Wednesday 25 December 2019

December Visit 2019 VisitbOf auttapredsh By Peeyush Pandit

Peeyush Pandit December's Visit, Uttar Pradesh – 2019
Agenda : 

1 Women Empowerment, 
2 Swarna Bharat Kambal Vitran Yojna
3 Youth Development Programe 

Places : Lucknow, Mirzapur, Allahbad, Pratapgarh, Chitrakoot, Ayodhya, Kausambhi, Gonda, Raibrally , Varanasi And Many More...

Peeyush Pandit, Chairman , Swarna Bharat Parivaar, started December visit to different districts of Uttar Pradesh along with the team and this visit is dedicated to the above mentioned Agendas.

Women's Development For The Inspiring Women Of India 
Peeyush Pandit believes Gender equality is, first and foremost, a human right. A woman is entitled to live in dignity and in freedom from want and from fear. Empowering women is also an indispensable tool for advancing development and reducing poverty. Empowered women contribute to the health and productivity of whole families and communities and to improved prospects for the next generation. Yet discrimination against women and girls - including gender-based violence, economic discrimination, reproductive health inequities, and harmful traditional practices - remains the most pervasive and persistent form of inequality. Women and girls bear enormous hardship during and after humanitarian emergencies, especially armed conflicts. And to minimize this Swarna Bharat Parivaar is dedicated to empower women by supporting them in various ways. 

2. Inception of the idea behind this cause.Kambal Vitran Yojna 

Your personal experiences are ironic and leaves a remarkable scar on 
you. I still remember the tear-jerking moment when i was at Chitrakoot. I 
went there with my family to worship.
Chitrakoot is a small town, which is situated in the north Vindhyan 
range. Legends have it that Chitrakoot was the place where Lord 
Rama, his wife Sita and his brother Lakshmana stayed for eleven and 
half of their fourteen years of exile. Chitrakoot is located over the 
districts of Chitrakoot in Uttar Pradesh and Satna in Madhya Pradesh.
It was mid December of 2015, Temperature over there went down to 
seven degrees. Everyone in the precincts of temple was shivering due 
to cold. As I was about to enter the temple, I saw few beggars with 
bowls in their hands, singing religious songs in a pathetic voice, that 
evokes the pity for them. One of them was disabled. But, that didn’t 
shock me. What grabbed my attention was that they were all dressed 
in torn clothes. All of them shivering, the freezing cold could be felt
from their shivering voice and teeth chattering due to cold while 
asking for alms, money, food and clothes.
I was all shattered seeing their poor condition. I immediately took off 
the shawl that I was wearing and offered it to the crippled beggar and 
then spent around ten thousand rupees from the SWARNA BHARAT
PARIVAAR’s fund to buy warm clothes and blankets for all the 
beggars and homeless people of chitrakoot.
This hit me with the fact that if there are hundreds of homeless in this 
small town then there must be thousands of such in the whole district 
and lakhs in the state and around nation.

3 National Youth Development Programe 

Opening of Skill Development Centers in different districts.
• Giving employment to them depending on their skills.
• Personality Development classes to bring back their own lost confidence and self representation.
• To help women to make their own identity.
• The power of Internet - utilization of internet has open the roads of knowledge and awareness related to the various field, it increased the social interactions between the far way people and influences the women.
Benefits of Women Empowerment
It leads to increase the confidence of women in various fields and decrease their dependency on others with respect to financial requirements as well as decision-making ability.
• increase their ability to make the contribution for well being of society.
• they will able to gain respectful position in the society.
• their participation will help in the growth of the GDP of the country.
Other aspect on which Peeyush Pandit focused is the younger generation of our Country and how their energies and talent can be best channelized for the betterment of the society. The need to create value in the lives of our Youths has given rise to various calls for inculcating entrepreneurship skills amongst them. Our Youths presently live in an environment predominant with the influences of parents, schools, peer groups, government policies, social values and the wave of internet related issues. All these work to shape the thinking and direction of our youths positively or negatively. In the positive sense, the mind and thought of these youths become properly and positively directed to face the issues of life, while the reverse becomes the opposite. Swarna Bharat Parivaar have taken small effort to encourage youth for self betterment.
• Various Skill development Centers to be opened.
• Mentorship & Focus
• Vocational Training Centers
• Motivational & Entrepreneurial Classes
• Employment Opportunities
Youth are not only the leaders of tomorrow, but also the partners of today. Young people are social actors of change and progress. They are a crucial segment of a nation’s development. Their contribution, therefore, is highly needed.
We hope you all will all support us and volunteer with us.

Chief Operating Officer 
Public Relation & Media 
Swarna Bharat Parivaar
Mob:+91-7291813661
Web: www.swarnabharatparivaar.org
E-mail : swarnabharatparivaarps@gmail.com

Thursday 19 December 2019

स्वर्ण भारत परिवार कम्बल वितरण योजना लखनऊ

आप सभी को हार्दिक धन्यवाद अपने अपने क्षेत्र में आप भी स्वर्ण भारत परिवार कम्बल वितरण योजना से जुड़े और गरीबों तक सेवा पहुँचाने का कष्ट करें ।

आगामी योजना
लखनऊ के बाद 

रायबरेली प्रतापगढ़ कौशाम्बी प्रयागराज गोंडा बस्ती गोरखपुर सहित अन्य जिलों में भी जल्दी ही योजना का सुभारम्भ होगा ।

Wednesday 18 December 2019

स्वर्ण भारत कम्बल वितरण योजना लखनऊ

स्वर्ण भारत कम्बल वितरण योजना की शुरूवात लखनऊ से शुरू हो गई है जो देश भर में चलाई जा रही है । आप सभी सहयोग करें व कार्यक्रम को सफल बनाने में अपनी अहम भूमिका निभाएं स्वर्ण भारत परिवार ठंड में ठिठुरते हुए लोगो की सेवा में तत्तपर है । आपके सहयोग से हम हर वंचित व्यक्ति तक पहुँच सकतें हैं । 

