप्त करें
नवीनतम शोध पर पहुंचें और उभरते विज्ञान पर टिप्पणी करें।

ग्लोबल बुक ऑफ द अर्थ का मिशन स्टेटमेंट जारी:

सभी राष्ट्रीय और विश्व रिकॉर्ड बनाएं, संकलित करें, व्यवस्थित करें और संपादित करें
विश्व में रहने वाले सभी लोगों और विदेशों में रहने वाले भारतीय लोगों के लिए राष्ट्रीय और विश्व रिकॉर्ड तोड़ने के अवसरों को बढ़ावा देना
मानवीय उत्कृष्टता को प्रदर्शित करने के लिए एक मंच प्रदान करें और सभी को अपने सर्वश्रेष्ठ के लिए प्रयास करने के लिए प्रोत्साहित करें इन्ही लक्ष्यों के साथ स्वर्ण भारत परिवार ने गोल्डन बुक ऑफ द अर्थ पर अपना सम्पूर्ण दावेदारी हांसिल की , पीयूष पण्डित ने स्वर्ण भारत के साथ धरती की स्वर्ण पुस्तक जुड़ने से हम उत्साहित हैं। आइये नज़र डालें स्वर्ण भारत की आंतरिक कार्यशैली पर ।

स्वर्ण भारत ग्लोबल विश्व स्तर पर प्रसिद्ध संगठनों में से एक है जो दुनिया भर के लोगों के सामाजिक-आर्थिक विकास में काम करता है। अपने परोपकारी स्वभाव के कारण,स्वर्ण भारत शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यावरण के संरक्षण, कंप्यूटर शिक्षा, सूचना प्रौद्योगिकी, मानव अधिकारों, स्वरोजगार और युवा प्रेरणा के माध्यम से सतत विकास के लक्ष्य की ओर आगे बढ़ रहा है, स्वर्ण भारत को अंतरराष्ट्रीय कैलिबर के साथ गुणवत्ता कंप्यूटर शिक्षा प्रदान करने के लिए विभिन्न राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय निकायों से बहुत प्रामाणिक मान्यता प्राप्त है। कंप्यूटर शिक्षा को बढ़ावा देने के पीछे का मकसद कंप्यूटर शिक्षा के अग्रिम तकनीकी पहलुओं में देश और विदेश के युवाओं को प्रेरित करना है। स्वर्ण भारत समानता के दर्शन और सेवानीति के माध्यम से दुनिया की प्रतिभा को बढ़ाने के अवसरों का अनुसरण करता है। जैसे-जैसे हम बढ़ते और पैमाने पर सफलताओं में पूर्ण दृश्यता प्रदान करते हैं, और कभी-कभी विफलताओं पर गर्व करते हैं। यह हमारी संस्कृति का एक अभिन्न अंग है क्योंकि हम कार्यों में एक समान लक्ष्य की ओर सहयोग करते हैं और काम करते हैं। हमें विश्वास है कि स्वर्ण भारत परिवार से जुड़े हर व्यक्ति सम्मान प्राप्त करता है, और यही कारण है कि सीखना और विकास हमारे लिए एक महत्वपूर्ण है। यह कर्मचारियों को काम के माहौल में सशक्त बनाता है जो अनुकूल है। हम विनम्रता के आधार पर आगे बढ़ते हैं और महत्वाकांक्षा से प्रेरित होते हैं। यह लगातार हमारे सर्वश्रेष्ठ होने पर जोर देता है, समाधानों पर ध्यान केंद्रित करता है, और हर दिन हमारी प्रतिभा, जुनून और कड़ी मेहनत के माध्यम से एक प्रभाव बनाने के लिए प्रेरित होता है।स्वर्ण भारत बेजोड़ दृष्टि, नवाचार और निष्पादन का अनुसरण करता है।आगामी वर्ष में विश्व के 195 देशों में सेवानीति का परचम लहराने के लिए हम वचनवद्ध हैं, हम नवाचार, तेज,और विनम्रता के वाहक हैं,ज्ञान सम्मान सुरक्षा एकता,हमारे स्तम्भ हैं,हम विज्ञानवाद और अध्यात्मवाद की अनूठी कड़ी हैं, हम वैश्विक हैं,हम निर्विरोध हैं,हम स्वर्ण भारत परिवार हैं,

Wednesday 14 October 2020

प्रूडेंट पेन्स और स्वर्ण भारत परिवार का संयुक्त संग्रह- विश्व की 101 प्रेरक आत्मकथाएं

"गोल्डन बुक ऑफ अर्थ" में शामिल हुए अंतराष्ट्रीय प्रेरक व्यक्तित्व

निर्धारित अवधि के एक दिन पूर्व 101 व्यक्तियों की सूची हुई पूरी

स्वर्ण भारत परिवार की व्यक्तित्व रिसर्च एवं डेवलपमेंट कौंसिल ने 50 भारतीयों की आत्मकथाएँ संग्रह कर इंटरनेशनल बुक पब्लिशिंग हाउस प्रूडेंट पेन्स को प्रेषित की प्रूडेंट पेन्स की राइटिंग कॉउन्सिल ने सभी भारतीयों की आत्मकथा को विश्वस्तरीय बनाने में जुट गई है, आने वाली 18 अक्टूबर को वर्चुवल वेबिनार ज़ूम एप्प से गोल्डन बुक ऑफ द अर्थ का विमोचन किया जाएगा, वैश्विक चेंजमेकर की गौरवशाली गाथा, भारत के विशेष कर्म योगियों की कहानी को ग्लोबल लांचिंग करने के लिए स्वर्ण भारत परिवार ने अपने सहयोगियों संग शुरू की तैयारी , उदय कौशल फॉउंडेशन, दिशा फॉउंडेशन ने भारतीयों की आत्मकथाएं प्रस्तुत की हैं ।
 द मोस्ट इंस्पायरिंग पीपल ऑन अर्थ टाइटल वेबसाइट लांच की जा चुकी है, कहानियों में विषम परिस्थियों  प्रेरणादायक  कार्य करने वाले लोगो की कहानियाँ हैं  जो आपको झकझोर देंगी और सोचने को मजबूर कर देंगी के क्या वाकई मे आप अपने इंसान होने का फर्ज़ निभा रहे है या नहीं, आपके धरती पर जन्म लेने के उद्देश्य को पूर्ण करती नज़र आ रही है "गोल्डेन बुक ऑफ द वर्ल्ड"

भारतीय प्रधानमंत्री की अनूठी आत्मकथा को नए तरीके से पेश की गई है करीब 40 देशों के राष्ट्रपति य प्रधानमंत्री की जीवनगाथा को स्थान मिला है जिसमे ऑस्ट्रलिया, अमेरिका,रूस, इंगलैंड, घाना, इंडोनेशिया,सहित अन्य कई देशों के प्रमुखों की जीवन गाथा को लिखा गया है , भारत सरकार के कुछ मंत्रियों को विशेष रूप से शामिल किया गया है, पीयूष पण्डित ने कहा कि बहुत से अनूठे उदाहरण पेश करने वाले आम व्यक्तियों को उनके द्वारा किये जा रहे विशेष प्रयोगों जिससे मानवता का विकास व आम नागरिकों के जीवन मे बदलाव आया है उसे चित्रित किया गया है । बुक जल्द ही इंटरनेशनल बुक सेलर अमेज़ॉन की वेबसाइट पर किंडल वर्जन के साथ प्रिंट वर्जन में जारी की जाएगी । वेब मॉडल तैयार कर रही कंपनी जेम्स इंफोटेक ने द इंस्पारिग पीपल डॉट कॉम की वेबसाइट पर सभी चयनित विशेषज्ञों की जीवनी जारी करने की बात कही है।

