Monday 25 December 2017

Christmas Tree

अच्छा एक बात बताईये। अगर आपका पड़ोसी अपने माता या पिताजी का बर्थ डे सेलीब्रेट कर रहा होता है तो क्या आप भी उसी दिन अपने माता-पिताजी का बर्थ डे सेलिब्रेट करने लग जाते हैं?? नही न..?? तो दूसरे धर्म के त्यौहार का विरोध करने के लिए अपने धर्म.. अपने देवी-देवताओं का उपहास क्यों..?? क्या दिक्क्त है आपको कि वो अपना क्रिसमस ट्री सेलिब्रेट कर रहे हैं और आप उससे अपनी ''तुलसी माता'' की तुलना कर रहे हैं..?? उन्होंने तो आपसे कभी नही कहा कि आप भी क्रिसमस ट्री सेलिब्रेट कीजिये। आपकी मर्जी है सेलिब्रेट करिये अथवा मत करिये। अब अगर आप पर कोई इसे थोपता है। तो जाहिर सी बात है विरोध तो बनता है। लेकिन तब भी ये विरोध का कौन सा तरीका हुआ कि वो क्रिसमस ट्री सेलिब्रेट कर रहे हैं तो हम उसी दिन तुलसी दिवस मनायेंगें.. सचमुच हद है मूर्खता की...

Sunday 24 December 2017

Manusmriti

सन् 1927 में अम्बेडकर ने ''मनुस्मृति'' को जलाने की घोषणा तो कर दी थी किन्तु इसके लिए कोई स्थान नहीं मिल पा रहा था। तब एक सच्चे मुसलमान ने अपनी निजी जमीन उपलब्ध करायी और वही गड्ढा खोदकर, उसमे आग लगाकर अम्बेडकर ने एक एक पन्ना फाड़कर मनु-स्मृति को जला दिया था। इसके पीछे अम्बेडकर का तर्क था कि - हमें भारत से वर्ण-व्यवस्था को या जातिवाद को पूरी तरह ख़त्म करना है। वह दिन था 25 दिसम्बर और आज भी जातिवाद को ख़त्म करने के लिए बड़े बड़े भाषण देकर कुछ संगठन इस दिन को "मनुस्मृति-दहन-दिवस" घोषित करके, मनुस्मृति को जलाने का कार्यक्रम बनाते हैं।

अब थोडा गहराई से समझिये कि भारत में जातिवाद के लिए क्या केवल मनुस्मृति ही दोषी थी या अब है? कुछ समय पूर्व ही एक कोर्ट ने आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा था कि - ''भारत ही ऐसा देश है जहाँ लोग स्वयं को पिछड़ा घोषित करने के लिए संघर्षरत हैं''। यानि इनका कथित उद्देश्य है वर्णव्यवस्था को ख़त्म करना और साथ ही स्वयं को निरंतर हीन और पिछड़ा मानना और उसे गाते रहना। तो वर्तमान में ये संगठन और लोग स्वयं ही जातिवाद के सबसे बड़े पोषक क्यों नहीं समझे जाने चाहिए? और इनकी घातकता से बचाने के लिए हिन्दुओ को किस किसके चित्र, किसकी लिखी पुस्तके जलाने पर विचार करना चाहिए?

अगर वर्ण-व्यवस्था को ही ये जातिवाद कहते हैं तो फिर उसकी प्रथमाभिव्यक्ति तो वेद करते हैं। वह तो उपनिषदों में भी है। गीता में भी है। महाभारत में भी है। रामायण में भी है। इनके प्रति उदारता क्यों? दरअसल इसका कारण है कि इन सबको एक साथ जलाने की बात करें तो कई शम्भुनाथ पैदा होकर इनको ही जला देंगे। इसलिए बड़ी व्यवस्थित और धीमी प्रक्रिया के तहत मनुस्मृति के विरुद्ध दुष्प्रचार किया गया। मनुस्मृति को जो ठीक से समझने के योग्य थे उनका मुख्य उद्देश्य राजनीति करना था और उसके लिए उनकी पूरी निष्ठा उसे समझने के प्रति नहीं बल्कि केवल और केवल जलाने के, उसे मिटाने के प्रति थी। यही वे लोग थे जिन्होंने सवर्णों द्वारा दलितों पर अत्याचारों की बड़ी-बड़ी मार्मिक कथाएं कल्पना करके लिखी और जो समझ नहीं सकते थे उन्हें भड़काया। इनका उपयोग किया। इसके पीछे एक स्पष्ट उद्देश्य था - हिन्दुओं को कमजोर करना और उन्हें तोडना, आपसी द्वेष फैलाना.. और हिन्दू-विरोधी-तत्वों को सहायता पहुंचाना।

आप स्वयं देखिये और पूछिये भी कि - ये मुसलमान और कम्युनिष्ट इस काम में सदैव तुम्हारे साथ क्यों होते है? आज भी मनुस्मृति के स्त्री-विरोधी होने की बात कहकर उसे जलाने का समर्थन करने वालो का साथ जो मुसलमान देते हैं क्या वे इसी तर्क के आधार पर कुरान या हदीसो को जलाना तो दूर उनकी किसी एक आयत या एक बात तक की भी निंदा करते हैं या कर सकते है? हिन्दुओ पर सबसे बड़ा प्रहार यही हो सकता है। इसीलिये कम्युनिष्टो का भी वर्ग जिसका काम भारत में केवल और केवल हिन्दू-धर्म का और इस राष्ट्र का विरोध एवं राष्ट्रविरोधी तत्वों एवं इस्लाम आदि हिन्दू-धर्म-विरोधी ताकतों का पोषण करना है। इन्होंने भी काफी संख्या में दलितों को भड़काकर उन्हें हिन्दू-धर्म-विरोधी बनाया। मतलब ये सब केवल एक दूसरे के लिए ऑक्सीजन की तरह काम करते है। उद्देश्य है हिन्दुओं को कमजोर करना।

मुसलमान और कम्युनिष्टों के अतिरिक्त अन्य भी स्वतंत्र स्वघोषित विचारक अपने स्वार्थ और धूर्तता के चलते इस बहते नाले में हाथ पैर मुंह सब धोते हैं। जैसे कि एक ड्रग्सखोर, घोर-अय्याश ओशो रजनिशाचर, जिसकी हवस से उसकी हवेली की कोई लेडीमोंक शायद ही बची होगी.. उसने कहा था कि - "शास्त्र तो हिन्दुओं और ब्राह्मणों के अहंकार की उदघोषणा है। इसलिए रावण को जलाना बंद करो। मनुस्मृति को प्रतिवर्ष जलाया जाना चाहिए"।  इस सनकी का उदाहरण काफी है इसे समझने के लिए जो पूर्व में कहा कि - "जो समझकर इस आग को भड़कने से रोकते, वे स्वयं अपने स्वार्थो के लिए, घी डाल रहे थे। रावण को हर वर्ष जलाएंगे तो इन्हें राम याद आयेंगे.. लगातार मनुस्मृति को जलाएंगे तो कभी तो राम के भी विरुद्ध हो जायेंगे। कृष्ण के विरुद्ध हो पायेंगे न।