सहयोग व जुड़ने हेतु व्हाट्सएप्प करें । 7291813661

विक्लांगता शरीर से नही मन से कमजोर बनाती हैै: पीयूष पंडित।

विक्लांगता शरीर से नही मन से कमजोर बनाती हैै: पीयूष पंडित।

नई दिल्ली(ब्यूरो):- स्वर्ण भारत परिवार संगठन और दिल्ली सरकार के सौजन्य से आंतरराष्ट्रीय विक्लांगता दिवस पर दिल्ली स्थित सत्यग्रह मंदिर गांधी दर्शन राजपथ में विक्लांगता राज्य संम्मान समारोह का आयोजन किया गया जिसमें दिल्ली सरकार के मंत्री राजेन्द्र पाल गौतम दिल्ली पुलिस के डीजीपी आदित्य आर्या के द्वारा अलग अलग कार्य मे उपलब्धि हासिल करने वाले होनहारों को यह सम्मान दिया जिन्होंने जिंदगी में अपनी विकलांगता को अपनी कमजोरी ना समझ कर समाज मे एक अलग पहचान बनाई और और अपने बुलंदियों के परचम लहराए है कार्यक्रम की अध्यक्षता संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष पीयूष ने कहा संगठन द्वारा प्रति वर्ष समाज मे जो लोग अपनी कमी महसूस ना कर इतिहास बनाया है उसे यह सम्मान देकर अपने आप को स्वभाग्यशाली समझता हूं यह सम्मान शिक्षा, खेल,साहित्य,और सामाजिक कार्य करने वाले लोगो के लिए था इसी मौके पर गेस्ट ऑफ ऑनर रिटार्यड कर्नल प्रताप अहुवालिया,अमर भारती के संस्थापक शैलेन्द्र जैन,लाइव 24 न्यूज़ के संपादक प्रमोद ठाकुर और सामाजिक चिंतक राघव भी मौजूद रहे इनके द्वारा अतिथियों का स्वागत किया गया और आए हुए अतिथियो ने मंच के माध्यम से सभी को संबोधित किया।

स्वर्ण भारत परिवार कम्बल वितरण योजना 2019-2020

स्वर्ण भारत परिवार कम्बल वितरण योजना 2019-2020 कार्यावधि : दिसम्बर जनवरी 
कार्य क्षेत्र : दिल्ली उत्तरप्रदेश बिहार झारखंड व अन्य राज्य
प्रोजेक्ट राशि : 20 लाख 

 #स्वर्ण_भारत_परिवार सभी जनपदीय संस्थाओं से आवेदन आमंत्रित करता है । हर संस्था को कम्बल वितरण योजना के कैम्प ब्लॉक स्तरीय लगाने होंगे । कैम्प में लगने वाले सभी खर्च का वहन स्वर्ण भारत परिवार द्वारा उठाया जाएगा ।इसलिए स्वर्ण भारत के सभी पदाधिकारियों और परिवार के सभी लोगों को कोशिश करनी है कि जरूरतमंदों तक हर सुविधा पहुंच सके। यदि आप लोगों को इसमें कुछ परेशानी आ रही हो तो स्वर्ण भारत परिवार के #दिल्ली_कार्यालय में संपर्क करें। यहां पर भी आपको कम्बल और गर्म कपड़ें वितरण के लिए मिल जायेंगें। 
#प्रणाम_स्वर्ण_भारत

Monday 9 December 2019

समस्त मानवजाति को एक समान अधिकार देना ही सही मायने में मानवाधिकार दिवस है : पीयूष पण्डित

मानवाधिकार दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित स्वर्ण भारत परिवार के राष्ट्रीय अध्यक्ष पीयूष पण्डित ने मानवता का संदेश देते हुए युवाओं को मानवाधिकारों के प्रति जागरूक किया जिसमें मुख्य अंश कुछ इसप्रकार रहे हर इंसान को जिंदगी, आजादी, बराबरी और सम्मान का अधिकार ही मानवाधिकार है. भारतीय संविधान इस अधिकार की न सिर्फ गारंटी देता है, बल्कि इसे तोड़ने वाले को अदालत सजा देती है. भारत में 28 सितंबर, 1993 से मानवाधिकार कानून अमल में आया. 12 अक्‍टूबर, 1993 में सरकार ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग का गठन किया. वहीं 10 दिसंबर 1948 को 'संयुक्त राष्ट्र असेंबली' ने विश्व मानवाधिकार घोषणा पत्र जारी कर पहली बार अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस की घोषणा की थी. आज विश्व के कई देशो में लोगो पर मनमाने तरह से जुल्म हो रहे है। लोगो को बिना कारण बताये गिरफ्तार कर लिया जाता है, उसको कैद, नजरबंद कर दिया जाता है। किसी धर्म, समूह विशेष को परेशान और सताया जाता है। विश्व मानवाधिकार दिवस का लक्ष्य है कि विश्व में किसी भी व्यक्ति, समाज या वर्ग को परेशान न किया जाये।

सभी को जीवन जीने की आजादी एवं समान अधिकार मिले। इस दिवस का लक्ष्य बच्चो, महिलाओं, विकलांगो, नाबालिग समेत सभी लोगो की सुरक्षा करना है। महिलाओं का बलात्कार, यौन शोषण, उत्पीड़न, बाल शोषण, बाल मजदूरी, बच्चो का यौन उत्पीड़न, जातिगत भेदभाव, व्यक्ति विशेष, अल्पसंख्यक का उत्पीड़न, लूटपाट जैसे समस्याओं को जड़ से खत्म करना है   प्रमुख मानव अधिकार इस प्रकार है-

समानता का अधिकार
विश्वास एवं धर्म की स्वतंत्रता का अधिकार
*भेदभाव से आजादी का अधिकार*
*सामाजिक सुरक्षा का अधिकार*
*अभिव्यक्ति की आजादी*
*कानूनी सहायता लेने का अधिकार*
*जीवन और आजाद रहने का अधिकार*
*संस्कृतिक गतिविधियों में भाग लेने का अधिकार*
*शिक्षा का अधिकार*
*भोजन का अधिकार*
*काम करने का अधिकार*
*बराबरी एवं सम्मान का अधिकार*
*स्त्री-पुरुष को समान अधिकार है*
*शोषण से रक्षा का अधिकार*      