गोल्डन बुक ऑफ द अर्थ में 50 देशों के राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री के साथ विश्व के 51 विशिष्ट व्यक्तियों की जीवनी शामिल

18 अक्टूबर को ज़ूम एप्प पर होगा वेबिनार , भाग लेंगे अलग अलग देशों के प्रतिनिधि

स्वर्ण भारत परिवार के अथक प्रयास से अन्तराष्ट्रीय बुक एजेंसी को भारतीय मूल के विशेष व्यक्तियों की जीवनी लिखने व ग्लोबल बुक ऑफ द अर्थ में शामिल करने हेतु तैयार करने में सफल रहा है । ग्लोबल बुक ऑफ अर्थ में शामिल किए जाएंगे विशिष्ट व्यक्ति, अंतराष्ट्रीय बुक पब्लिशर प्रूडेंस पेन  लॉंच करने जा रहा है द मोस्ट इंस्पायरिंग पीपल ऑफ अर्थ जहां लिखी जाएगी पृथ्वी के सबसे प्रेरणादायक लोगो की कहानियाँ जो आपके झकझोर देंगी और सोचने को मजबूर कर देंगी के क्या वाकई मे आप अपने इंसान होने का फर्ज़ निभा रहे है या नहीं, आपके धरती पर जन्म लेने के उद्देश्य को पूरा करेगी गोल्डेन बुक ऑफ द वर्ल्ड।  आज से अंतराष्ट्रीय स्तर पर ऐसे प्रेरणादायक लोगो की खोज शुरू हुई है, जिन्होंने अपने कार्यों से आमजनमानस के जीवन मे बहुआयामी बदलाव लाने में मदद की है, सभी चयनित 101 इंफ्लुएंसर्स को  द मोस्ट इंस्पायरिंग पीपल ऑफ अर्थ अवार्ड से सम्मानित किया जाएगा,और उनकी इंस्पायरिंग सक्सेस स्टोरीज को प्रूडेंस पेन द्वारा पब्लिश किया जाएगा जो अंतराष्ट्रीय बुक सेलिंग प्लेटफार्म अमेजॉन द्वारा वैश्विक स्तर पर लांच की जाएगी। यूरोप, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, एशिया, आदि द्वीपों से इंस्पायरिंग व्यक्तियों को स्थान दिया जाएगा , पीस मेकर्स, हुमिनिटेरियन, महिला एंटरप्रेन्योर,हाउस वाइफ,लीडर्स,प्रशासनिक अधिकारियों सहित सोशल एक्टिविस्ट व एंटरप्रेन्योरशिप को बढ़ावा दे रहे युवाओं,व अपने अनुभवों से युवाओं को प्रेरित करने वाले वरिष्ठजनों को कार्यक्रम में तरजीह देने की बात कही जा रही है ।
इस कार्यक्रम की घोषणा के साथ ही व्यापक रूप से प्रतिक्रियाये आनी शुरू हो गई हैं, केन्द्रीय मंत्री श्री नितिन गडकरी एवं मंत्री रवि शंकर प्रसाद जी व सोनू सूद की जीवनी इस गोल्डेन बुक ऑफ द वर्ल्ड के माध्यम से जानने को मिलेगी , स्वर्ण भारत परिवार मीडिया प्रभारी संतोष पांडेय ने कहां कि वैष्विक स्तर पर सर्वे करके करीब 50 देशों के प्रधानमंत्री,व राष्ट्रपतियों को , उनके द्वारा किये जा रहे इस विषम परिस्थियों में भी अद्भुत कार्यों की वजह से गोल्डन बुक ऑफ द अर्थ में जीवनी संकलित की जा रही है।

Global Book Of The Earth

Global Book Of The Earth 

प्रूडेंट पेन्स और स्वर्ण भारत परिवार का संयुक्त संग्रह- विश्व की 101 प्रेरक आत्मकथाएं

"गोल्डन बुक ऑफ अर्थ" में शामिल हुए अंतराष्ट्रीय प्रेरक व्यक्तित्व


निर्धारित अवधि के एक दिन पूर्व 101 व्यक्तियों की सूची हुई पूरी

स्वर्ण भारत परिवार की व्यक्तित्व रिसर्च एवं डेवलपमेंट कौंसिल ने 50 भारतीयों की आत्मकथाएँ संग्रह कर इंटरनेशनल बुक पब्लिशिंग हाउस प्रूडेंट पेन्स को प्रेषित की प्रूडेंट पेन्स की राइटिंग कॉउन्सिल ने सभी भारतीयों की आत्मकथा को विश्वस्तरीय बनाने में जुट गई है, आने वाली 18 अक्टूबर को वर्चुवल वेबिनार ज़ूम एप्प से गोल्डन बुक ऑफ द अर्थ का विमोचन किया जाएगा, वैश्विक चेंजमेकर की गौरवशाली गाथा, भारत के विशेष कर्म योगियों की कहानी को ग्लोबल लांचिंग करने के लिए स्वर्ण भारत परिवार ने अपने सहयोगियों संग शुरू की तैयारी , उदय कौशल फॉउंडेशन, दिशा फॉउंडेशन ने भारतीयों की आत्मकथाएं प्रस्तुत की हैं ।

 द मोस्ट इंस्पायरिंग पीपल ऑफ अर्थ टाइटल वेबसाइट लांच की जा चुकी है, कहानियों में विषम परिस्थियों  प्रेरणादायक  कार्य करने वाले लोगो की कहानियाँ हैं  जो आपको झकझोर देंगी और सोचने को मजबूर कर देंगी के क्या वाकई मे आप अपने इंसान होने का फर्ज़ निभा रहे है या नहीं, आपके धरती पर जन्म लेने के उद्देश्य को पूर्ण करती नज़र आ रही है "गोल्डेन बुक ऑफ द वर्ल्ड"

भारतीय प्रधानमंत्री की अनूठी आत्मकथा को नए तरीके से पेश की गई है करीब 40 देशों के राष्ट्रपति य प्रधानमंत्री की जीवनगाथा को स्थान मिला है जिसमे ऑस्ट्रलिया, अमेरिका,रूस, इंगलैंड, घाना, इंडोनेशिया,सहित अन्य कई देशों के प्रमुखों की जीवन गाथा को लिखा गया है , भारत सरकार के कुछ मंत्रियों को विशेष रूप से शामिल किया गया है, पीयूष पण्डित ने कहा कि बहुत से अनूठे उदाहरण पेश करने वाले आम व्यक्तियों को उनके द्वारा किये जा रहे विशेष प्रयोगों जिससे मानवता का विकास व आम नागरिकों के जीवन मे बदलाव आया है उसे चित्रित किया गया है । बुक जल्द ही इंटरनेशनल बुक सेलर अमेज़ॉन की वेबसाइट पर किंडल वर्जन के साथ प्रिंट वर्जन में जारी की जाएगी । वेब मॉडल तैयार कर रही कंपनी जेम्स इंफोटेक ने द इंस्पारिग पीपल डॉट कॉम की वेबसाइट पर सभी चयनित विशेषज्ञों की जीवनी जारी करने की बात कही है।

