Tuesday 20 February 2018

Swabhiman Relly

जानिये महाक्रांति का सच..... 
#अन्ना_आंदोलन के बाद देश में अन्ना जी का कद बहुत ऊँचा हो गया था। जिससे प्रभावित होकर रामदेव बाबा ने भी अगस्त 2012 में अनशन का प्लान बनाया। लेकिन दिक्कत ये थी कि वर्तमान कांग्रेस सरकार अन्ना आंदोलन के बाद बहुत फूँक-फूँक कर कदम रख रही थी। इसलिए उसने अनशन की परमिशन सिरे से खारिज कर दी। लेकिन बाबा तो बाबा हैं। उन पर राजनैतिक महत्वाकांक्षा इस कदर हावी थी कि उन्होंने बिना परमिशन अपनी ''स्वाभिमान रैली'' चालू कर दी। इसमें ध्यान देने वाली बात ये है कि बाबा को रामलीला में ग्राउंड में सिर्फ और सिर्फ #योग सिखाने का परमिशन मिला था। #अनशन का नही। पर जिद्दी बाबा अनशन करने पर अड़े रहे। तो खूब धूम-धाम से अनशन की तैयारी चालू की गयी। खूब ऊंचा भव्य मंच बनाया गया। जिस पर बाबा कुछ करतब दिखाते और एक करतब के बाद मिडिया बाबा से कुछ सवाल करती। मीडिया वालों के लिए स्पेशल इंतजाम था। उनके लिए भी खूब ऊंचा मंच बनाया गया था। मीडिया वालों के लिए अलग से खाने-पीने की अच्छी व्यवस्था हो रखी थी। हरेक आसन के बाद मीडिया वाले बाबा से सवाल करते और बाबा उछल उछल कर जवाब देते। बीच-बीच में बाबा के प्रवचनों से पता चलता कि सरकार(कांग्रेस) के नुमाइंदें बाबा से करना चाहते हैं। लेकिन मीडिया में जितनी भी ख़बरें आई थी। सरकार ने स्पष्ट कर दिया था कि बाबा को अनशन की कोई परमिशन नही मिली। उनको सिर्फ योग सिखाने की परमिशन मिली है। तो बाबा से बात करने का कोई सवाल ही पैदा नही होता। अनशन के बीच में कपिल सिब्बल ने टीवी पर एक लैटर दिखाया था कि बाबा ने अनशन वापिसी के लिए लैटर लिख कर दे दिया है कि शाम तक ये अपना तामझाम उठा लेंगें। इसलिए उनपर कोई कार्यवाही नही होगी। लेकिन अनशन शाम तक चलता रहा और रात में भी चालू था। रात काफी हो गयी थी लगभग मीडिया वाले जा चुके थे तो कुछ बाहर सुट्टा और चाय की चुस्की ले रहे थे। अचानक रात के अँधेरे में पुलिस आई और बाबा के चेलों को खदेड़ते हुए बोली। निकलों यहां से यहां योग के लिए परमिशन मिला था। अनशन के लिए नही। लेकिन बाबा के चेले चपाटों का तो मीडिया, इतना बड़ा मंच और भीड़ देखकर मनोबल बढ़ा हुआ था। कैमरों के स्टेण्ड पर जो ईंटें पड़ी थी, उठाई और लगे पुलिस को मारने। पुलिस ने भी जवाबी कार्यवाही के तहत लाठी चार्ज कर दिया और दो मिनट में पुलिसदल की फ़ौज बुला ली। जिसे देखकर बाबा और उसके चेले चपाटों के होश उड़ गए। अब सब भागने की फिराक में लग गए। उसी भागदौड़ में राजबाला नाम की महिला दब कर मर गयी और बाबा सलवार कुर्ती पहनकर भागने की कोशिश में धरें गए।
बाद में बाबा ने इस घटना के खिलाफ कोर्ट में केस किया। लेकिन यहां भी बाबा को मुंह की खानी पड़ी और उलटा बाबा पर ही जुर्माना ठोंका गया। इस तरह बाबा सिर्फ सीरियल में ही झूठ नही दिखा रहे हैं। बल्कि रामलीला ग्राउंड में झूठ बोलकर एक महिला की मौत के भी जिम्मेदार हैं।

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