आज पूरे विश्व को मानव अधिकारों की बहुत जरूरत है। आये दिन कोई न कोई जातती, नाइंसाफी देखने को मिलती है। भारत में भी रोज कोई न कोई ऐसा अपराध देखने को मिलता है जो मानव अधिकारों की धज्जियां उड़ा रहा है।
जेल में, पुलिस हिरासत में महिलाओं के साथ बलात्कार, यौन उत्पीड़न, कैदियों की हत्या, अत्याचार, यातना, जैसी खबरे रोज ही सुनने को मिल रही है। पुलिस निर्दोष लोगो पर जुल्म कर रही है जबकि प्रभावशाली और ताकतवर लोगो को बचाने की कोशिश करती है। ऐसे में मानव अधिकार ही पीढ़ित लोगो की मदद कर सकते हैं। इस कार्यक्रम में कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे, *मानव अधिकार से अनुज वाजपेयी ई विलेज प्रभारी कृष्णकांत यूथ डेवलपमेन्ट प्रोग्राम के प्रवक्ता संदीप शुक्ला राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी विपिन जायसवाल सहारा ग्रुप से मनोज गुप्ता महिला शक्ति से निधि मिश्रा रवि कांत सिंह, कपिल गुप्ता, ताजुद्दीन इदृशी, शबनम सैफी हर्षवर्धन जी प्रवीण थापियाल उमेश कुमार कार्यक्रम का संचालन अनुज शुक्ला अध्यक्ष चयन समिति* द्वारा किया गया जिसमें सैकड़ो युवा व सभी धर्म जाति के लोग मौजूद रहे ।

Sunday 8 December 2019

स्तन कैंसर महिलाओं में होने वाला बड़ा कैंसर है, पुरुष भी नहीं हैं इससे अछूते : पीयूष पण्डित

स्तन कैंसर महिलाओं में होने वाला बड़ा कैंसर है, पुरुष भी नहीं हैं इससे अछूते : पीयूष पण्डित
              
शशक्त नारी परिषद द्वारा चलाये जा रहे ब्रेस्ट कैंसर अवेरनेस कैम्पेन में सहयोगी के रूप में उतरा स्वर्ण भारत परिवार 
              
*शशक्त नारी परिषद द्वारा चलाये जा रहे ब्रेस्ट कैंसर अवेरनेस कैम्पेन में सहयोगी के रूप में उतरा स्वर्ण भारत परिवार* 

नईं दिल्ली : सिरी फोर्ट ऑडिटोरियम में आयोजित एक कार्यक्रम में स्वर्ण भारत परिवार के राष्ट्रीय अध्यक्ष पीयूष पण्डित अपनी टीम के साथ पहुंचे नारी शशक्तिकरण के ऊपर कार्यक्रमो पर चर्चा की शशक्त नारी परिषद की अध्यक्षा द्वारा *पेंट इंडिया पिंक* की शुरुवात की गई जिसके माध्यम से पूरे देश मे स्तन कैंसर से बचने के लिए महिलाओं को जागरूक किया जाएगा *दीपा अंटिल करीब 10 सालों से सामाजिक कार्यों में अपना पूरा समय दे रहीं एक अच्छी व्यवसायी होने के बावजूद ज्यादातर समय महिला शशक्तिकरण पर देतीं हैं* । इस मौके पर उन्होंने ब्रेस्ट कैंसर के बारे में कुछ जानकारी दी, विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार बच्चे नहीं पैदा करना, अधि‍क उम्र में पहला बच्चा होना, स्‍तनपान नहीं कराना, वजन में अत्यधिक वृद्धि और अक्सर शराब का सेवन करना तथा खराब व अनियंत्रित जीवनशैली स्तन कैंसर के प्रमुख कारण हैं। इसके अलावा अनुवांशि‍क रूप से भी स्तन कैंसर की बीमारी होना संभव है।   इसके अलावा महिलाओं को जागरूक रहने के साथ ही नियमित तौर पर स्तन कैंसर की जांच करवाना चाहिए। महिलाएं अपने ब्रेस्‍ट का परीक्षण, मैमोग्राफी से करवा सकती हैं। इसका उपयोग रोग की पहचान करने और उसका पता लगाने के उपकरण के रूप में किया जाता है। मैमोग्राफी का लक्ष्य स्तन कैंसर का शुरूआती दौर में ही पता लगाना है।  
 लक्षण स्तन के आकार में बदलाव महसूस होना , स्तन या बांह के नीचे की ओर टटोलने पर गांठ महसूस होना, स्तन को दबाने पर दर्द होना, कोई तरल या चिपचिपा पदार्थ स्त्रावित होता, निप्पल के अग्रभाग का मुड़ना एवं रंग लाल होना, स्तनों में सूजन आ जाना, स्तन कैंसर के प्रमुख हैं, जिनके महसूस होने पर सतर्क होकर इससे बचने के उपाय करना बेहद आवश्यक है।   नमक का अत्यधिक सेवन न करें 
रेड मीट के अधि‍क सेवन से बचें 
सूर्य के तेज किरणों के प्रभाव से बचें
अधिक मात्रा में धूम्रपान और नशीले पदार्थों का सेवन न करें।
गर्भनिरोधक गोलियों का लगातार सेवन करने से पहले चिकित्सकीय परामर्श लें। इस मौके पर *मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे डॉक्टर दिनेश उपाध्याय मेंबर ऑफ गवर्निंग बॉडी मिनिस्ट्री ऑफ आयुष श्री मार्केंडेय आहूजा वीसी गुरुग्राम यूनिवर्सिटी श्री गुरु जी अरविंद त्रिपाठी जी डॉक्टर राधिका अधोलिया प्रेजिडेंट यूनिवर्ल्ड केअर श्री विजय चौधरी बीजेपी प्रवक्ता सुश्री अर्चना तिवारी प्रेजिडेंट  कनेक्टिंग लाईव एनजीओ  इस मौके पर प्रमुख्य आकर्षण का केंद्र रहीं चीफ पैट्रन श्रीमती इंका वर्मा स्वर्ण भारत परिवार के अध्यक्ष पीयूष पण्डित ने सिरीफोर्ट में आयोजित कार्यकम की सराहना की  व कुशल संचालन व कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए बलबीर सिंह नेगी की प्रशंसा की साथ ही जल्द ही स्वर्ण भारत और शशक्त नारी परिषद मिलकर आगे इस मिशन को बढ़ाएंगे इस बात पर जोर दिया इस मौके पर 100 महिलाओं को एसएनपी अचीवर्स अवार्ड से  सम्मानित किया गया* । : सिरी फोर्ट ऑडिटोरियम में आयोजित एक कार्यक्रम में स्वर्ण भारत परिवार के राष्ट्रीय अध्यक्ष पीयूष पण्डित अपनी टीम के साथ पहुंचे नारी शशक्तिकरण के ऊपर कार्यक्रमो पर चर्चा की शशक्त नारी परिषद की अध्यक्षा द्वारा पेंट इंडिया पिंक की शुरुवात की गई जिसके माध्यम से पूरे देश मे स्तन कैंसर से बचने के लिए महिलाओं को जागरूक किया जाएगा दीपा अंटिल करीब 10 सालों से सामाजिक कार्यों में अपना पूरा समय दे रहीं एक अच्छी व्यवसायी होने के बावजूद ज्यादातर समय महिला शशक्तिकरण पर देतीं हैं* । इस मौके पर उन्होंने ब्रेस्ट कैंसर के बारे में कुछ जानकारी दी, विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार बच्चे नहीं पैदा करना, अधि‍क उम्र में पहला बच्चा होना, स्‍तनपान नहीं कराना, वजन में अत्यधिक वृद्धि और अक्सर शराब का सेवन करना तथा खराब व अनियंत्रित जीवनशैली स्तन कैंसर के प्रमुख कारण हैं। इसके अलावा अनुवांशि‍क रूप से भी स्तन कैंसर की बीमारी होना संभव है।   इसके अलावा महिलाओं को जागरूक रहने के साथ ही नियमित तौर पर स्तन कैंसर की जांच करवाना चाहिए। महिलाएं अपने ब्रेस्‍ट का परीक्षण, मैमोग्राफी से करवा सकती हैं। इसका उपयोग रोग की पहचान करने और उसका पता लगाने के उपकरण के रूप में किया जाता है। मैमोग्राफी का लक्ष्य स्तन कैंसर का शुरूआती दौर में ही पता लगाना है।  
 लक्षण स्तन के आकार में बदलाव महसूस होना , स्तन या बांह के नीचे की ओर टटोलने पर गांठ महसूस होना, स्तन को दबाने पर दर्द होना, कोई तरल या चिपचिपा पदार्थ स्त्रावित होता, निप्पल के अग्रभाग का मुड़ना एवं रंग लाल होना, स्तनों में सूजन आ जाना, स्तन कैंसर के प्रमुख हैं, जिनके महसूस होने पर सतर्क होकर इससे बचने के उपाय करना बेहद आवश्यक है।   नमक का अत्यधिक सेवन न करें 
रेड मीट के अधि‍क सेवन से बचें 
सूर्य के तेज किरणों के प्रभाव से बचें
अधिक मात्रा में धूम्रपान और नशीले पदार्थों का सेवन न करें।
गर्भनिरोधक गोलियों का लगातार सेवन करने से पहले चिकित्सकीय परामर्श लें। इस मौके पर मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे डॉक्टर दिनेश उपाध्याय मेंबर ऑफ गवर्निंग बॉडी मिनिस्ट्री ऑफ आयुष श्री मार्केंडेय आहूजा वीसी गुरुग्राम यूनिवर्सिटी श्री गुरु जी अरविंद त्रिपाठी जी डॉक्टर राधिका अधोलिया प्रेजिडेंट यूनिवर्ल्ड केअर श्री विजय चौधरी बीजेपी प्रवक्ता सुश्री अर्चना तिवारी प्रेजिडेंट  कनेक्टिंग लाईव एनजीओ  इस मौके पर प्रमुख्य आकर्षण का केंद्र रहीं चीफ पैट्रन श्रीमती इंका वर्मा स्वर्ण भारत परिवार के अध्यक्ष पीयूष पण्डित ने सिरीफोर्ट में आयोजित कार्यकम की सराहना की  व कुशल संचालन व कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए बलबीर सिंह नेगी की प्रशंसा की साथ ही जल्द ही स्वर्ण भारत और शशक्त नारी परिषद मिलकर आगे इस मिशन को बढ़ाएंगे इस बात पर जोर दिया इस मौके पर 100 महिलाओं को एसएनपी अचीवर्स अवार्ड से  सम्मानित किया गया ।