Sunday 11 October 2020

डाँ. रत्ना नशीने की बायोग्राफी ग्लोबल बुक आफॅ अर्थ में शामिल

‘‘द मोस्ट ईस्पायारिंग पीपुल ऑन अर्थ‘‘ अफ्रिकन ग्लोबल बुक एंजेसी प्रुडेन्ट पेंन की किताब में विश्व के कई विशिष्टि प्रेरणादायी कर्मयोगीयों की जीवन गाथा प्रकाशित की जारही है। इस श्रृखला में भारत के प्रेरणादायी कर्मयोगीयों की जीवनी शामिल की जावेगी। इसी तारतम्य में इंदिरा गांधी कृषि विश्व विद्यालय रायपुर (छ.ग.) के अधीनस्थ कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केन्द्र, नारायणपुर छत्तीसगढ़ की शिक्षा, प्रसार कार्य, लेखन व समाज सेवा के लिए कई पुरूस्कारों से सम्मानित प्रोफेसर डाॅ. रत्ना नशीने की जीवनी गोल्डन बुक ऑफ अर्थ में शामिल किया गया है।


डाँ. रत्ना नशीने कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केन्द्र, में प्रोफेसर एवं अधिष्ठाता के पद पर कार्यरत हैं। डाॅ. रत्ना नशीने को महिला उत्थान के लिए नागरिक सम्मान किरनापुर सम्मान दिया गया। डाॅ. रत्ना नशीने को शिक्षा एवं आदिवासी क्षेत्रों मे कृषको की आय को बढ़ाने के लिय भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद नई दिल्ली के द्वारा, फखरूधीन अली अहमद आवार्ड प्रदान किया गया। ग्लोबल टीचर आवर्ड, बेस्ट होम साइंटिस्ट आवार्ड, बेस्ट वुमन आफ अग्रीकल्चर साइन्सेस, आउटस्टेडिंग अर्चीवमेन्ट आवार्ड, बेस्ट रिर्सोस परसन इन होमसाइंस,उत्कृष्ट प्रसार वैज्ञानिक, उत्कृष्ट वैज्ञानिक पुरूस्कार के साथ कुपोषण और एनिमिया से बचाव के लिए डाॅ. ए. पी. जे. अब्दूल कलाम राष्ट्रीय पुरूस्कार से सम्मानित किया गया। उन्हें तीन बार उत्कृष्ट राष्ट्रीय सेवा योजना कार्यक्रम अधिकारी सम्मान राष्ट्रीय एवं अंतराष्ट्रीय शिवीरो में दिया गया है। हैहय क्षत्रिय कलचुरी समाज द्वारा ‘‘समाज रत्न‘‘ से भी सम्मानित हुई है। माननीय प्रधान मंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के द्वारा मन की बात नारी सशक्तिकरण के लिए लांच किये गये कार्यक्रम भारत की लक्ष्मी के लिये ‘‘केचुवा खाद्य उद्यमिता से महिला उत्थान‘‘ की कहानी मार्च 2020 मे चयनित हुई थी।

डाँ. रत्ना नशीने कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केन्द्र, में प्रोफेसर एवं अधिष्ठाता के पद पर कार्यरत हैं। डाॅ. रत्ना नशीने को महिला उत्थान के लिए नागरिक सम्मान किरनापुर सम्मान दिया गया। डाॅ. रत्ना नशीने को शिक्षा एवं आदिवासी क्षेत्रों मे कृषको की आय को बढ़ाने के लिय भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद नई दिल्ली के द्वारा, फखरूधीन अली अहमद आवार्ड प्रदान किया गया। ग्लोबल टीचर आवर्ड, बेस्ट होम साइंटिस्ट आवार्ड, बेस्ट वुमन आफ अग्रीकल्चर साइन्सेस, आउटस्टेडिंग अर्चीवमेन्ट आवार्ड, बेस्ट रिर्सोस परसन इन होमसाइंस,उत्कृष्ट प्रसार वैज्ञानिक, उत्कृष्ट वैज्ञानिक पुरूस्कार के साथ कुपोषण और एनिमिया से बचाव के लिए डाॅ. ए. पी. जे. अब्दूल कलाम राष्ट्रीय पुरूस्कार से सम्मानित किया गया। उन्हें तीन बार उत्कृष्ट राष्ट्रीय सेवा योजना कार्यक्रम अधिकारी सम्मान राष्ट्रीय एवं अंतराष्ट्रीय शिवीरो में दिया गया है। हैहय क्षत्रिय कलचुरी समाज द्वारा ‘‘समाज रत्न‘‘ से भी सम्मानित हुई है। माननीय प्रधान मंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के द्वारा मन की बात नारी सशक्तिकरण के लिए लांच किये गये कार्यक्रम भारत की लक्ष्मी के लिये ‘‘केचुवा खाद्य उद्यमिता से महिला उत्थान‘‘ की कहानी मार्च 2020 मे चयनित हुई थी।

गोल्डन बुक ऑफ द अर्थ ने जारी की "द मोस्ट इंस्पायरिंग पीपल ऑन द अर्थ" की वेबसाइट

उदयपाल बारूपाल पूर्व शेशन जज, पीयूष पण्डित,रोशनी लाल, वंदना शुक्ला बनी अंतराष्ट्रीय बोर्ड कमेटी के सदस्य

वैश्विक स्तर पर 101 महान व्यक्तिव की जीवन शैली को मूर्त रूप देने में लगा है अन्तराष्ट्रीय बुक एजेंसी प्रूडेंट पेन, जिसके दस देशों के राइटर्स लिख रहे हैं वैश्विक चेंजमेकर की गौरवशाली गाथा, भारत के विशेष कर्मीयोगियों की कहानी को ग्लोबल लांचिंग करने के लिए स्वर्ण भारत परिवार ने अपने सहयोगियों संग शुरू की तैयारी , उदय कौशल फॉउंडेशन, दिशा फॉउंडेशन ने भारतीयों को ज्यादा से ज्यादा जगह मिले इसके लिए प्रयास शुरू कर दिया है ।आज इंटरनेशनली सभी विजेताओं के प्रोफाइल उपडेट जारी किया गया ।
 द मोस्ट इंस्पायरिंग पीपल ऑन अर्थ में लिखी जाएगी पृथ्वी के 101 प्रेरणादायक लोगो की कहानियाँ जो आपके झकझोर देंगी और सोचने को मजबूर कर देंगी के क्या वाकई मे आप अपने इंसान होने का फर्ज़ निभा रहे है या नहीं, आपके धरती पर जन्म लेने के उद्देश्य को पूरा करेगी गोल्डेन बुक ऑफ द वर्ल्ड।  

इस कार्यक्रम की घोषणा के साथ ही व्यापक रूप से प्रतिक्रियाये आनी शुरू हो गई हैं,मुकेश खन्ना वॉलीवुड एक्टर, केन्द्रीय मंत्री श्री नितिन गडकरी एवं मंत्री रवि शंकर प्रसाद जी व सोनू सूद की जीवनी इस गोल्डेन बुक ऑफ द वर्ल्ड के माध्यम से जानने को मिलेगी 

Friday 9 October 2020

इंटरनेशनल ऑथर इंफॉर्मेटिव असोसियेशन द्वारा प्रस्तावित "गोल्डन बुक ऑफ अर्थ" में शामिल होंगे अंतराष्ट्रीय चेंगमेकर

अफ़्रीकन ग्लोबल बुक एजेंसी से जुड़े दस राष्ट्रों के लेखक,जो लिख रहे हैं 101 व्यक्तियों की जीवनयात्रा