लेकिन वास्तविकता यही है कि इनके ऐसे घृणित कुकृत्यों से कितने भी दलितों को ये बहका लें लेकिन इनका सामना अप्रत्यक्ष रूप से ईश्वरीय-आदेशों से है। हमेशा हमारे उन दलितों की ही संख्या सर्वाधिक रहेगी जो राम के हैं और मनुस्मृति के भी हैं। जय श्री राम और हर हर महादेव के उद्घोष करने वाला हमारा एक दलित, तुम्हारी उस अनपढ़ एवं मूर्ख भेड़ों की भीड़ पर भारी पड़ेगा।

ब्राह्मणवाद.. ब्राह्मणवाद चिल्लाते हैं। अगर ये इसे थोडा भी समझते तो समझ पाते कि यह कोई वाद मात्र नहीं है। यह एक प्रवाह है। जिसमे बहने से तुम हिन्दुओं को छोडो, अपने परिवारों के सभी सदस्यों तक को नहीं रोक सकते। भगवान शिव, श्री राम, कृष्ण सहित हमारे देवो के नाम को अगर मिटा सकते हो हिन्दुओ की स्मृति से, तो ही इसे नष्ट करने का स्वप्न देखो। जिसे तुम ब्राह्मणवाद कहते समझते हो। वह तो इसका आवरण मात्र है। तुम उससे ही विजय प्राप्त नहीं कर पा रहे तो इस आवरण के मध्य सुरक्षित जो शाश्वत अनश्वर प्रवाह है उस तक पहुंच भी कैसे पाओगे। नष्ट करने का तो स्वप्न भी कोई महामूर्ख व्यक्ति ही देख सकता है क्योंकि जिस आवरण से संघर्ष करने की तुम नौटंकी कर रहे हो बुद्ध भी उसी आवरण का एक भाग है.. लड़ते रहो स्वपरिभाषित.. स्वकल्पित नकली ब्राह्मणवाद से..।।जय श्री राम।।

Peeyush Pandit

अब देखिये #शर्मा होना तो उसका संयोग था.. वह #दलित भी होता तो भी हमें इतना ही प्रिय होता.. 
बाक़ी तो अच्छा है क्रिकेटर बन गया.. वरना नौकरी खोजता तो #आरक्षण के चलते हो सकता है उसका नंबर न आता और फिलहाल #मेक_इन_इंडिया जैसी फालतू चीज के चक्कर में फंसकर बैंक में लोन के लिए अप्लाई कर रहा होता..  
शाबाश #रोहित_शर्मा

Wednesday 20 December 2017

The Manusmṛti

दुनिया में सिर्फ सनातन धर्मी ही वो महान लोग हैं। जो कभी कट्टर नही हुए। स्मृतियों, ऋचाओं, ग्रँथों, पुराणों में लिखी जो बात उन्हें अच्छी लगी अपना लिया। जो बात समय और परिस्थितियों के अनुकूल नही थी। उसे समय-समय निकालते रहें। क्या ऐसा अन्य धर्म के लोग करते हैं..?? कभी नही। मान्यताएं..आडम्बर कितने भी बुरे क्यों न हों.. उनके धर्म उत्तपत्ति से ही चले आ रहे हैं। 
लेकिन क्या मजाल की कोई उनके धर्म.. उनकी मान्यताओं और रीति रिवाज पर उंगली उठा सके। क्या मजाल की उनके विश्वास और आस्था पर आधारित उनके धर्म ग्रँथ पर कोई आंख उठा के देख भी सकें। नही कर सकते ऐसा। क्योंकि उन्हें पता है उनकी आंखें नोचकर चील-कौवों को डाल दी जाएंगी। लेकिन हमने तो सहिष्णुता का ठेका ले रखा है। तो जिसका भी मन करे आओ और हमें अपमानित करके चले जाओ.. 

The Manusmṛti


चलिए मान लेते हैं कि ''मनुस्मृति'' में कुछ बातें ऎसी लिखी हैं जो किसी व्यक्ति विशेष की भावनाओं को ठेस पहुंचा सकती हैं। लेकिन क्या दुनिया में सिर्फ हिन्दू धर्म ग्रंथों की बातें ही किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचा सकती हैं? नही न..?? बहुत से ऐसे धर्म ग्रंथ मिल जायेंगें जो हिंसा और दूसरे धर्म के लोगों पर अत्याचार की प्रेरणा देते हैं। लेकिन आपको नफरत है तो सिर्फ हिन्दू धर्म ग्रंथों से.. अब कुछ अत्यंत बुद्धिजीवी टाइप के लोग ज्ञान दे सकते हैं कि क्योंकि स्वर्णों ने हमारी जाति पर अत्याचार किया (जो की एकदम भ्रामक बात है) इसलिए हम उनके पूर्वजों द्वारा रचित धर्म ग्रंथों का बहिष्कार करते हैं। चलिए, आपकी इस बात को भी सत्य ही मान लेते हैं। तो क्या दुनिया में सिर्फ स्वर्ण जाति के लोगों ने ही आप पर अत्याचार किया..?? इतिहास में बहुत से ऐसे आक्रमणकारी आये, जिन्होंने आप पर तो क्या.. पूरे देश के लोगों पर अत्याचार किया। गाजर-मूली की तरह काट कर फेंक दिया। उनके धर्म ग्रँथ क्यों नही जला कर फेंक देते..??
अंग्रेजों ने हजारों वर्षों तक हमारे देश को गुलाम बनाकर रखा। उन सब से आपको नफरत क्यों नही है..?? उनके धर्म ग्रँथ क्यों नही जला डालते..?? सिर्फ स्वर्ण जाति से ही इतनी नफरत क्यों..??

Saturday 2 December 2017

Social-Worker-Peeyush-Pandit


इसे ही कहते हैं। खाया-पीया किसी और ने। बिल फटा आपके नाम का..  :) 

Thursday 30 November 2017

10 December Chandrashekhar Park - Prayagraj

सभी #आरक्षण विरोधी संगठनों से उम्मीद करता हूँ कि हमारे #स्वर्ण_भारत_परिवार के जातिगत आरक्षण विरोधी मुहीम में सकारात्मक सहयोग देंगें। जय हिन्द.. जय भारत.. 