Tuesday 3 December 2019

विकलांग को डिफरेंटली एबल्ड कहिये, अच्छा है, वो भी आम इंसान हैं एलियन नही,जो दिव्यांग बना दिया गया : पीयूष पण्डित

देश के प्रधानमंत्री बताएं विकलांगों की शिक्षा के लिए कितने स्पेशल टीचर नियुक्त किये : पीयूष पण्डित 

विकलांगो को अलग स्कूल नही बल्कि स्पेशल एजुकेटर की जरूरत : पीयूष पण्डित 

विकलांग को डिफरेंटली एबल्ड कहिये अच्छा है वो भी आम इंसान हैं एलियन नही जो दिव्यांग बना दिया गया : पीयूष पण्डित 

 3 दिसंबर का दिन दुनियाभर में, दिव्यांगों की समाज में मौजूदा स्थिति, उन्हें आगे बढ़ने हेतु प्रेरित करने तथा सुनहरे भविष्य हेतु भावी कल्याणकारी योजनाओं पर विचार-विमर्श करने के लिए जाना जाता है।

प्रतिवर्ष 3 दिसंबर का दिन दुनियाभर में दिव्यांगों की समाज में मौजूदा स्थिति, उन्हें आगे बढ़ने हेतु प्रेरित करने तथा सुनहरे भविष्य हेतु भावी कल्याणकारी योजनाओं पर विचार-विमर्श करने के लिए जाना जाता है। दरअसल यह संयुक्त राष्ट्र संघ की एक मुहिम का हिस्सा है जिसका उद्देश्य दिव्यांगजनों को मानसिक रुप से सबल बनाना तथा अन्य लोगों में उनके प्रति सहयोग की भावना का विकास करना है। एक दिवस के तौर पर इस आयोजन को मनाने की औपचारिक शुरुआत वर्ष 1992 से हुई थी। जबकि इससे एक वर्ष पूर्व 1991 में सयुंक्त राष्ट्र संघ ने 3 दिसंबर से प्रतिवर्ष इस तिथि को अन्तरराष्ट्रीय विकलांग दिवस के रूप में मनाने की स्वीकृति प्रदान कर दी थी।