इंटरनेशनल ऑथर इंफॉर्मेटिव असोसियेशन की पहल पर वैश्विक स्तर पर 101 महान व्यक्तिव की जीवन शैली को मूर्त रूप देने में लगा है अन्तराष्ट्रीय बुक एजेंसी प्रूडेंट पेन, जिसके दस देशों के राइटर्स लिख रहे हैं वैश्विक चेंजमेकर की गौरवशाली गाथा, भारत के विशेष कर्मीयोगियों की कहानी को ग्लोबल लांचिंग करने के लिए स्वर्ण भारत परिवार ने अपने सहयोगियों संग शुरू की तैयारी , उदय कौशल फॉउंडेशन, दिशा फॉउंडेशन ने भारतीयों को ज्यादा से ज्यादा जगह मिले इसके लिए प्रयास शुरू कर दिया है ।

 द मोस्ट इंस्पायरिंग पीपल ऑन द अर्थ में लिखी जाएगी पृथ्वी के 101 प्रेरणादायक लोगो की कहानियाँ जो आपके झकझोर देंगी और सोचने को मजबूर कर देंगी के क्या वाकई मे आप अपने इंसान होने का फर्ज़ निभा रहे है या नहीं, आपके धरती पर जन्म लेने के उद्देश्य को पूरा करेगी गोल्डेन बुक ऑफ द वर्ल्ड।  

इस कार्यक्रम की घोषणा के साथ ही व्यापक रूप से प्रतिक्रियाये आनी शुरू हो गई हैं,मुकेश खन्ना वॉलीवुड एक्टर, केन्द्रीय मंत्री श्री नितिन गडकरी एवं मंत्री रवि शंकर प्रसाद जी व सोनू सूद की जीवनी इस गोल्डेन बुक ऑफ द वर्ल्ड के माध्यम से जानने को मिलेगी ,  सामाजिक दशा व दिशा बदलने वाली कंचन शर्मा,पूनम खँगारोत,डॉ कु रत्ना नशीने, रमा वैश्य,अनिता देवी,खुशबू कुमारी,यास्मीन बेगम,शताब्दी अवस्थी, रश्मि नामदेव,मलकीत सिंह कल्याण, रेणुका यादव, रश्मि नामदेव, सुंदर सिंह गुर्जर अर्जुन अवार्डी, वंदना शुक्ला, रमीला बहन दी मकवाना , विश्वनाथ पानी गृही , कल्पना सेखवात, डॉ वेद तिवारी पूर्व जज और वरिष्ठ सामाजिक क्रांति के जनक उदय चन्द बारूपाल, व स्वर्ण भारत परिवार की ट्रस्टी रोशनी लाल, देविंदर कौर, शिक्षा जगत में नवाचार को स्थापित करने वाली प्रतिभा मिश्रा जी , मोइन अहमद व डॉ दौलतराम माल्या , संजय सरदाना,के जीवन संघर्ष की कहानी का, वैश्विक स्तर पर होगा विमोचन।

ग्लोबल बुक ऑफ अर्थ 2020 की तरफ से हार्दिक शुभकामनाये



मिलिए सुंदर सिंह गुर्जर से , आप अर्जुन अवार्डी हैं , ओलम्पियन हैं साथ ही देश के पहले एथलीट हैं जो देश के लिए लगातार दो बार विश्व चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक जीत के लायें हैं,सुंदर सिंह गुर्जर राष्ट्रपति एवं प्रधानमंत्री  से सम्मानित हो चुके हैं
आज आपकी प्रोफाइल को पढ़कर एहसास हुआ कष्ट उठाने के बाद ही इंसान निखरता है, सुनिए अर्जुन अवार्डी की कहानी उन्ही की जुबानी,18 अक्टूबर को स्वर्ण भारत परिवार के साथ, प्रूडेंट पेन लिख रही है इनकी सफलता की कहानी और संघर्षों से युध्द की कला , 

क्या आपने प्रस्तुत की अपनी जीवन गाथा? 

जुड़िये आज ही इस भव्य कार्यक्रम से और शामिल विश्व के 101 शानदार व्यक्तित्व में।

उदयकौशल फॉउंडेशन व दिशा फॉउंडेशन ने भेजी शुभकामनाएं

Friday 2 October 2020

International Youth Development and Global Peace Summit & Global Gandhi Peace Award 2020

International Youth Development and Global Peace Summit & Global Gandhi Peace Award 2020
                                                                                         (Peace is the only weapon to stay alive)


Highlights of the event:
1) Our aim to live in a world where violence has no place.
 2) Our purpose is to motivate people across the globe to  face all  the challenges come in their life with calmness and to manage every  situation with non-violence.
3)Non –violence is the greatest force at the disposal of mankind:         -By- Mohandas Karamchand Gandhi
How and where would the event be organised? 
The Global Gandhi  Peace Award will be  given to most eminent leaders of the world on International Non-Violence Day (2nd October ) At 1PM  INdian Time Zone 
The Global Gandhi  Peace Award would be given this time on online platform  globally as  world is facing CORONA Pandemic and to maintain social distancing is the primarily important to save everyone.  
One of the major reasons to conduct award online, is that,by this  most of the people can become the part of the program and get motivated to maintain peace worldwide.
The main motive of our non profit organisation behind this, is our willingness to spread the values, ideals and philosophies of Mahatma Gandhi, globally.
The event will start with remembrance of Mahatma Gandhi , his values towards peace , followed by Discussion on how to keep world violence free in which valuable speakers across the world will take part and share their views , afterwards the prestigious Global Gandhi Peace Award will be announced.
The international selection committee will select 51 most deserving persons from world to whom this award will be given.
World celebrates International Non-Violence  Day on October 2nd  in honour of birth anniversary of Father of Indian Nation Mr.M.K.Gandhi, so that his values, beliefs and ideals for which he lived and worked could be a great source of inspiration for all worldwide.
It was his strength and dedication which led to the world towards a Peaceful environment,
To celebrate the great contribution of Mahatma Gandhi  and to ensure that his philosophy of Non –Violence continue as a guiding star for world  his birth anniversary is celebrated as of International Non-Violence Day.

Conclusion :
This award is being given because it is the high time in world to create awareness of peace and not to become violent in any situation.
Every person has to understand that if we want to survive further there would be no place  of violence in our life neither individually nor socially  . And this would be the best way to celebrate  The International Day of Non-Violence, the birthday of Mahatma Gandhi, leader of the Indian independence movement and pioneer of the philosophy and strategy of non-violence.

