आजकल कुछ लोगों का रटा रटाया डायलॉग हो गया है कि ब्राह्मणों ने हमारा शोषण किया। हमें लिखने-पढ़ने के अधिकार से वंचित रखा। हमारे साथ छुआ-छूत का व्यवहार किया गया। मजे की बात देखिये, ये डायलॉग वो समाज बोलता है। जिस समाज के महापुरुष ने हमारे देश का सविधान लिखा। वो समाज बोलता है जिनके द्वारा लिखी बाल्मीकि रामायण को हिन्दू समाज पूजनीय और सबसे विश्वसनीय ग्रंथ मानता है।
सच्चाई यही है कि कोई भी काल रहा हो.. कोई भी समय हो... समाज ने हमेशा बुद्धिजीवियों को आदर दिया है। इसलिए अपनी कमियों को दूसरे पर दोष मढ़ कर उसे छुपाने की कोशिश मत कीजिये।
सच्चाई यही है कि कोई भी काल रहा हो.. कोई भी समय हो... समाज ने हमेशा बुद्धिजीवियों को आदर दिया है। इसलिए अपनी कमियों को दूसरे पर दोष मढ़ कर उसे छुपाने की कोशिश मत कीजिये।
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