शिक्षा रोजगार के साथ सम्मान की जरूरत है विकलांगो को दया नही : पीयूष पण्डित 

मेडिकल कारणों से कभी-कभी व्यक्ति के विशेष अंगों में दोष उत्पन्न हो जाता है, जिसकी वजह से उन्हें समाज में 'विकलांग' की संज्ञा दे दी जाती है और उन्हें एक विशेष वर्ग के सदस्य के तौर पर देखा जाने लगता है। आमतौर पर हमारे देश में दिव्यांगों के प्रति दो तरह की धारणाएं देखने को मिलती हैं। पहला, यह कि जरूर इसने पिछले जन्म में कोई पाप किया होगा, इसलिए उन्हें ऐसी सजा मिली है और दूसरा कि उनका जन्म ही कठिनाइयों को सहने के लिए हुआ है, इसलिए उन पर दया दिखानी चाहिए। हालांकि यह दोनों धारणाएं पूरी तरह बेबुनियाद और तर्कहीन हैं। बावजूद इसके, दिव्यांगों पर लोग जाने-अनजाने छींटाकशी करने से बाज नहीं आते। वे इतना भी नहीं समझ पाते हैं कि क्षणिक मनोरंजन की खातिर दिव्यांगों का उपहास उड़ाने से भुक्तभोगी की मनोदशा किस हाल में होगी। तरस आता है ऐसे लोगों की मानसिकता पर, जो दर्द बांटने की बजाय बढ़ाने पर तुले होते हैं। एक निःशक्त व्यक्ति की जिंदगी काफी दुख भरी होती है। घर-परिवार वाले अगर मानसिक सहयोग न दें तो व्यक्ति अंदर से टूट जाता है। वास्तव में लोगों के तिरस्कार की वजह से दिव्यांग स्व-केंद्रित जीवनशैली व्यतीत करने को विवश हो जाते हैं। दिव्यांगों का इस तरह बिखराव उनके मन में जीवन के प्रति अरुचिकर भावना को जन्म देता है।

देखा जाये तो भारत में दिव्यांगों की स्थिति संसार के अन्य देशों की तुलना में थोड़ी दयनीय ही कही जाएगी। दयनीय इसलिए कि एक तरफ यहां के लोगों द्वारा दिव्यांगों को प्रेरित कम हतोत्साहित अधिक किया जाता है। कुल जनसंख्या का मुट्ठी भर यह हिस्सा आज हर दृष्टि से उपेक्षा का शिकार है। देखा यह भी जाता है कि उन्हें सहयोग कम मजाक का पात्र अधिक बनाया जाता है। दूसरी तरफ विदेशों में दिव्यांगों के लिए बीमा तक की व्यवस्था है जिससे उन्हें हरसंभव मदद मिल जाती है जबकि भारत में ऐसा कुछ भी नहीं है। हां, दिव्यांगों के हित में बने ढेरों अधिनियम संविधान की शोभा जरूर बढ़ा रहे हैं, लेकिन व्यवहार के धरातल पर देखा जाये तो आजादी के सात दशक बाद भी समाज में दिव्यांगों की स्थिति शोचनीय ही है। जरूरी यह है कि दिव्यांगजनों के शिक्षा, स्वास्थ्य और संसाधन के साथ उपलब्ध अवसरों तक पहुंचने की सुलभ व्यवस्था हो। दूसरी तरफ यह भी देखा जा रहा है कि प्रतिमाह दिव्यांगों को दी जाने वाली पेंशन में भी राज्यवार भेदभाव होता है। मसलन, दिल्ली में यह राशि प्रतिमाह 1500 रुपये है तो झारखंड सहित कुछ अन्य राज्यों में विकलांगजनों को महज 400 रुपये रस्म अदायगी के तौर पर दिये जाते हैं। समस्या यह भी है कि इस राशि की निकासी के लिए भी उन्हें काफी भागदौड़ करनी पड़ती है।

दरअसल, हमारे देश में दिव्यांगों के उत्थान के प्रति सरकारी तंत्र में अजीब-सी शिथिलता नजर आती है। हालांकि, हर स्तर से दिव्यांगों के प्रति दयाभाव जरूर प्रकट किये जाते हैं, लेकिन इससे किसी दिव्यांग का पेट तो नहीं ना भरता है! आलम यह है कि आज दिव्यांग लोगों को ताउम्र अपने परिवार पर आश्रित रहना पड़ता है। इस कारण, वह या तो परिवार के लिए बोझ बन जाता है या उनकी इच्छाएं अकारण दबा दी जाती हैं। वहीं, दूसरी तरफ दिव्यांगों के लिए क्षमतानुसार कौशल प्रशिक्षण जैसी योजनाओं के होने के बावजूद जागरूकता के अभाव में दिव्यांग आबादी का एक बड़ा हिस्सा ताउम्र बेरोजगार रह जाता है। अगर उन्हें शिक्षित कर सृजनात्मक कार्यों की ओर मोड़ा जाता है तो वे भी राष्ट्रीय संपत्ति की वृद्धि में अपना बहुमूल्य योगदान दे सकते हैं। इस तरह स्वावलंबी होने से वह अपने परिवार या आश्रितों पर बोझ नहीं बनेगा और धीरे-धीरे वह उज्ज्वल भविष्य की ओर कदम भी बढ़ाता नजर आएगा। यह अच्छी बात है कि प्रधानमंत्री ने अगले सात वर्षों में 38 लाख विकलांगों को लक्ष्य बनाकर राष्ट्रीय कौशल नीति पेश की है। इससे पहले भी दीनदयाल विकलांग पुनर्वास योजना आंशिक रूप से प्रचलन में थी। जिसके तहत विकलांग व्यक्तियों के कौशल उन्नयन हेतु व्यावसायिक प्रशिक्षण केन्द्र परियोजनाओं को वित्तीय सहायता (परियोजना लागत के 90 प्रतिशत तक) प्रदान की जाती है। यह कौशल 15 से 35 वर्ष की आयु समूह के लिए है ताकि ऐसे व्यक्ति आर्थिक आत्मनिर्भरता की दिशा में आगे आ सकें। यह पहल सराहनीय है कि सरकार का सामाजिक न्याय और आधिकारिता मंत्रालय के अंतर्गत बनाया गया विकलांग सशक्तिकरण विभाग विकलांगों की राष्ट्रीय कार्य योजना और सुगम्य भारत अभियान के माध्यम से एक बेहतर माहौल बनाने की कोशिशें की जा रही हैं।
 