स्वर्ण भारत परिवार ने दिया विश्व को शांति का संदेश, 51 विशिष्ट व्यक्तियों को मिला ग्लोबल गाँधी पीस अवार्ड कार्यक्रम में सहआयोजक की भूमिका में रहे, दिशा फॉउंडेशशन व उदयकौशल फॉउंडेशन


 महात्मा गांधी के 151 वें जन्मदिवस के उपलक्ष्य में आज स्वर्ण भारत परिवार, दिशा फाउण्डेशन और उदय कौशल संस्थान के संयुक्त तत्वावधान मे एक दिवसीय "इंटरनेशनल यूथ डेवलपमेन्ट और  ग्लोबल गांधी पीस कॉन्फ्रेंस व अवार्ड्स 2020" का आयोजन किया गया  जहां 30 से अधिक देशों के युवा प्रतिनिधि शामिल हुए ,  जिसमें अमरीका , ऑस्ट्रेलिया , घाना , केमरून नेपाल श्रीलंका सहित 30 से अधिक देशों के प्रतिनिधि भाग लिए, करीब 21 व्यक्तियों का चयन नेशनल पीस डेलीगेट के रूप में किया गया  , साथ ही देश के 51 लोगो को ग्लोबल गाँधी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। 

मीडिया को जानकारी देते हुए स्वर्ण भारत परिवार के राष्ट्रीय अध्यक्ष पीयूष पण्डित के अनुसार इस कांफ्रेंस में 30 देशों के 150 युवा शामिल हुए ।  30 युवाओं को नेक्सट जेन स्पीकर का पद दिया गया जिन्होंने अंतराष्ट्रीय स्तर पर शांति कायम करने के लिए चलाये जा रहे प्रयासों पर विस्तार से चर्चा की एवं विश्व के 21 देशों के युवाओं को ग्लोबल पीस एम्बेस्डर का पद दिया गया जो पूरे विश्व को शांति का संदेश देंगे तथा व्यक्तिगत स्तर पर शांति स्थापित करने हेतु दिन रात एक करने वाले 51 व्यक्तियों को ग्लोबल गांधी पीस सम्मान 2020 से सम्मानित किया गया  । यह आयोजन स्वर्ण भारत परिवार, दिशा फ़ाउंडेशन, उदय कौशल फाउंडेशन के सहयोग से ऑनलाइन वेबिनार द्वारा आयोजित किया गया ।  इस कॉन्फ्रेंस का ऑनलाइन प्रसारण भारत सहित नेपाल, श्रीलंका, बांग्लादेश, अमेरिका, भूटान, अफ़ग़ानिस्तान ऑस्ट्रेलिया, कैमरून, नाइजीरिया, घाना, दुबई,आदि देशों में हुआ । भारतीय चयन समिति में उदय चन्द बारूपाल पूर्व सेशन जज, डॉ राधा वाल्मीकि, पूनम खँगारोत, कंचन शर्मा,अनीता देवी, शामिल रहे । 
पीयूष पंडित जी ने  2 अक्टूबर गाँधी जयंती को युवाओं को समर्पित किया है ताकि युवाओं को एक नई दिशा और प्रेरणा मिल सके और उनमें एक नए उत्साह का संचार हो। ऐसे मे पीयूष पंडित जैसे ही जागरूक युवाओं को भी विभिन्न समस्याओं से निजात पाने की मुहिम में आगे आना होगा उनमें सकारात्मक सोच विकसित करनी होगी।इसी लिए स्वर्ण भारत परिवार द्वारा अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर युवाओं को सम्मानित कर उनकी समस्याओं पर मंथन करने के लिए ही गूगल मीट पर पुरस्कारों के साथ वैश्विक शिखर सम्मेलन आयोजित किया गया जिसमें कई देशों के प्रतिनिधियों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। 
दिशा फाउंडेशन की चेयरपर्सन वंदना शुक्ला ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा ग्लोबल गांधी शांति पुरस्कार यादगार बना है । वंदना शुक्ला जी ने बताया कि 2 अक्टूबर को विश्वशान्ति के अग्रदूत राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी की जयन्ती है और इस अवसर पर  स्वर्ण भारत परिवार के साथ मिलकर  अंतर्राष्ट्रीय युवा विकास पर शिखर सम्मेलन  का आयोजन करना एवं विश्व के कोने-कोने से युवाओं के विकास के लिए  एवं विश्व शांति के लिए कार्य कर रहे युवाओं को गूगल मीट पर ग्लोबल गांधी पीस पुरस्कार से सम्मानित करना  अत्यंत ही गौरव कि बात है। 
उदय कौशल संस्थान के अध्यक्ष पूर्व सेशन जज उदयलाल बारूपाल जी ने बताया कि कोरोना महामारी के चलते इस कार्यक्रम का आयोजन गूगल मीट के माध्यम से ऑनलाइन किया गया, परंतु देश मे ये पहला अवसर है जबकि सम्मानित होने वाले प्रत्येक प्रतिभागी को सेर्टिफिकेट डाक के माध्यम से भेजे जाएंगे, इसमे गाँधी जी का स्मृति चिन्ह, सेर्टिफिकेट की कॉपी और स्वर्ण भारत परिवार के मास्क होंगे। 

वर्तमान समय मे बालिकाओ पर हो रहे अत्याचार को गंभीरता पूर्वक लेते हुए स्वर्ण भारत परिवार कि ऑस्ट्रेलिया मे रह रही ट्रस्टी  रोशनी लाल जी  ने बालिका शिक्षा एवं आत्म रक्षा के संबंध मे अपने विचार रखे, उन्होने बताया कि अगर हम युवा विकास कि बात करते हैं तो बालिका शिक्षा एवं सशक्तिकरण कि बात करना  बहुत जरूरी है , आज जिस तरह से बच्चियां ज्यादती का शिकार हो रही है उनके लिए आत्म रक्षा मे निपुण होना अत्यंत आवश्यक है, और अगर लड़कियां आर्थिक रूप से सक्षम होंगी तो वो अपने खिलाफ होने वाले हर तरह के अत्याचार के खिलाफ आवाज उठा सकती हैं। 
स्वर्ण भारत परिवार की महिला अध्यक्षा श्रीमती अंजू पंडित,पुरस्कार चयन समिति की अध्यक्षा  डॉ राधा वाल्मीकि,सदस्य कंचन शर्मा, अनिता देवी व राजस्थान प्रदेश मुखिया पूनम खँगारोत जी ने भी अपने विचार सेमिनार में रखे । राष्ट्र के विकास में युवाओं की महत्वपूर्ण भूमिका होती है,  युवा शक्ति हर युग में और हर समाज में सबसे महत्वपूर्ण मानी जाती हैं आर्थिक विकास में यह एक वरदान है।भारत में युवा शक्ति की आबादी को सही दिशा व राष्ट्र निर्माण में  सकारात्मक योगदान हेतु कैसे मोड़ा जाए? यह एक ज्वलन्त और विचारणीय प्रश्न है। एक युवा में बढ़ती आयु के साथ-साथ नया रक्त संचार नया जोश,साहस और बढ़ती महत्वाकांक्षाऐं प्रबल होतीं हैं ऐसे में इनमें सकारात्मक सोच उत्पन्न कर सही मार्गदर्शन द्वारा यदि सही दिशानोन्मुख कर दिया जाय तो उनकी ऊर्जा मानव विकास और राष्ट्र कल्याण में लगाई जा सकती है।परन्तु आज एक बड़ा युवा वर्ग अवसादग्रस्त  होकर डिप्रेशन का शिकार हो रहा हैं। पढ़ाई का बोझ, गलत संगति,बेरोजगारी, प्रेम में विफलता, जिम्मेदारियों का बोझ, आर्थिक तंगी,शारीरिक बीमारियां,अचानक आ जाने वाली परेशानियां,प्रिय जनों से बिछड़ना अपराध आदि यह युवा जीवन की गंभीर समस्याएं बन चुकी है जिनका सामना करते करते वह परेशानियों के आगे घुटने टेक देता है और मानसिक विकारों का शिकार होकर या तो आत्महत्या कर लेता है या डिप्रेशन में जाकर नशे का आदी हो जाता है,उसकी सोचने समझने की क्षमता प्रभावित होने लगती है या फिर उसे कदम अपराध जगत की ओर बढ़ने लगते हैं। ऐसे समय में डिप्रेशन के शिकार इन युवाओं को उनकी पीड़ा को समझना बहुत जरूरी है।
आज का युवा आभासी दुनिया में भी जीने लगा है आज वह सोशल मीडिया इंटरनेट इत्यादि में उलझ कर अपने वास्तविक संसार से अलग हो गया है और अपनी नई दुनिया में जी रहा है ऐसे में स्वर्ण भारत परिवार और पीयूष पंडित एक नई सोच लेकर इनमें ऊर्जा का संचार कर रहे हैं।स्वर्ण भारत परिवार के अध्यक्ष पीयूष पंडित ने जिस तरह से अपनी विपरीत परिस्थितियों में संघर्ष करते हुए आज भारत में ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में अपना एक मुकाम हासिल कर मिसाल कायम की है वह अनुकरणीय है। उनकी सोच इन युवाओं को आगे बढ़ाने की है और इसी सोच को ध्यान में रखते हुए पीयूष पंडित जी समय-समय पर देश में कुछ न कुछ नए कार्य करते रहते हैं ।