Wednesday 29 November 2017

10 December Chandrashekhar Park - Prayagraj


अन्याय और शोषण के खिलाफ 10 दिसम्बर चंद्रशेखर पार्क, प्रयागराज। 
#स्वर्ण_भारत

Saturday 11 November 2017

Peeyush Pandit -Social Activist

आजकल कुछ लोगों का रटा रटाया डायलॉग हो गया है कि ब्राह्मणों ने हमारा शोषण किया। हमें लिखने-पढ़ने के अधिकार से वंचित रखा। हमारे साथ छुआ-छूत का व्यवहार किया गया। मजे की बात देखिये, ये डायलॉग वो समाज बोलता है। जिस समाज के महापुरुष ने हमारे देश का सविधान लिखा। वो समाज बोलता है जिनके द्वारा लिखी बाल्मीकि रामायण को हिन्दू समाज पूजनीय और सबसे विश्वसनीय ग्रंथ मानता है। 
सच्चाई यही है कि कोई भी काल रहा हो.. कोई भी समय हो... समाज ने हमेशा बुद्धिजीवियों को आदर दिया है। इसलिए अपनी कमियों को दूसरे पर दोष मढ़ कर उसे छुपाने की कोशिश मत कीजिये।

Friday 10 November 2017

Peeyush Pandit-Social Activist

सच्चाई ये है कि इन सब ऊँचे ओहदों पर बैठे लोगों के बच्चे हमारे बच्चों से भी ज्यादा शानदार जीवन जी रहे हैं। अच्छे स्कूलों में पढ़ रहे हैं। दुनिया में बेख़ौफ़ घूम रहे हैं। इन पर हम तो क्या प्रशासन भी जल्दी कार्यवाही करने से डरता है। तो किस प्रकार इनका सामाजिक शोषण हो रहा है?? क्यों दिया जा रहा है इन्हें #आरक्षण??

Sunday 5 November 2017

Peeyush Pandit - Social Activist

''१० दिसम्बर इलाहाबाद। आरक्षण रूपी शोषण के खिलाफ आगाज़..'' 
समाजिक उन्नति और जाति उन्मूलन के लिए की गयी व्यवस्था जो कि आरक्षण कहलाती है। आज एक अभिशाप बनती नजर आ रही है. आज आरक्षण का लाभ सिर्फ और सिर्फ आर्थिक और सामाजिक रूप से सक्षम sc/st या obc उठा रहे हैं। आरक्षण सामाजिक व आर्थिक रूप से कमजोर लोगों का हक है। चाहे वह किसी भी जाति या धर्म का हो। किन्तु यदि किसी एक वर्ग को ही इसका लाभ मिल रहा है तो यह अन्याय और शोषण है। इस शोषण का विरोध मैं नही हम मिलकर करेंगें। #हमारा_संकल्प_आरक्षण_मुक्त_भारत ..

Thursday 2 November 2017

Peeyush Pandit - Social Activist

जो अपराध हमने किये ही नही, आखिर कब तक उन अपराधों की सजा हमें भुगतनी पड़ेगी..?? अब और कितनी पीढ़ी..??

Thursday 14 September 2017

Hindi Diwas

हिंदी अपनाओ देश का मान बढ़ाओ 

गर्व करो भारतवासी होने पर, गर्व करो हिन्दीभाषी होने पर 

हिंदी हैं हम हिन्दुस्तां हमारा 

Saturday 9 September 2017

Swarn Bharat Computer Education


एक ही सपना स्वर्ण भारत हो अपना। एक कदम स्वर्णिम भारत की ओर.....
देश में बढ़ती बेरोजगारी को देखते हुए, स्वर्ण भारत परिवार युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए बहुत सी योजनाएं लाता रहता है। इसी कड़ी में #स्वर्ण_भारत_कम्प्यूटर_साक्षरता_मिशन की शुरुआत की गयी है।  जिसके तहत कम्प्यूटर शिक्षा देकर बेरोजगारी संकट में, आत्मनिर्भरता बनाने का हर सम्भव प्रयास किया जाएगा। निश्चित जानिये कि इस मिशन से जुड़े हर व्यक्ति के पास यह अवसर होगा कि वे अपने परिवार, समुदाय तथा समाज में अपनी जीविका एवं विकास सुरक्षा की भागीदारी में अपनी पूर्ण क्षमता प्रदान कर सकेगा।
इसलिए स्वर्ण भारत परिवार के सभी सदस्यों से उम्मीद की जाती है कि इस कल्याणकारी योजना को आर्शीवाद के रूप में प्राप्त करके लोगों के जीवन स्तर को उठाने का कार्य करेंगें। इस योजना के अन्तर्गत आगामी नवरात्रि से स्वर्ण भारत के स्थाई सदस्यों को केन्द्र दिये जायेंगे। जिसमे स्वर्ण भारत परिवार द्वारा प्रत्येक केन्द्र पर पाँच-पाँच कम्प्यूटर और् साथ ही साथ कुछ नगद राशि का सहयोग भी प्रदान किया जायेगा। ग्रामीण क्षेत्र में नगद सहयोग राशि पाँच हजार रुपये और शहरी क्षेत्रों में ये राशि दस हजार मासिक होगी। जो भी युवा मित्र न्यूनतम लागत और अधिकतम उपयोगिता के द्वारा इस महत्त्वाकांक्षी योजना से जुड़ना चाहते हैं और #जी_टेक की फ्रेंचाइजी लेना चाहते हैं। अपना नाम, पता, शैक्षिक योग्यता का विस्तृत विवरण मेल के द्वारा भेजे।
युवाओं के सुनहरे भविष्य के लिये सजग आप सभी का अपना परिवार..  स्वर्णभारत परिवार..

Thursday 7 September 2017

Swarn Bharat Computer Education

स्वर्ण भारत परिवार के युवाओं के स्वर्णिम भविष्य के लिये #जी-टेक की आकर्षक सौगात ...
स्वरोजगार को बढ़ावा देने और युवावर्ग को आत्मनिर्भर बनाने के साथ ही साथ जनसेवा करने के लिये प्रेरित करते हुए ...स्वर्ण भारत परिवार कंप्यूटर साक्षरता मिशन के अन्तर्गत स्वर्ण भारत परिवार युवाओं के लिये अत्यंत सरल और दीर्घकालिक योजना की शुरुआत करने जा रहा ...इस योजना के अन्तर्गत आगामी नवरात्रि सॆ युवाओं को केन्द्र दिये जायेंगे ...जिसमे स्वर्ण भारत परिवार द्वारा प्रत्येक केन्द्र पर पाँच -पाँच कम्पूटर और् साथ ही साथ कुछ नगद राशि का सहयोग भी प्रदान किया जायेगा ...ग्रामीण क्षेत्र में नगद सहयोग राशि पाँच हजार रुपये और शहरी क्षेत्रों में ये राशि दस हजार मासिक होगी ...जो भी युवा मित्र न्यूनतम लागत और अधिकतम उपयोगिता के द्वारा इस महत्त्वाकांक्षी योजना सॆ जुड़ना चाहते हैं ...और जी टेक की फ्रेंचाइजी लेना चाहते हैं ...अपने नाम ,पता,शैक्षिक योग्यता का विस्तॄत विवरण मेल के द्वारा भेजे...
युवाओं के सुनहरे भविष्य के लिये सजग आप सभी का अपना परिवार .. स्वर्णभारत परिवार 