आंकड़ों के लिहाज से भारत में करीब दो करोड़ लोग शरीर के किसी विशेष अंग से विकलांगता के शिकार हैं। दिव्यांगजनों को मानसिक सहयोग की जरूरत है। परिवार, समाज के लोगों से अपेक्षा की जाती है कि उन्हें आगे बढ़ने को प्रेरित करें। शारीरिक व्याधियों से जूझ रहे लोगों को 'डिजेबल्ड' न कहकर 'डिफरेंटली एबल्ड' कहना ज्यादा अच्छा होगा। अगर उन्हें उनकी वास्तविक शक्ति का अहसास दिलाया जाये तो उनके साधारण से कुछ खास बनने में उन्हें देर नहीं लगेगी। हमारे सामने वैज्ञानिक व खगोलविद स्टीफन हॉकिंग, भारतीय पैराओलंपियन देवेंद्र झांझरिया, धावक ऑस्कर पिस्टोरियस, मशहूर लेखिका हेलेन केलर जैसे लोगों की लंबी फेहरिस्त है, जिन्होंने विकलांगता को कमजोरी नहीं समझा, बल्कि चुनौती के रूप में लिया और आज हम उनके उत्कृष्ट कार्यों के लिए उन्हें याद करते हैं। यदि समाज में सहयोग का वातावरण बने, लोग किसी दूसरे की शारीरिक कमजोरी का मजाक न उड़ाएं, तो आगे आने वाले दिनों में हमें सकारात्मक परिणाम देखने को मिल सकते हैं।
समाज के इस वर्ग को आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराया जाये तो वे कोयला को हीरा भी बना सकते हैं। समाज में उन्हें अपनत्व-भरा वातावरण मिले तो वे इतिहास रच देंगे और रचते आएं हैं। एक दिव्यांग की जिंदगी काफी दुखों भरी होती है। घर-परिवार वाले अगर मानसिक सहयोग न दें, तो व्यक्ति अंदर से टूट जाता है। वैसे तो दिव्यांगों के पक्ष में हमारे देश में दर्जन भर कानून बनाए गए हैं, यहां तक कि सरकारी नौकरियों में आरक्षण भी दिया गया है, परंतु ये सभी चीजें गौण हैं, जब तक हम उनकी भावनाओं के साथ खिलवाड़ करना बंद ना करें। वे भी तो मनुष्य हैं, प्यार और सम्मान के भूखे हैं। उन्हें भी समाज में आम लोगों के साथ प्रतिस्पर्धा करनी है। उनके अंदर भी अपने माता-पिता, समाज व देश का नाम रोशन करने का सपना है। बस स्टॉप, सीढ़ियों पर चढ़ने-उतरने, पंक्तिबद्ध होते वक्त हमें यथासंभव उनकी सहायता करनी चाहिए। आइए, एक ऐसा स्वच्छ माहौल तैयार करें, जहां उन्हें क्षणिक भी अनुभव ना हो कि उनके अंदर शारीरिक रूप से कुछ कमी भी है। इस बार के 'विश्व विकलांग दिवस' पर मेरी यह छोटी-सी अपील है कि दिव्यांगों का मजाक न उड़ाएं, उन्हें सहयोग दें।
 
...अंत में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस सुझाव को दुहराना चाहूंगा, जिसमें उन्होंने निःशक्तों (विकलांगों) को 'दिव्यांग' कहने का उचित विचार दिया था। यह महज एक औपचारिकता ना रहे, इसलिए इस सुझाव को व्यवहार में लाया जाना चाहिए।

Sunday 27 October 2019

Happy Dipawali - Piyush Pandit

आओ जलायें उम्मीदों का दीया 
पीयूष पंडित - स्वर्ण भारत परिवार ट्रस्ट 

Happy Deepawali - Piyush Pandit

आओ जलायें उम्मीदों का दीया 
पीयूष पंडित - स्वर्ण भारत परिवार ट्रस्ट 

Happy Dipawali - Piyush pandit


आओ जलायें उम्मीदों का दीया 
पीयूष पंडित - स्वर्ण भारत परिवार ट्रस्ट 

Piyush pandit


                                                     पीयूष पंडित - स्वर्ण भारत परिवार ट्रस्ट

स्वर्ण भारत परिवार करेगा शिक्षा साहित्य व सामाजिक क्षेत्र के नायकों को करेगा सम्मानित : पीयूष पण्डित

*सादर आमंत्रण*
आदरणीय मित्रों
                  आप सभी को यह सूचित करते हुए असीम हर्ष की अनुभूति हो रही है कि *’स्वर्ण भारत परिवार' व दिशा फ़ाउंडेशन* द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर शिक्षकों, प्रधानाचार्यों और शिक्षण संस्थानों, साहित्यकारों, व सामाजिक सरोकारो से जुड़े व्यक्तियों के लिए *नेक्स्ट जेन अवार्ड (सम्मान) समारोह का आयोजन *24 नवंबर 2019 में नई दिल्ली* में आयोजित होना है। इस समारोह में देश के लब्ध प्रतिष्ठित शिक्षाविद, साहित्यकार व सामाजिक शक्सियत सम्मिलित होंगी, नेक्स्ट जेन अवार्ड कार्यक्रम में मुख्य अतिथियों के रूप में आकर्षण का केन्द्र रहेंगे ...... *श्याम जाजू जी (भाजपा, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष), अवनीश कुमार शर्मा (वैज्ञानिक तथा तकनीकी  आयोग के चैयरमैन), साध्वी प्राची (वरिष्ठ समाजसेवी), मनोज तिवारी (दिल्ली प्रदेश भाजपा अध्यक्ष/मा. सांसद व सुप्रसिद्ध भोजपुरी गायक)* अन्य आदरणीय अतिथिगण की सूची जल्द ही जारी की जाएगी।

यदि आप में से किसी भी महानुभाव के दृष्टि
में उक्त पुरस्कारों के लिए उपयुक्त व्यक्तित्व हों तो कृपया उन तक यह सूचना जरूर पहुंचाएं ।
नियम व शर्तो की जानकारी के लिए दिये गये फोन नंबरो पर कॉल करके प्राप्त की जा सकती हैं।चयन की प्रक्रिया पूर्णतः पारदर्शी होगी। 

आवेदकों द्वारा अपना पूर्ण विस्तृत विवरण और उत्कृष्ट प्रयासों का प्रमाण उपलब्ध कराना होगा।
चयनित अभ्यर्थियों का विवरण स्वर्ण भारत परिवार की आधिकारिक वेबसाइट में प्रसारित भी किया जाएगा। 

चयन हेतु आप सभी अपनी प्रविष्टियाँ निम्न ई-मेल पर दिनांक *5 नवम्बर 2019* तक प्रेषित कर सकते हैं
Web: www.nextgenawards.in
  www.swarnabharatparivaar.org
Email:  psgchead@gmail.com 729 1813661

 *Literature ●●Social●●Education●● Awards*

Saturday 5 October 2019

Peeyush Pandit Chairman Swarna Bharat Parivaar will celebrates INTERNATIONAL DAY OF DISABLED PERSONS - 2019

Swarna Bharat Parivaar
will celebrate
"INTERNATIONAL DAY OF DISABLED PERSONS"


#स्पेशल_स्कूल
विश्व विकलांग दिवस पर स्वर्ण भारत करेगा हौसलों को सम्मान कार्यक्रम देश विदेश से बुलाये जाएंगे दिव्यांग व्यक्ति विशेष :पीयूष पण्डित