Wednesday 30 September 2020

Global Gandhi Peace Award 2020 ग्लोबल गांधी पीस अवॉर्ड 2020

Dear Friend,

 I feel elated to invite you to represent the nation in our esteemed online event, "

 *Global Gandhi Peace Award 2020*"   as an Ambassador.
Its an online event with ambassadors participating from more than 50 different countries around the world who are tirelessly working to promote and establish peace in their specific local regions.


This gathering is an initiative to brainstorm collectively to create a roadmap that can be the manifesto for our community to execute leadership on ground that can impact desire lines of individuals and wisdom of the crowd.

*"*Together We Are Strong"*


*Google Meet : 2 October : time 12 PM*

Best Regards
Piyush Pandit
Chairman 
Swarna bharat parivaar trust 
India
*नॉमिनेशन आमंत्रित*
( *अंतिम तिथि 1 अक्टूबर* *2020* ) 

 *ग्लोबल गांधी पीस अवॉर्ड 2020* 

हम यह घोषणा करते हुए गौरवान्वित हो रहें है कि स्वर्ण भारत परिवार व दिशा फाउंडेशन पुनः एक बार साथ अंतराष्ट्रीय कार्यक्रम की अगुवाई कर  रहे हैं ।

 " *ग्लोबल गांधी पीस अवार्ड* *2020* " हेतु नॉमिनेशन शुरू  हो चुके हैं जिसमे सिर्फ 51 भारतीयों को ही स्थान मिलेगा, " *युवा विकास* *कार्यक्रम और विश्व शांति* *स्थापना* " विषय पर चर्चा करने हेतु 30 से अधिक देशों के प्रवक्ता उपस्थित होंगे ।

आप भी इस गौरवमयी कार्यक्रम का हिस्सा, स्वर्ण भारत परिवार व दिशा फाउंडेशन के सामाजिक कार्यों में मदद करके प्राप्त कर सकते हैं । 

सादर प्रणाम 
 
 *वंदना शुक्ला चेयरपर्सन दिशा फॉउंडेशन*
*पीयूष पंडित चेयरमैन स्वर्ण* *भारत परिवार ट्रस्ट* ( *ग्लोबल* )
 *नामांकन के लिए संपर्क:* *7291813661*

Thursday 24 September 2020

International Youth Development and Global Peace Summit & Global Gandhi Peace Award 2020

International Youth Development and Global Peace Summit & Global Gandhi Peace Award 2020
                                                                                         (Peace is the only weapon to stay alive)


Highlights of the event:
1) Our aim to live in a world where violence has no place.
 2) Our purpose is to motivate people across the globe to  face all  the challenges come in their life with calmness and to manage every  situation with non-violence.
3)Non –violence is the greatest force at the disposal of mankind:         -By- Mohandas Karamchand Gandhi
How and where would the event be organised? 
The Global Gandhi  Peace Award will be  given to most eminent leaders of the world on International Non-Violence Day (2nd October ) At 1PM  INdian Time Zone 
The Global Gandhi  Peace Award would be given this time on online platform  globally as  world is facing CORONA Pandemic and to maintain social distancing is the primarily important to save everyone.  
One of the major reasons to conduct award online, is that,by this  most of the people can become the part of the program and get motivated to maintain peace worldwide.
The main motive of our non profit organisation behind this, is our willingness to spread the values, ideals and philosophies of Mahatma Gandhi, globally.
The event will start with remembrance of Mahatma Gandhi , his values towards peace , followed by Discussion on how to keep world violence free in which valuable speakers across the world will take part and share their views , afterwards the prestigious Global Gandhi Peace Award will be announced.
The international selection committee will select 51 most deserving persons from world to whom this award will be given.
World celebrates International Non-Violence  Day on October 2nd  in honour of birth anniversary of Father of Indian Nation Mr.M.K.Gandhi, so that his values, beliefs and ideals for which he lived and worked could be a great source of inspiration for all worldwide.
It was his strength and dedication which led to the world towards a Peaceful environment,
To celebrate the great contribution of Mahatma Gandhi  and to ensure that his philosophy of Non –Violence continue as a guiding star for world  his birth anniversary is celebrated as of International Non-Violence Day.

Conclusion :
This award is being given because it is the high time in world to create awareness of peace and not to become violent in any situation.
Every person has to understand that if we want to survive further there would be no place  of violence in our life neither individually nor socially  . And this would be the best way to celebrate  The International Day of Non-Violence, the birthday of Mahatma Gandhi, leader of the Indian independence movement and pioneer of the philosophy and strategy of non-violence.

Wednesday 23 September 2020

ग्लोबल गांधी पीस अवार्ड 2020

हम यह घोषणा करते हुए गौरवान्वित हो रहें है कि स्वर्ण भारत परिवार व दिशा फाउंडेशन पुनः एक बार साथ अंतराष्ट्रीय कार्यक्रम की अगुवाई कर  रहे हैं ।


कल सुबह 10 बजे से "ग्लोबल गांधी पीस अवार्ड 2020" हेतु नॉमिनेशन शुरू होंगे जिसमे सिर्फ 51 भारतीयों को ही स्थान मिलेगा, "युवा विकास कार्यक्रम और विश्व शांति स्थापना" विषय पर चर्चा करने हेतु 30 से अधिक देशों के प्रवक्ता उपस्थित होंगे ।

आप भी इस गौरवमयी कार्यक्रम का हिस्सा, स्वर्ण भारत के सामाजिक कार्यों में मदद करके प्राप्त कर सकते हैं । 

सादर प्रणाम 

 We are proud to announce that *Swarn Bharat Parivar and Disha Foundation* are once again leading an international program together.