Sunday 3 September 2017

Anti Reservation Leader - Piyush Pandit

अगर जातिगत आरक्षण का कानून देश हित मे होता तो सिर्फ भारत मे ही नही बल्कि दुनिया के हर देश मे लागू होता। जातिगत आरक्षण देश के गरीबों का भला करने के बजाए जाति विशेष के अमीरों का भला कर रहा है। 
आरक्षण हटाओ, देश बचाओ।
#प्रणाम_स्वर्ण_भारत

Friday 1 September 2017

Anti Reservation


नमन इस #जातिगत_आरक्षण को। जो दुनिया को बता रहा है कि भारत में आगे बढ़ने के लिए, इंसान में टेलेंट होने से ज्यादा पिछड़ा होना जरूरी है।

Thursday 31 August 2017

Man Ki Baat

इंतज़ार है उस ऐतिहासिक #मन_की_बात का.. जिसमे मोदी जी बोलें- मितरों! आज रात 12 बजे से #जातिगत_आरक्षण बंद है।

Computer Education Center

#स्वर्ण_भारत_कम्प्यूटर_साक्षरता_मिशन''
बेरोज़गारी की बढ़ती हुई समस्या को देखते हुए युवाओं का आत्मनिर्भर होना अति आवश्यक है। तकनीकी के युग में युवाओं को कम्पूटर का प्रशिक्षण देकर ही इस पर कुछ रोक लगाया जा सकता है।
इसके तहत स्वर्ण भारत राष्ट्रीय कम्प्यूटर साक्षरता मिशन पूरे देश-प्रदेश स्तर सॆ लेकर पंचायत, प्रखंड एवं जिला स्तर पर चार-चार ट्रेनिंग सेंटर को खोलने की योजना है। इस योजना के तहत ट्रेनिग सेंटर सॆ प्रशिक्षण लेने वाले इच्छुक लोग स्वर्ण भारत परिवार से संपर्क कर सकते हैं।
इस योजना के तहत युवाओं को स्वरोजगार की दिशा में भी प्रेरणा मिलेगी और प्रशिक्षण के माध्यम सॆ कम लागत में अपना व्यवसाय स्थापित करने में सहयोग प्राप्त होगा।
सभी कोर्स दिल्ली सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त हैं। एवम माइक्रोसॉफ्ट सर्टिफाइड सर्टिफिकेट प्रदान किया जाएगा।
#जी_टेक्_कम्प्यूटर_एजुकेशन द्वारा सेंटर चलाया जाएगा ।।
नोट- प्रशिक्षण केंद्र खोलने के लिए सिर्फ स्वर्ण भारत परिवार के सदस्यों को वरीयता दी जाएगी।

Monday 28 August 2017

Anti Reservation Leader - Peeyush Pandit

मैं सरनेम लगाकर जातिवादी हो गया।
और आप लोग सामर्थ्यवान होते हुए भी जाति आधारित आरक्षण का लाभ लेकर जातिवाद के विरोधी हैं। 
धन्य है आप लोगों की दोगलई। 

Dynamic Star Piyush Pundit

गुजरात मीडिया से..