आज श्वेता दीदी के सहयोग से मैक्सिला एकेडमी (आधुनिक शिक्षा के साथ वैदिक संस्कारों से परिपूर्ण भारत के भविष्य के बीच कुछ पल बिताने का सुखद अनुभव प्राप्त हुआ । कुछ स्पेशल (खास बच्चे ) जिनको स्वेता दीदी द्वारा स्पेशल एजुकेशन के द्वारा सामान्य बच्चो के साथ आगे बढ़ते हुए देखना हमारे लिए एक सीख है ऐसे ही बच्चो और स्पेशल लोगो के लिए विश्व विकलांग दिवस पर एक कार्यक्रम का विचार है जिसकी जानकारी आप सभी को जल्द ही साझा करूँगा ।






इस मौके पर दिल्ली से आई सुप्रीम कोर्ट की एडवोकेट संगीता सिंह जी ने बच्चो को सेब व केला बांट कर बच्चो का उत्साहवर्धन किया प्रिंसिपल दिशा श्रीवास्तव जी के कार्यों की सराहना साथ ही समस्त टीचर की मेहनत देखने को मिली हेल्प पीपल हेल्प फाउंडेशन के अध्यक्ष रवि त्रिपाठी जी ने स्कूल प्रबंधक प्रभुल्ल वर्मा जी के कार्यों की सराहना की व आशीष वाजपेयी जी ने बच्चो को संबोधित किया मीडिया मैनेजर प्रांशु मिश्रा ने यह जानकारी प्रेस को दी

Sunday 29 September 2019

Peeyush Pandit Social Worker Wishes you all Happy Navratri - 2019

जय माते नमामि,,जयंती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी, दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोस्तुते,स्वर्ण भारत परिवार की तरफ नवरात्रि की सभी को हार्दिक  शुभकामनाएं


Peeyush Pandit, Chairman,Swarna Bharat Parivaar tie up with Government for betterment of Society

Swarna Bharat Parivaar tie up with Government for betterment of Society


हम भारत सरकार व संयुक्त राष्ट्र संघ के सतत विकास लक्ष्य का दृढ़ता से पालन करते हैं ।
हम सामाजिक कार्यों में 5 लाख शिक्षित स्वयंसेवी सदस्यों का एक समूह हैं ।
हम सौ से अधिक सामाजिक कार्यों का सफलता पूर्वक कर चुके हैं ।
हम आगामी सतत विकास के लक्ष्य में भारतीय सरकार के साथ कदम से कदम मिला कर सामाजिक क्षेत्र में मजबूती से बढ़ रहे हैं ।




राष्ट्रीय युवा विकास कार्यक्रम से प्रतिदिन सैकड़ो आवेदन प्राप्त करते हैं ।

एक लक्ष्य सेवानीति व विकसित जन विकसित राष्ट्र की ओर अग्रसर स्वर्ण भारत परिवार


Thursday 19 September 2019

Next Gen Awards - 2019 on 24th November'2019, Apply Now

🔅🔅🔅🔅🔅🔅🔅🏆नैक्सट जैन-एवार्ड-2019🏆🔅🔅🔅🔅🔅🔅🔅

स्नेही साथियों,

आप सभी को यह सूचित करते हुए असीम हर्ष की अनुभूति हो रही है कि 'स्वर्ण भारत ' द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर शिक्षकों, प्रधानाचार्यों और शिक्षण संस्थानों,साहित्यकारों,सामाजिक सरोकारो से जुड़े व्यक्तियों के लिए सम्मान समारोह का आयोजन 24 नवंबर 2019 में नई दिल्ली में प्रस्तावित है। इस समारोह में देश के लब्ध प्रतिष्ठित शिक्षाविद,साहित्यकार व सामाजिक शख्शियत सम्मिलित होंगी।

यदि आप में से किसी भी महानुभाव की दृष्टि में उक्त पुरस्कारों के लिए योग्य शिक्षक, प्रधानाचार्य और शिक्षण संस्थान,सामाजिक कार्यकर्ता, साहित्यकार हैं तो कृपया निम्न सूचना जरूर पहुंचाऐं।नियम व शर्तो की जानकारी के लिए दिये गये फोन नंबरो पर कॉल करके ली जा सकती हैं।चयन की प्रक्रिया पूर्णतः पारदर्शी होगी और शिक्षाविदों , साहित्यकारो की समिति द्वारा की जाएगी।
शिक्षकों / प्रधानाचार्यों / शिक्षा संस्थानों,साहित्यकारो ,सामाजिक कार्यकर्ताओं द्वारा अपना पूर्ण विस्तृत विवरण और विषय क्षेत्र में किए जा रहे उत्कृष्ट प्रयासों का प्रमाण उपलब्ध कराना होगा। सम्मान हेतु चयनित अभ्यर्थियों के चयन के विवरण को स्वर्ण भारत की ऑफिसियल वेबसाइट में प्रसारित भी किया जाएगा।
समारोह के दिन प्रथम सत्र में 'शिक्षा/साहित्य/सामाजिक विषय पर एक विचार गोष्ठी आयोजित की जाएगी और द्वितीय सत्र में चयनित शिक्षकों/ प्रधानाचार्यों/ शिक्षा संस्थानों /साहित्यकारो, समाजसेवियों को पुरस्कृत किया जाएगा।
चयन हेतु आप सभी अपनी प्रविष्टियाँ निम्न ई मेल पर दिनांक 30 अक्टूबर 2019 तक प्रेषित कर सकते हैं।
आभार!
Email: nextgenaward@gmail.com
🏆🏆🏆🏆🏆🏆🏆

Saturday 7 September 2019

Peeyush Pandit, Social Worker views & Awareness on Malnutrition

*जागरूकता व शुरुवाती पोषक तत्व ही बचा सकता है कुपोषण से : पीयूष पण्डित*

नई दिल्ली : स्वर्ण भारत परिवार द्वारा संचालित कुपोषण मुक्त भारत कार्यक्रम में बोलते हुए स्वर्ण भारत के राष्ट्रीय अध्यक्ष पीयूष पण्डित ने कहा गर्भवती महिलाओं को पोषक तत्व खिलाने पर जोर देते हुए उन बच्चो की तरफ इशारा किया जो बार-बार बीमार पड़ जाते हैं, जल्दी थक जाते हैं, धीमी गति से चीज़ों को समझते हैं, वे कुपोषण से ग्रस्त हो सकते हैं। बच्चे के जन्म से लेकर 2 साल की आयु तक उसके कुपोषण से ग्रस्त होने की सम्भावना अधिक होती है। यह बच्चे के समग्र दीर्घकालिक विकास के लिए महत्वपूर्ण समय होता है। कुपोषण की शुरूआत जन्म से पहले ही हो जाती है, आमतौर पर यह किशारोवस्था में, इसके बाद व्यस्क जीवन में और आने वाली पीढि़यों में भी जारी रह सकता है। अक्सर इसे ठीक करना सम्भव नहीं होता। ये अपरिवर्तनीय लक्षण जो जच्चा-बच्चा के स्वास्थ्य एवं जीवन की गुणवत्ता पर बुरा प्रभाव डालते हैं, इन्हें रोकने के लिए जल्द से जल्द इस कुपोषण को रोकना ज़रूरी है।

