डटे रहो। हर बुराई का अंत इसी तरह होगा।
कोर्ट ने माना कि दलित एक्ट नाजायज है इसका दुरप्रयोग हो रहा है ।
अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम 1989 के तहत अपराध में सुप्रीम कोर्ट ने दिए दिशा निर्देश दिए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि इस तरह के मामलों में अब कोई ऑटोमैटिक गिरफ्तारी नहीं होगी। इतना ही नहीं गिरफ्तारी से पहले आरोपों की जांच जरूरी है। गिरफ्तारी से पहले जमानत दी जा सकती है।
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