शून्य से शिखर तक – डायनेमिक स्टार पीयूष पंडित

महज 10 वर्ष पूर्व स्थापित पीयूष ग्रुप ऑफ कम्पनीज आज भारत ही नही वरन विश्व बाजार में अपना परचम लहराने को अग्रसीत है। विश्व के चार से अधिक देशों के साथ व्यापारिक सम्बन्धों को आगे बढ़ाते हुए अब डायनेमिकव्यक्तित्व के धनी C E O श्री पीयूष पंडित का लक्ष्य विश्व बाजार में भारतीय अर्थव्यवस्था को एक अग्रणी अर्थव्यवस्था के रुप में स्थापित करना।भारत विश्व की दूसरी सबसे बड़ी जनसंख्या का देश होने के बावजूद आज विदेशों सेआयात करना पड़ता है। प्रचुर मात्रा में संसाधन होने के बावजूद विदेशों की तरफ़ भारतीयों के पलायन को रोकने और देश में ही उच्च कोटि के रोजगारपरक कार्यक्रमों को संचालित करने जैसे अनेकों उद्देश्यों के साथ देशाटन पर गये श्रीपीयूष जी ने पडोसी देशों की सरकार के साथ व्यापारिक सम्बन्धों को बढ़ाने के लिये अनेकों समझौते पर हस्ताक्षर किये।
पीयूष ग्रूप के द्वारा संचालित इकाईयां- 10 वर्ष पहले स्थापित पीयूष इंटरनेशलन ग्रुप ने वैश्विक बाजार में गंभीर उतार चढ़ाव के बावजूद शानदार वृद्धि का प्रदर्शन किया है। यह आईटी, मीडिया, रिनुअल एनर्जी (सोलर), लॉजिस्टिक (transportation), रियल एस्टेट ( सेल,बाई, रेंटिंग, कंस्ट्रक्शन), फ़ूड एंड बेवरेज (मिनरल वॉटर), होटल एंड रेस्टोरेंट, (स्टे ड्रिंक म्यूजिक बार) इलेक्ट्रिकल एंड मैकेनिकल, (Led and Battery manufacturing), कन्सल्टिंग ( प्रोजेक्ट्स, मैनपावर) एजुकेशनलसर्विसेज(कोचिंग, कॉलेजिस) के साथ साथ पिछले 2 वर्षों से इंडोनेशिया में भी पेशेवर टीम के साथ अपनी उपस्थिति दर्ज करवा रहा है।
पीयूष पंडित ने कम्पनी के मुखिया के रूप में 2006 में कम्पनी को संभाला। वो बताते हैं कि पीयूष ग्रुप अगले 5-7 वर्षों में अपने वैश्विक पदचिन्हों को विस्तार देना चाहता है क्योंकि यहाँ व्यवसाय में दीर्घ कालीन संभावनाएं देख रहा है।
भूमंडलीकरण के दौर में सभी स्टार्टअप कंपनियों को भी देंगें मौक़ा – पीयूष पंडित जी ने अपने इंडोनेशिया दौरे के बारे में बताया कि वह वैश्वीकरण को बढ़ावा देने के लिये और विश्व बाजार में भारत की स्थिति को मज़बूती देने के लिये विदेशी निवेशकों को भारत में आमंत्रित करेंगे। उन्होंने कहा किअंतर्राष्ट्रीय बाजार में ‘’पीयूष ग्रुप’’ को जो भी सफलता मिल रही है उसके लिए सिर्फ मेरी ही नही कंपनी के सभी सदस्यों की मेहनत और लगन का परिणाम है। हम सबकी ही मेहनत का परिणाम है कि आज हम वैश्विक बाजार में एकअलग पहचान बनाने में सफल हुये हैं।
इंडोनेशिया के साथ व्यापारिक सम्बन्धों से क्या भारत को लाभ होगा? इस प्रश्न के जवाब में श्री पीयूष जी ने कहा-उम्मीद है यहाँ हुए (इंडोनेशिया) व्यापारिक समझौते दोनों देशों के लिये बहुत ही लाभकारी सिद्ध होंगें। इन समझौतों केद्वारा बेरोजगार युवाओं के लिये रोजगार के नये अवसर प्राप्त होंगे। इसीलिए हमारी कोशिश केवल होटल, रेस्टोरेंट या उद्योगों को आगे बढ़ाने के करारों पर ही नही रही। हमारी कोशिश है कि किस तरह अन्य लोगों की भी इसमेंभागीदारी बढ़ सके। किस तरह पीयूष ग्रुप स्टार्टअप कंपनियों को भी कुछ बड़ा करने का मौक़ा दे सके। क्योंकि हम लोग पूंजी, मजबूत मार्केटिंग, दमदार पार्टनर्स और मीडिया हाउसेज के नेटवर्किंग के साथ-साथ, प्रोडक्ट डेवलपमेंट केलिए सही रिसोर्स के इस्तेमाल की बेहतर क्षमता होने की वजह से फायदे में रहते हैं। लेकिन स्टार्टअप कंपनियों के पास अच्छे प्रोडक्ट्स होते हुए भी रिसोर्स के बेहतर साधन न होने की वजह से वो फायदा नही उठा पाते। इसलिए पीयूषग्रुप की पूरी कोशिश है कि सभी को समान अवसर व समान भागीदारी मिले और रोजगार के नित नए साधन उपलब्ध करवाए जाएँ। यह हमारी प्राथमिकता होगी। बाक़ी यहां के हेंडीक्राफ्ट बिजनेस में तो असीम संभावनाएं हैं ही।
सभी समझौते मेक इन इंडिया पर आधारित हों- मेक इन इंडिया पर बात करते हुए पीयूष पंडित जी कहते हैं कि इंडोनेशिया के एक बहुत ही बड़े सांस्कृतिक शहर योग्यकर्ता की बिजनेस ट्रिप बहुत ही यादगार रही। कम्पनी के फायदे के लिहाज से भी और अंतरष्ट्रीय स्तर परअपनी पकड़ मजबूत करने के लिए भी। सारी डील ‘’मेक इन इंडिया’’ पर फोकस है। इस बिजनेस डील से भारत के करीब एक हजार युवाओं के लिए रोजगार की व्यवस्था होगी और इंडोनेशिया की करीब आठ प्रकार की कला भारत मेंआकर कार्य करेंगी। भारतीय बाजार को इंडोनेशिया में जोरदार तरीके से पेश करने का प्रयास है। जिसमें आईटी सहित होटल और सारे सेक्टर को स्थापित करना है।
सभी देशों के साथ सौहार्द्रपूर्ण सम्बन्धों के साथ व्यापारिक रिश्तों को बढाना चाहते हैं – इंडोनेशिया एक मुस्लिम देश है। क्या भारत के साथ व्यवसायिक सम्बन्ध मैत्रीपूर्ण होंगे? इस प्रश्न के जवाब में पीयूष जी ने कहा अवश्य सारे सम्बन्ध मैत्रीपूर्ण और चिरकालीन होंगे। उन्होने इंडोनेशिया के सभ्यता और संस्कृति कीबड़ाई करते हुए कहा कि एक ऐसा देश जिसका धर्म तो इस्लाम है और संस्कृति है रामायण। 90 फीसदी मुस्लिम आबादी वाले इंडोनेशिया में न केवल लोग बेहतर मनुष्य बनने के लिए रामायण पढ़ते हैं। बल्कि इसके पात्र वहाँ की स्कूलीशिक्षा का भी अभिन्न हिस्सा हैं। वहाँ कुरान के साथ रामायण भी पढ़ी जाती है और सबसे आश्चर्यजनक बात वहाँ रामायण का मंचन भी किया जाता है।
इस बारे में जब वहाँ के कलाकारों से बात हुई तो बहुत ही उत्सुकता से बताते हैं कि सर, ‘हमारी रामायण दुनिया भर में मशहूर है”। हम चाहते हैं कि इसका मंचन भारत में भी करें। कम से कम हमें साल में दो बार अपनी कला प्रदर्शन करने का मौक़ा मिले। हम तो भारत में नियमित रूप से रामायण पर्व का आयोजन भीकरना चाहते हैं। हमारी ख्वाहिश है कि भारतीय कलाकारों के साथ भी मिलकर रामायण का मंचन करें। मुझे लगता है सचमुच अगर ऐसा हो जाए तो दो संस्कृतियों के मेल का सुंदर रूप होगा। इससे दोनों देशों के रिश्ते तो मजबूत होंगे हीसाथ दोनों देशों के पर्यटन को भी फायदा होगा। चुनौतियों सॆ सीखना और धैर्य सॆ लक्ष्य की तरफ़ बढ़ना ही मनुष्यता की पहचान है- इंडोनेशिया के छोटे व्यवसाय को बढ़ावा देने के लिये एवम उद्यमियों को प्रोत्साहित करने के सम्बन्धित प्रश्न के जवाब में पीयूष जी ने कहा। हेंडीक्राफ्ट बिजनेस को आम जनमानस तक पहुँचाने की रूप रेखा तैयार की गई।