जैसे एक मरा हुआ पौधा उचित देखभाल, पोषण जैसे मिट्टी, पानी, ताज़ा हवा और धूप के बिना हरे-भरे पेड़ में विकसित नहीं हो सकता, उसी तरह एक बच्चा उचित देखभाल और पोषण के बिना स्वस्थ व्यस्क के रूप में विकसित नहीं हो सकता।

एक बार बन जाने के बाद जिस तरह से खराब बने मिट्टी के घड़े को दुबारा ठीक नहीं किया जा सकता, उसी तरह जो बच्चे अपने जीवन की शुरूआती अवस्था में कुपोषण का शिकार हो जाते हैं, उन्हें पूरी तरह से स्वस्थ नहीं बनाया जा सकता
*इस मौके पर पीयूष पण्डित ने प्रिया बजाज न्यूट्रीशियन एक्सपर्ट की सराहना करते हुए कहा कि उनके द्वारा चलाये जा रहे कार्यक्रमो से आम जनमानस में आम स्वास्थ्य व पोषक तत्वो के सही उपयोग की जानकारी देती आ रही हैं जिसके लिए व बधाई की पात्र हैं जल्दी ही उनको इस कार्य हेतु इंस्पायरिंग वूमेन अवार्ड से सम्मानित किया जाएगा*


Tuesday 3 September 2019

Swarna Nayay Andolan - 2019 by Peeyush Pandit President Swarna Bharat Parivaar

नवम्बर माह में प्रयागराज में होगा सवर्ण न्याय आंदोलन: पीयूष पण्डित



प्रतापगढ़: आज प्रदेश पदाधिकारियों के अहम बैठक में नवंबर महीने व प्रयागराज पर सहमति बनी आंदोलन के प्रभारी श्री रंजीत पांडेय व नीरज पांडे जी को संयुक्त रूप से बनाया गया आंदोलन को आम जन तक पहुचाने का कार्य प्रदेश अध्यक्ष व महासचिव जी को संयुक्त रूप से बनाया गया ।दिनांक गुरु जी के आशीर्वाद से जल्द ही घोषित किया जाएगा ।


Friday 23 August 2019

Peeyush Pandit Visit to Candi Ijo Temple, Indonesia

जब हमारी इन मंदिरों का निर्माण हुआ यहां एक भी मुश्लिम नही था और ये देश विश्व का सबसे ज्यादा मुश्लिम आबादी वाला देश है।


Ijo मंदिर (इन्डोनेशियाई: Candi Ijo) एक हिंदू कैंडि (मंदिर) है जो रातू बोको से 4 किलोमीटर या योग्याकार्ता, इंडोनेशिया से लगभग 18 किलोमीटर पूर्व में स्थित है। मंदिर का निर्माण १० वीं से ११ वीं शताब्दी के बीच मटाराम साम्राज्य काल के दौरान किया गया था। उड़ते हुए स्त्री और पुरुष का वर्णन करते हुए एक मूर्ति भी है जो कुछ निश्चित दिशाओं में जाती है। इस तरह के विवरण के कुछ अर्थ हो सकते हैं; पहला, बुरी आत्मा को बाहर निकालने के लिए और दूसरा भगवान शिव और देवी उमी के बीच एकता के प्रतीक के रूप में। ब्रह्मांड निर्माण की शुरुआत के रूप में एकता का मतलब है। प्रम्बानन मंदिर में प्रतिमाओं से अलग, इजो मंदिर में मूर्तियों की प्राकृतिक शैली कामुकता की ओर नहीं ले जाती है।


भगवान शिव की मूर्ति सहित माँ पार्वती सहित नंदी और कुछ प्राकृतिक चीजो को समेटे हुए है यह स्थान
कैंडी मतलब मन्दिर यहां पर इंडोनेशिया में जब जीवन शुरू हुआ तो पहले हिन्दू राजा हुए फिर बौद्ध राजा हुए फिर इश्लाम का आगमन हुआ उसके बाद कई देशों ने अपना झंडा यहां बुलन्द हुआ तब तक यहां के 80% लोग मुश्लिम बन गए और 1945 में देश आजाद हुआ 17 अगस्त को 74 स्वतंत्रता दिवस बना रहे हैं लोग ।और इसी के साथ एक हिन्दू राज्य य देश का पतन हुआ


Tuesday 20 August 2019

Few Days Spent in Indonesia on Several Serious Issues : Peeyush Pandit, Social Worker

Time Spent on Serious Issues like Bird Saving, Agriculture & Farmers and Culture in Indonesia


#SaveBirdsLives
आज सुबह उठते ही इंडोनेशियन गवर्मेंट के साथ पक्षियों को दाना पानी देने के लिए सेव बर्ड्स lives के साथ पार्क में पक्षियों को दाना व उनके संरक्षण के कार्यों में अपनी उपस्थिति दर्ज कराते हुए ।
सेव बर्ड्स लीव्स एम्बुलेंस से करीब 4 सेंटर जहां पर पक्षियों की देखभाल की जाती है वहां के विजिट पर
#Indonesia #save_birds_lives #swarna_bharat_privaar #yogyakarta#peeyush_pandit #social_work #indian #government #animals #welfare#social_activity





सभ्यता जिन्हें पहले आई जहां जन्मी पहले कला । अपना भारत वो भारत है जिसके पीछे ये संसार चला ।संसार चला और आगे बढ़ा यूं आगे बढ़ा बढ़ता ही रहा भगवान करे ये और बढे बढ़ता ही रहे और फुले फले जय हिंद जय भारत

किसान की अच्छी फसल ही उसकी मुस्कान का एकमात्र कारण होती है सच कहा जाए तो जब किसान विकसित होता है तभी देश विकसित होता हैll
किसानों की संपन्नता ही देश की संपन्नता होती है, इनकी मुस्कान ही देश की बढ़ती हुई जीडीपी है ।