*व्यापारी*
पियूष पंडित बोले व्यापारी चोर नहीं
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क्या है ???
1 *स्वम् के पैसे से व्यापार* शुरू करता है।
2 *व्यापार की पूरी जिम्मेदारी* व्यापारी की।
3 व्यापार जमाने या चलाने के लिए *पूरी तरह से मेहनत करता है।*
4 *नुकसान होने पर कोई सरकार की जिम्मेदारी नही।*
5 लेकिन मुनाफा में *सरकार का हक होता है, टैक्स के रूप में।*
6 अपने पैसे से अपना व अपने *परिवार का इलाज या दवाइयां करता है।*
7 *अपने पैसे से सभी यात्रा* (पारिवारिक या व्यापारीक) करता है।
8 अपने परिवार के सदस्यों के लिए *अपने पैसे से पढ़ाई का खर्च* उठाता है।
9 *व्यापारी कभी रिटायरमेंट नही* लेता व न ही रिटायर होने पर कोई सरकार से पेंशन पाता है।
10 व्यापारी को *कोई महंगाई भत्ता नही* मिलता।
11 व्यापारी को *कोई छुट्टी नही,* अगर जाना है तो परिवार के एक सदस्य की अतिरिक्त डयूटी।
12 सबसे बड़ी बात व्यापारी समान बेचकर जनता से *टैक्स वसूल कर सरकार को जमा देता है,* जिसकी कोई तनख्वाह या कमीशन सरकार से नही मिलता।
आदि आदि
इसके विपरीत सराकर की नौकरी में सभी कुछ है, उसकी मेहनत की तनख्वाह, भत्ता, यात्रा भत्ता,परिवार व स्वंम का इलाज, मँहगाई भत्ता,रिटायर होने पर एक निश्चित पेंशन। इन सबके बाद भी उसे माह में काम से कम 4 से 6 छुट्टी।
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*उसके बाद भी व्यापारी चोर व बदमाश*
सोचे हम व हमारा देश कहा जा रहा है . ..
पीयूष भैया जिंदाबाद
ReplyDeleteसरकार और व्यापारी के काम में ये फर्क होता है के अगर हम कोई प्रोजेक्ट सरकार को देते है तो उसमे खर्च भी ज्यादा लगता है और काम भी बहुत देर से होता है पर अगर वो प्रोजेक्ट किसी व्यापारी को देते है तो उसमे रिजल्ट सरकारी काम से काफी अच्छा मिलता है
ReplyDeleteव्यापारी चोर नहीं है वो अपने साथ साथ समाज के बारे में भी सोचता है क्योकि वो अपने पैसे से व्यापार शुरू करता है और समाज के नागरिको को रोजगार उपलब्ध करवाता है और सब कुछ अपनी मेहनत से करता है आलस का बैठकर नहीं खता अपनी जिम्मेदारी समझता है
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