अगर इंडोनेशियन मार्केट की बात की जाए तो भारत की तुलना में टेक्नॉलजी के मामले में स्लो है । पर सबसे अच्छी बात ये है कि वहाँ व्यवसाय में महिलाओं और पुरुषों की भागीदारी बराबर दिखती है और हर दूसरी महिला यहाँ हमें बिजनेसलेडी के रूप में मिलेगी। यही ये कारण है कि इंडोनेशिया व्यावसायिक रूप में तेज़ी से आगे बढ़ रहा है। वहाँ भी भारत की तरह हेंडीक्राफ्ट बिजनेस में असीम संभावनाएं हैं पर जगरूकता की कमी आम ग्राहकों में पाई जाती है। इंडोनेशियासरकार ने भरपूर प्रयास किया कि हथकरघा उद्योग को आगे बढ़ाया जाए पर यह सफल तब तक नही हो सकता, जब तक की आम लोग घर में बने हुए प्रॉडक्ट्स को अपनाये। इन सबको देखने और समझने के बाद वहाँ की लोकल टीमके साथ मिलकर जनजागरुकता अभियान चलाने पर सहमती बनी है।
स्वदेशी का क्रेज़ वहाँ न के बराबर है। वही हमारे भारत में सभी की भावनायें स्वदेशी से जुड़ी हैं। जिसका भरपूर फ़ायदा स्वदेशी कम्पनियों ने उठाया है। हमने वहाँ भीप्रयास करना शुरू किया है कि स्वदेशी का खूब प्रचार-प्रसार किया जाए जिसके माध्यम से हेंडीक्राफ्ट व इंडियन मार्केट को वहाँ भी अच्छी जगह मिल सके। प्रयास बिना सफलता सम्भव नही। इसलिए रीसर्च टेक्नॉलोजी मार्किट केरुझान पर ध्यान से अध्ययन किया गया। ‘’पीयूष ग्रूप’’ हमेशा सामाजिक स्थिति के अनुसार मार्केट में उतरता है। जैसे भारत में हमने व्यवसाय के साथ सामाजिक मुद्दों को भी महत्व दिया है उसी प्रकार हम इंडोनेशिया में भी सामाजिकमुद्दों के साथ पैर जमाने का प्रयास कर रहे हैं।
एक तरफ़ हमारा ध्यान होटेल और रेस्टोरेंट पर केंद्रित है। तो अब ख़ुद को एवं इंडोनेशिया को भी टेक्नोलॉजीज के साथ लाने की तैयारी में हैं। जीत कर बुलंदियों पर वही जायेगा जो पीछे छूटे रास्तों सॆ सीखे और नये पथ पर नये आयाम बनाये- अपने व्यवसायिक सफलता और विश्व बाजार में पीयूष ग्रुप की बढ़ती लोकप्रियता से सम्बन्धित पूछे गये सवाल पर पीयूष जी ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया कि….the cynic says..”one man cant do anything” But i say..”only one man can do anything.”.। उन्होने .कहा कि पीयूष ग्रुप के द्वारा निर्धारित लक्ष्यों को एक साकारात्मक दिशानिर्देश में पूरा किया गया। हमने वैश्विक व्यापार में व्यापकता लाने के लिये हमारी एक टीम इंडोनेशिया औरमलेशिया के दौरे पर है।
जिसकी उपलब्धियों के बारे में बताते हुए गर्व हो रहा है कि पीयूष ग्रुप पूरी तरह से इंडोनेशिया में दस्तक दे चुका है। समूह ने अपने स्थापना के पहले दिन से ही भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लियेप्रयासरत है। तकनीकी क्षेत्र से शुरुआत करने के पश्चात पीयूष ग्रूप ने हर साल एक नया कीर्तिमान स्थापित करने का सफल प्रयास किया।
स्वर्णिम भविष्य तय होगा सभी निवेशकों का – 12अगस्त का दिन पीयूष ग्रूप के लिये स्वर्णिम दिन है क्योंकि इसी दिन श्री पीयूष जी ने व्यवसाय करने हेतु थोड़े से धन के साथ व्यापारिक क्षेत्र में अपना क़दम रखा था। उस समय धनभाव था परंतु लक्ष्य निर्धारित था। दृढ़ निश्चयऔर ऊर्जाशक्ति चरम पर। उन्होने जॉब करके एक परिवार का भरण पोषण करने के बजाय व्यवसाय करके कई परिवारों को आत्मनिर्भर बनाने का सपना संजोया। उन्होंने चुनौतियों को ही अपना मार्गदर्शक माना और एक नॉनआइटियन होने के बावजूद खुद को आईटी क्षेत्र में एक पहचान दिलाने के लिये एक व्यवसायिक रणनीति के द्वारा मार्किट में उतरने की तैयारी की थी।
इसी सिलसिले में दिल्ली की करीब बीस पच्चीस कम्पनियों का दौरा कर सूक्ष्मतासे उनकी कार्यशैली का अध्यन किया। जिसके फलस्वरूप पहली बार बदरपुर में एक छोटा सा ऑफिस स्थापित किया गया। फिर धीरे-धीरे पीयूष ग्रूप द्वारका, लक्ष्मीनगर, नोएडा, साकेत, नेहरूप्लेस, सरिता विहार, नागलोई सहितपूरे एन सी आर में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। उसके पश्चात मुम्बई, पुणे, शिमला, कोलकाता, इलाहाबाद, लखनऊ जैसे शहरों में व्ययसाय को स्थापित करने में सफलता प्राप्त की। आईटी सेक्टर से शुरुआत के साथ आज ग्रुप रियलएस्टेट, होटल रेस्टोरेंट, इलेक्ट्रिकल, मेकेनिकल, सिविल, कॉन्ट्रैक्ट, कंस्ट्रक्शन, वाटर इंडस्ट्री, कंसल्टिंग सहित अन्य कई क्षेत्रों में खुद को स्थापित कर चुका है। बस यही शुरुआत अब अंतरराष्ट्रीय बाजार में करने का लक्ष्य है।
अंतराष्ट्रीय बजार में सकारात्मक रुझान भूमण्डलीयकरण के इस दौर में पीयूष ग्रूप ने इंडोनेशिया और मलेशिया में भारतीय उद्योग को प्रतिस्थापित करने की शुरुआत की है। इंडोनेशिया में पिछले विजिट में हमने रेस्टोरेंट की शुरुआत की जो काफी हद तक सफल रहा। अबयहां की कुछ क्षेत्रीय कंपनियों के साथ मिलकर मार्केटिंग, मैन्युफैक्चरिंग, टेक्नोलॉजीज के आदान प्रदान पर सहमति बन चुकी है ,जैसा पहले की प्रेस रिलीज़ में आपको बताया जा चुका है।
इस विजिट में अब तक आईटी, हैंडीक्राफ्ट,कंस्ट्रक्शन, टेक्सटाइल, रियल एस्टेट ,की कई सफल बैठक हो चुकी हैं। हम उदारीकरण के इस दौर में भारतीय मुद्रा को जल्दबाजी में विदेश में निवेश नहीँ करना चाह रहे हैं। अतः सर्विस इंडस्ट्री एवम ट्रेडिंग पर ग्रुप का ध्यान केंद्रितकरने का प्रयास है। आगामी समय में इस पर भी विभिन्न कम्पनियों के द्वारा आपसी समझौते होंगे। अंत मे यह विजिट व्यवसायिक दृष्टिकोण से बहुत ही सकारात्मक उम्मीद से बढ़ कर रहा।
http://gujjupost.com/dynamic-star-piyush-pundit/