 Nominations for *"Global Gandhi Peace Award 2020"*  will begin from 10:00am today.Also this is to acknowledge you that  51 Indians will be allowed to participate and  spokesperson from more than 30 countries will be present to discuss *"Youth Development Program And World Peace Establishment"*

*Nominations will start from today Sep.23,2020 and will be ended up by Oct.1,2020*

You can also be a part of this glorious program by helping in social work of Swarna Bharat Parivaar Trust , 


bests regards

*Peeyush Pandit* 
*Chairman*
*Swarna Bharat Parivaar Trust {Global}*

Friday 21 August 2020

ध्यान योग शिक्षा संस्कार का संगम है स्वामी आनंदगिरी जी का जन्मदिन : रोशनी लाल


अन्तराष्ट्रीय योग गुरु आनंद गिरी जी के जन्मदिन पर कई प्रकार के आयोजनों के बीच खबर आ रही है कि ऑस्ट्रेलिया में विभिन्न जगहों में हवन पूजा व केक काटकर स्वामी आनंद गिरी जी का जन्मदिन धूमधाम से मनाया जा रहा है । ऑस्ट्रेलिया निवासी रोशनी लाल ने जन्मदिवस पर जरूरतमंदों को दान पुण्य कर गुरु जी के वचनों को याद करते हुए कहा कि सनातन धर्म यही उपदेश देता है कि हम सेवानीति पर चलें बिना किसी भेदभाव के पूरे विश्व को अपना परिवार समझे , ऊंच नीच की कही कोई बात न हो परस्पर प्रेम सौहार्द व नेकी व सच्चाई की बात हो , यही सीख हमे पूज्य गुरु जी द्वारा उनके ऑस्ट्रेलिया प्रवास के दौरान मिलती है, साथ भारत भ्रमण पर भी गुरु जी का सानिध्य प्राप्त होता है । बता दें कि रोशनी लाल सनातन धर्म के प्रति अटूट विश्वास रखती हैं , व गुरु जी पर अटूट विश्वास रखने वाली ऑस्ट्रेलियन भक्तों में शुमार हैं , कई सामाजिक संगठनों द्वारा सामाजिक कार्यों के लिए सम्मानित हुई हैं , और सभी जरूरतमंदों को भरपूर मदद करती हैं , वो व उनका सम्पूर्ण परिवार स्वामी आनंद गिरी जी के जन्मदिन पर सभी भक्तों को शुभकामनाये देते हुए देखे जा सकते हैं । ऑस्ट्रेलिया में सनातन धर्म प्रचारक पण्डित देवेंद्र शर्मा जी ने कहा कि गुरु जी जब जब ऑस्ट्रेलिया आते हैं तो हम सभी सनातन धर्मियों का सीना चौड़ा होता है। उनके उपदेशों व सुनाई कथाओं से न सिर्फ भारतीय मूल के लोग बल्कि ऑस्ट्रेलियन समाज भी आसानी से सनातन धर्म को नजदीक से समझता है । आनंद गिरी जी पूज्य गुरु देव नरेंद्र गिरी जी महाराज के प्रिय शिष्य व प्रयागराज स्थित लेटे हुए हनुमान मंदिर के प्रमुख्य व्यवस्थापक व अन्तराष्ट्रीय धर्म प्रचारक व योग गुरु के रूप में जाने जाते हैं , भारत मे युवाओं के सनातन धर्म यूथ आइकन के रूप में आनंद गिरी जी विख्यात हैं । 
आइये जानते हैं लेटे हुए हनुमान जी की महिमा उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में हनुमान जी की प्रतिमा वाला एक छोटा किन्तु प्राचीन मंदिर है। यह एकमात्र मंदिर है जिसमें हनुमान जी लेटी हुई मुद्रा में हैं। यहां पर स्थापित हनुमान जी की प्रतिमा 20 फीट लम्बी है। संगम किनारे बना ये एक अनूठा मन्दिर है, जहां हनुमानजी की लेटी हुई प्रतिमा को पूजा जाता है। ऐसी मान्यता है कि संगम का पूरा पुण्य हनुमान जी के इस दर्शन के बाद ही पूरा होता है।
 प्रयागराज अब  सनातन धर्मियों का विशेष स्थान माना जाने लगा है कुम्भ के मेले में पूरे संगम पर सनातन धर्म का प्रचार प्रसार बहुत ही शालीनता से आनंद गिरी जी महाराज के सानिध्य में चलता है । देश विदेश से आने वाले भक्तों व पर्यटकों को स्वामी जी द्वारा विशेष सुविधा दी जाती है ।

Wednesday 19 August 2020

मानव सिर्फ मानव के लिए जिये यही मानवता नही, मानवता जगत कल्याण में है जहां प्रकृति, पशु ,पक्षी भी सुखी रहें : दंडी स्वामी हँसआश्रम



स्वर्ण भारत परिवार के संरक्षक पूज्य गुरु दंडी स्वामी हँसआश्रम जी ने आज स्वर्ण भारत परिवार सहित अन्य सामाजिक लोगो को संबोधित करते हुए कहा हम हर साल 19 अगस्त को विश्व मानवतावादी दिवस के रूप में मनाते हैं । 

यह दिन उन लोगों की याद में मनाया जाता है, जो रियल लाइफ हीरो (#reallifeheroes) होते हैं, यानी ऐसे लोग जो कठिन से कठिन परिस्थितियों में भी लोगों की मदद करने में अपना जीवन व्यतीत करते हैं। विश्व स्तर पर मानवता या मानवीय उद्देश्यों के कारण दूसरों की मदद के लिए अपनी जान भी गंवा देने को तैयार रहते हैं।इस मौके पर  स्वर्ण भारत परिवार के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने भी  अन्य देशों के अपने एम्बेसडर को संबोधित कर रहे है जिसमे ट्रस्ट के हज़ारों लोग भाग ले रहे हैं ।सभी पदाधिकारियों को भी सम्मानित किया जा रहा है । 

इस साल हम 11वां विश्व मानवतावादी दिवस (World Humanitarian Day 2020) मना रहे हैं और ऐसे समय में जब दुनिया कोरोनावायरस महामारी से लड़ रही है, हमारे मानवतावादी (Humanitarians) अभी भी इन कठिन समय के दौरान जरूरतमंद लोगों की मदद कर रहे हैं। 63 देशों में संकट में फंसे लोगों की मदद के लिए अभूतपूर्व बाधाएं पार करके मानवीय कार्यकर्ता आगे आ रहे हैं और साथ दे रहे हैं। ऑस्ट्रेलिया से रोशनी लाल जी ने क्या है विश्व मानवतावादी दिवस  का इतिहास / महत्व (What is the History of World Humanitarian Day),  19 अगस्त को ही क्यों मनाया जाता है विश्व मानवतावादी दिवस ? इन प्रश्नों का जवाब देते हुए कहा विश्व मानवता दिवस पहली बार संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा मनाया गया, इसके लिए वर्ष 2008 में  A/46/L.49 प्रस्ताव पारित किया गया था। इस प्रस्ताव को स्वीडन ने प्रायोजित किया था। दरअसल, आज से 17 साल पहले इराक की राजधानी बगदाद में आज के दिन यानी 19 अगस्त, 2003 को संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय पर हमला किया गया था। इस हमले में संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय के 22 सहकर्मी मारे गए थे, जिनमें इराक में UNO महासचिव के विशेष प्रतिनिधि सर्जियो विएरा डी मेलो की भी बम विस्फोट के कारण मृत्यु हो गयी। इसके बाद से  19 अगस्त को विश्व मानवता दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया गया।  

स्वर्ण भारत की प्रदेश अध्यक्ष अजिता सिंह व सीमा मिश्र ने हम इस साल कैसे celebrate करने जा रहे हैं? (How we are going to celebrate this year?) इसकी जानकारी दी 19 अगस्त, 2020 को, #RealLifeHeroes के साथ एक global campaign होने जा रहा है, जिसमें इन Real Life Heroes ने अपनी जान की परवाह किये बिना जोखिम उठाये और कठिन परिस्थितियों के दौरान औरों की मदद की, उनके लिए THANK YOU के साथ इस मानवीयता का जश्न मनाया जा रहा है।

प्रवक्ता संतोष पांडेय प्रदेश सचिव नीरज पांडे व विधि सलाहकार रंजीत पांडेय की अगुवाई में यह अभियान उन मानवतावादियों की कहानियों को प्रस्तुत करेगा जो दुनिया को प्रेरित कर रहे हैं और इस बीमारी का इलाज और रोकथाम कर रहे हैं, महिलाओं और लड़कियों को लॉकडाउन में सुरक्षित आश्रय प्रदान करना, कमजोर लोगों को भोजन देना, शरणार्थी शिविर चलाना और इस महामारी की स्थिति में सभी जब हर कोई घर रहना पसंद कर रहा था। इस अभियान के साथ, यह दिन वास्तविक नायकों के जीवन का जश्न मनाने के लिए प्रेरित करेगा, जो दूसरों को आगे आने के लिए प्रेरित करेगा और इसे उन लोगों की मदद करेगा, जिन्हें इसकी आवश्यकता है।स्वर्ण भारत परिवार भी अपने द्वारा चयनित 20 वर्ल्डस टॉप 20 हीरोज को अभिनंदन  सम्मान प्रदान करेगा ।

Friday 14 August 2020

राष्ट्र की आज़ादी के बाद अगली लड़ाई आर्थिक आज़ादी की : पीयूष पण्डित


स्वर्ण भारत परिवार ने आज़ादी की पूर्व संध्या पर आयोजित कार्यक्रम में आर्थिक आज़ादी व समानता के मुद्दों पर चर्चा की जिसमे राष्ट्रीय प्रवक्ता संतोष पांडेय सहित, डॉक्टर सीमा मिश्र , अजिता सिंह, रंजीत पांडेय, नीरज पांडेय , मनीष पटेल , विपिन जायसवाल, गगनदीप त्रिपाठी, अंजू पंडित व सभी जिलाध्यक्षों ने ऑनलाइन कार्यक्रम से जुड़े इस मौके पर ऑस्ट्रिलिया से संरक्षक रोशनी लाल ने कहा आर्थिक असमानता बढ़ने की वजह से भारत में राजनीतिक पार्टियों, न्यायालयों, विश्वविद्यालयों, मीडिया समेत तमाम संस्थाओं पर कुछेक परिवारों का कब्जा होता चला जा रहा है. इससे जनता का लोकतंत्र पर भरोसा कम हो रहा है.पीयूष पण्डित ने स्विटजरलैंड के दावोस में आयोजित होने वाली वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की सालाना बैठक में इस बार भी दुनियाभर में बढ़ रही आर्थिक असमानता पर गंभीर चर्चा हुई. लेकिन इस बार की बैठक की एक खास बात यह रही कि इसमें भारत में आर्थिक असमानता पर विशेष चर्चा हुई.

आर्थिक असमानता का अध्ययन करने वाली संस्था, ऑक्सफैम इंटरनेशनल की कार्यकारी निदेशक विनी बेयानिमा ने इस बैठक में अपने संस्थान की सालाना रिपोर्ट ‘पब्लिक गुड, प्राइवेट वेल्थ’ के आधार पर बताया कि किस तरह भारत में असमानता अपने चरम पर पहुंचती जा रही है. यहां एक तरफ गरीब अपने लिए दो बार की रोटी और बच्चों के लिए आवश्यक दवाओं तक का इंतजाम नहीं कर पा रहे हैं, वहीं कुछ अमीरों की संपत्ति में बेहताशा वृद्धि हो रही है.

विनी बेयानिमा ने अपने भाषण में यह तक कह डाला कि ‘अगर भारत सरकार ने समय रहते देश के एक प्रतिशत अमीरों और नीचे के 50 प्रतिशत गरीबों के बीच बढ़ रही आर्थिक असमानता की खाई को कम करने के लिए कदम नहीं उठाए तो भारत का सामाजिक और राजनीतिक ढांचा चरमरा जाएगा.

सामाजिक सन्दर्भों में समानता (equality) का अर्थ किसी समाज की उस स्थिति से है जिसमें उस समाज के सभी लोग समान (अलग-अलग नहीं) अधिकार या प्रतिष्ठा (status) रखते हैं। सामाजिक समानता के लिए 'कानून के सामने समान अधिकार' एक न्यूनतम आवश्यकता है जिसके अन्तर्गत सुरक्षा, मतदान का अधिकार, भाषण की स्वतंत्रता, एकत्र होने की स्वतंत्रता, सम्पत्ति अधिकार, सामाजिक वस्तुओं एवं सेवाओं पर समान पहुँच (access) आदि आते हैं। सामाजिक समानता में स्वास्थ्य समानता, आर्थिक समानता, तथा अन्य सामाजिक सुरक्षा भी आतीं हैं। इसके अलावा समान अवसर तथा समान दायित्व भी इसके अन्तर्गत आता है। 5 अगस्त 1947 की मध्यरात्रि को पंडित जवाहर लाल नेहरू ने अपने भाषण 'ट्रिस्ट वीद डेस्टिनी' के साथ ब्रिटिश शासन से भारत की आजादी की घोषणा की। और 15 अगस्स्त को राष्ट्रीय अवकाश भी घोषित किया गया। तब से हर साल 15 अगस्त को भारत का स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता है। इस वर्ष 15 अगस्त 2020 को भारत अपना 74वां स्वतंत्रता दिवस 2020 मना रहा है। पूरी दुनिया में कोरोनावायरस महामारी का प्रकोप लगातार जारी है, जिसकी वजह से देश पर आर्थिक संकट भी है। इसलिए भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस 2020 की थीम 'आत्मनिर्भर भारत-स्वतंत्र भारत रखी है। इस वर्ष स्वतंत्रता दिवस पर पीएम मोदी का भाषण ऑनलाइन प्रसारित किया जाएगा, पीएम मोदी दिल्ली के लाल किले पर केवल झंडा फहराने के लिए जाएंगे। 14 अगस्त को रात्री में भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद देश के नाम संबोधन में स्वतंत्रता दिवस पर भाषण देंगे। 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस पर भाषण, स्वतंत्रता दिवस पर निबंध और स्वतंत्रता दिवस पर लेख लिखे और पढ़े जाते हैं। स्वतंत्रता दिवस पर भाषण प्रतियोगिता, स्वतंत्रता दिवस पर निबंध प्रतियोगिता, स्वतंत्रता दिवस पर लेख प्रतियोगिता और स्वतंत्रता दिवस पर कविता प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती है युवाओं को आज़ादी का महत्व समझाते हुए स्वर्ण भारत परिवार के राष्ट्रीय अध्यक्ष पीयूष पण्डित ने कहा कि दरअसल, जब धन और संपत्ति अत्यधिक मात्रा में कुछेक व्यक्तियों के पास एकत्रित हो जाती है, तो उनकी आने वाली पीढ़ियां आमदनी के लिए, उस संपत्ति पर मिलने वाले किराया ब्याज पर निर्भर हो जाती है, जिससे वो कोई नया इन्वेस्टमेंट नहीं करतीं. जब इन्वेस्टमेंट नहीं होगा, तो नयी नौकरियां नहीं पैदा होंगी और बेरोजगारी बढ़ेगी. बेरोजगारी बढ़ने के सैकड़ों दुष्प्रभाव हैं. इस तरह की अर्थव्यवस्था को किराए की अर्थव्यवस्था कहा जा रहा है, जहां लोग अपने मेहनत की बदौलत नहीं, अपने पूर्वजों की संपत्ति की बदौलत अमीर बन रहे हैं. शहरों में जिन लोगों के पास किन्हीं कारणों से ज़मीनें हैं, वो भी इसी तरह अमीर बनते जा रहे हैं.