Friday 25 August 2017

यहाँ मिला था रोरो को आखिरी मूर्ति बन जाने का श्राप

इंडोनेशिया किसी समय में भारत का ही एक सम्पन्न राज्य था। समय के साथ-साथ भारत के टुकड़े होते चले गये जिससे भारत की संस्कृति का अलग-अलग जगहों में बटवारा हो गया। लेकिन यहाँ के देशों में आज भी हिन्दुस्तान की सभ्यता और संस्कृति देखने को मिलती है इंडोनेशिया में बाली द्वीप को छोड़कर बाक़ी सभी द्वीपों पर मुस्लिम बहुसंख्यक हैं। फिर भी हिन्दू देवी-देवताओं से यहाँ का जनमानस आज भी परंपराओं के माध्यम से जुड़ा है। जिसमे इंडोनेशिया के प्रसिद्ध सांस्कृतिक शहर योग्यकर्ता में स्थित भगवान शिव का प्रम्बानन मंदिर भी शामिल है। इस प्राचीन मंदिर के साथ एक कथा भी जुड़ी है। (जिसका समय समय मंचन किया जाता है।) कहा जाता है कि एक समय पर जावा के प्रबु बका नामक दैत्य राजा की एक बहुत ही सुंदर रोरो जोंग्गरंग नामक बेटी थी। बांडुंग बोन्दोवोसो नाम का एक व्यक्ति राजा की बेटी से शादी करना चाहता था। बोन्दोवोसो के शादी के प्रस्ताव को मना करने के लिए रोरो ने उसके आगे एक ही रात में एक हजार मूर्तियां बनाने की शर्त रखी। शर्त पूरा करने के लिए बोन्दोवोसो ने एक ही रात में 999 मूर्तियां बना दी और वह आखिरी मूर्ति बनाने जा ही रहा था तभी रोरो ने पूरे शहर के चावल के खेतों में आग लगवा कर दिन के समान उजाला कर दिया। धोखा खा कर बोन्दोवोसो आखिरी मूर्ति नहीं बना पाया और शर्त हार गया। बाद में जब बोन्दोवोसो को सच्चाई का पता चला, वह बहुत गुस्सा हो गया और उसने रोरो को आखिरी मूर्ति बन जाने का श्राप दे दिया। प्रम्बानन मंदिर में रोरो की उसी मूर्ति को देवी दुर्गा मान कर पूजा जाता है। इस मंदिर की कथा रोरो जोंग्गरंग से जुड़ी होने की वजह से यहां के स्थानीय लोग इस मंदिर को रोरो जोंग्गरंग मंदिर के नाम से भी पुकारते हैं।
हिंदू लोगों के लिए प्रम्बानन मंदिर आस्था का केंद्र है। प्रम्बानन मंदिर इतना सुंदर है कि यहाँ की बनावट किसी को भी अपने मोहपाश में बांध लेगी। मंदिर की दीवारों पर रामायण काल के चित्र भी अंकित हैं। ऐसा लगता है मानो ये चित्र रामायण की गाथा सुना रहे हों। 
प्रम्बानन मंदिर में मुख्य रूप से ब्रह्मा, विष्णु और महेश के अलग- अलग मंदिर स्थापित हैं। तीनों देवों की प्रतिमाओं के मुख पूर्व दिशा में हैं। प्रत्येक प्रधान मंदिर के सम्मुख पश्चिम दिशा में उसी देव से संबंधित एक मंदिर स्थापित है। यह मंदिर तीनों देवों के वाहनों को समर्पित हैं। ब्रह्मा मंदिर के सामने हंस, विष्णु मंदिर के सामने गरूड़ और शिव मंदिर के सामने नन्दीश्वर का मंदिर है। इसके अतिरिक्त मंदिर परिसर में और भी बहुत सारे मंदिर बने हुए हैं।

Happy Ganesh Chaturthi

स्वर्ण भारत परिवार की ओर से गणेश चतुर्थी की आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं।
गणेश चतुर्थी के पावन पर्व पर रिद्धि-सिद्धि के दाता मंगलमूर्ति भगवान् गणेश जी आपकी सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करें और आप पर सदैव अपनी कृपा बनाए रखें।
जय श्री गणेशाय नमः

Tuesday 22 August 2017

Piyush Pandit In Indonesia

#ओम_स्वास्तियास्तु#नमस्ते.. 
#इंडोनेशिया के एक बहुत ही बड़े सांस्कृतिक शहर #योग्यकर्ता की बिजनेस ट्रिप बहुत ही यादगार रही.. कम्पनी के फायदे के लिहाज से भी और अंतरष्ट्रीय स्तर पर अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए भी। सारी डील #मेक_इन_इंडिया पर फोकस है. इस बिजनेस डील से भारत के करीब एक हजार युवाओं के लिए रोजगार की व्यवस्था होगी और इंडोनेशिया की करीब आठ प्रकार की कला भारत में आकर कार्य करेंगी। भारतीय बाजार को इंडोनेशिया में जोरदार तरीके से पेश करने का प्रयास है। जिसमें आईटी सहित होटल और सारे सेक्टर को स्थापित करना है। 
 अब इंडोनेशिया के #बाली शहर की ओर प्रस्थान करते हैं। जय हिन्द..

Sunday 20 August 2017

Piyush Pandit In indonesia


एक ऐसा देश जिसका धर्म तो इस्लाम है और संस्कृति है रामायण।
90 फीसदी #मुस्लिम आबादी वाले इंडोनेशिया में न केवल लोग बेहतर मनुष्य बनने के लिए रामायण पढ़ते हैं। बल्कि इसके पात्र यहाँ की स्कूली शिक्षा का भी अभिन्न हिस्सा हैं। यहाँ कुरान के साथ रामायण भी पढ़ी जाती है और सबसे आश्चर्यजनक बात यहां रामायण का मंचन भी किया जाता है। इस बारे में जब यहां के कलाकारों से बात हुई तो बहुत ही उत्सुकता से बताते हैं कि सर, ‘हमारी रामायण दुनिया भर में मशहूर है। हम चाहते हैं कि इसका मंचन भारत में भी करें। कम से काम हमें साल में दो बार अपनी कला का प्रदर्शन करने का मौक़ा मिले। हम तो भारत में नियमित रूप से रामायण पर्व का आयोजन भी करना चाहते हैं। हमारी ख्वाहिश है कि भारतीय कलाकारों के साथ भी मिलकर रामायण का मंचन करें। 

सचमुच अगर ऐसा हो जाए तो दो संस्कृतियों के मेल का सुंदर रूप होगा।  इससे दोनों देशों के रिश्ते तो मजबूत होंगे ही साथ दोनों देशों के पर्यटन को भी फायदा होगा।

Friday 18 August 2017

Piyush Pandit In Indonesia

स्टार्टअप कंपनियों को भी देंगें मौक़ा - पीयूष पंडित
अंतर्राष्ट्रीय बाजार में #पीयूष_ग्रुप को जो भी सफलता मिल रही है। उसके लिए सिर्फ मेरी ही नही, ''पीयूष ग्रुप'' के सभी सदस्यों की मेहनत और लगन का परिणाम है। हम सबकी ही मेहनत का परिणाम है कि आज हम #वैश्विक बाजार में एक अलग पहचान बनाने में सफल हुये हैं। उम्मीद है यहाँ हुए (#इंडोनेशिया) व्यापारिक समझौते दोनों देशों के लिये बहुत ही लाभकारी सिद्ध होंगें। इन समझौतों के द्वारा बेरोजगार युवाओं के लिये #रोजगार के नये अवसर प्राप्त होंगे। इसीलिए हमारी कोशिश केवल होटल, रेस्टोरेंट या उद्योगों को आगे बढ़ाने के करारों पर ही नही है। हमारी कोशिश है कि किस तरह अन्य लोगों की भी इसमें भागीदारी बढ़ सके। किस तरह पीयूष ग्रुप स्टार्टअप कंपनियों को भी कुछ बड़ा करने का मौक़ा दे सके। क्योंकि हम लोग पूंजी, मजबूत मार्केटिंग, दमदार पार्टनर्स और मीडिया हाउसेज के नेटवर्किंग के साथ-साथ, प्रोडक्ट डेवलपमेंट के लिए सही रिसोर्स के इस्तेमाल की बेहतर क्षमता होने की वजह से फायदे में रहते हैं। लेकिन स्टार्टअप कंपनियों के पास अच्छे प्रोडक्ट्स होते हुए भी रिसोर्स के बेहतर साधन न होने की वजह से वो फायदा नही उठा पाते। इसलिए पीयूष ग्रुप की पूरी कोशिश है कि सभी को समान अवसर व समान भागीदारी मिले। और रोजगार के नित नए साधन उपलब्ध करवाए जाएँ। यह हमारी प्राथमिकता होगी। बाक़ी यहां के हेंडीक्राफ्ट बिजनेस में तो असीम संभावनाएं हैं ही। इसके लिए प्रयास जारी है। उम्मीद है कल इस पर और भी कुछ अच्छी सहमतियाँ बनें.. बाक़ी आप कोई सुझाव देना चाहें तो स्वागत है।

Thursday 17 August 2017

Piyush Pandit In Indonesia



भारत में इंडोनेशिया एक पर्यटक केंद्र के रूप में उभारने की कोशिश 
#इंडोनेशिया जितना खूबसूरत देश है यहाँ के लोग उतने ही विनीत और शिष्टाचारी हैं। दुकानों में ग्राहकों से कर्मचारी बहुत ही शालीनता से पेश आते हैं और झुक-झुक कर नमस्ते करते हैं। आश्चर्य लगता कि 90% मुस्लिम आबादी वाले देश में कट्टरता बिलकुल नही है। मस्जिदों के साथ यहाँ मंदिर भी खूब देखने को मिलते हैं। तो चर्च से भी किसी को परहेज नही। एक ओर जहाँ लगभग महिलायें हिजाब पहने दिखती हैं तो दूसरी ओर वैस्ट्रनइज्ड लडकियाँ शार्ट पैंट या स्कर्ट भी पहनती हैं। कुल मिलाकर बिलकुल भी नही लगता कि इन्डोनेशिया के लोग बहुत कट्टर इस्लाम मानने वाले हैं। शायद इसीलिए यहाँ पर्यटक भी खूब आते हैं और दिलचस्प बात ये है कि यहाँ भारत से अधिक पर्यटक आते हैं। पर भारत में इनके पर्यटकों की संख्या अभी भी बहुत कम है। हमारी साँझा हेरिटेज़ को देखते हुए मुझे लगता है कि भारत में इंडोनेशिया एक पर्यटक केंद्र के रूप में अवश्य उभर सकता है। इसके लिए हम क्या कोशिश कर सकते हैं। इस पर विचार विमर्श चल रहा है। समय का अभाव है इसलिए यहां की संस्कृति, रहन-सहन, दर्शनीय स्थलों के बारे में भारत लौटने पर विस्तृत जानकारी देंगें। आपका पीयूष पंडित

Tuesday 15 August 2017

Independence Day


#स्वतंत्रता जिंदगी का सबसे बड़ा सुख है। परतंत्र कोई नहीं रहना चाहता। पशु-पक्षी भी आजादी की सांस लेना पसंद करते हैं। पर कुछ लोग इन्हें पालने के शौक में गुलाम बना लेते हैं। वे पक्षी को दाना-पानी तो देते हैं लेकिन इन सबके बीच बेजुबान अपने परिवार-साथियों से अलग होकर अकेला हो जाता है। 
इसीलिए #स्वर्ण_भारत_परिवार इस स्वतंत्रता दिवस पर एक मुहीम चलाना चाहता है कि घर खर्च से थोड़े-थोड़े पैसे बचाकर, इन्हें खरीदकर आजाद करवाया जाए.. आप लोगों का क्या विचार है। यदि ऎसी मुहीम चलाई जाए तो इसका क्या नाम रखा जाए..??

Thursday 10 August 2017

Peeyush Pandit In Indoneshiya

आज का दिन भी व्यस्तताओं से भरा रहा। एक तरफ़ सर्विस इंडस्ट्री में टेक्नोलॉजीज को लेकर अदान प्रदान पर सहमती बनी। तो दूसरी ओर हेंडीक्राफ्ट बिजनेस को आम जनमानस तक पहुँचाने की रूप रेखा तैयार की गई। अगर इंडोनेशियन मार्केट की बात की जाए तो भारत की तुलना में टेक्नॉलजी के मामले में स्लो है । पर सबसे अच्छी बात ये है कि यहाँ व्यवसाय में महिलाओं और पुरुषों की भागीदारी बराबर दिखती है और हर दूसरी महिला यहाँ हमें बिजनेस लेडी के रूप में मिलेगी। यही ये कारण है कि इंडोनेशिया व्यावसायिक रूप में तेज़ी से आगे बढ़ रहा है। यहां भी भारत की तरह हेंडीक्राफ्ट बिजनेस में असीम संभावनाएं हैं पर जगरूकता की कमी आम ग्राहकों में पाई जाती है। इंडोनेशिया सरकार ने भरपूर प्रयास किया कि हथकरघा उद्योग को आगे बढ़ाया जाए पर यह सफल तब तक नही हो सकता, जब तक की आम लोग घर में बने हुए प्रॉडक्ट्स को अपनाये। इन सबको देखने और समझने के बाद यहाँ की लोकल टीम के साथ मिलकर जनजागरुकता अभियान चलाने पर सहमती बनी है। स्वदेशी का क्रेज़ यहाँ न के बराबर है। वही हमारे भारत में सभी की भावनायें स्वदेशी से जड़ी हैं। जिसका भरपूर फ़ायदा स्वदेशी कम्पनियों ने उठाया है। हमने यहाँ भी प्रयास करना शुरू किया है कि स्वदेशी का खूब प्रचार-प्रसार किया जाए जिसके माध्यम से हेंडीक्राफ्ट व इंडियन मार्केट को यहाँ भी अच्छी जगह मिल सके। प्रयास बिना सफलता सम्भव नही। इसलिए आज रीसर्च टेक्नॉलोजी मार्किट के रुझान पर ध्यान से अध्ययन किया गया। ‘’पीयूष ग्रूप’’ हमेशा सामाजिक स्थिति के अनुसार मार्केट में उतरता है। जैसे भारत में हमने व्यवसाय के साथ सामाजिक मुद्दों को भी महत्व दिया है उसी प्रकार हम इंडोनेशिया में भी सामाजिक मुद्दों के साथ पैर जमाने का प्रयास कर रहे हैं। एक तरफ़ हमारा ध्यान होटेल और रेस्टोरेंट पर केंद्रित है। तो अब ख़ुद को एवं इंडोनेशिया को भी टेक्नोलॉजीज के साथ लाने की तैयारी में हैं। आज दिन भर हमने बारीकी से बाज़ार को समझने का प्रयास किया है। कल हम अपने कार्य का विवरण आप सभी के समक्ष रखेंगे।
आपका पीयूष पंडित इंडोनेशिया से.....

Peeyush Pandit In Indoneshiya
Piyush Pandit In Indoneshiya