यदि सिंह अहिंसक हो जाए,गीदड़ भी शौर्य दिखाते है,
यदि गरुड़ संत सन्यासी हो,बस सर्प पनपते जाते है।
इस शांति अहिंसा के द्वारा अपना विनाश आरंभ हुआ,
जब से अशोक ने शस्त्र त्यागे,भारत विघटन प्रारंभ हुआ...
सोचा था धर्म रक्षण को श्री कृष्ण कहीं पैदा होंगे,
लेकिन पराजित मन के भीतर श्री कृष्ण कहाँ से आएंगे ,
जो मान चुके हैं ये भारत माँ नहीं बस थोड़ी सी माटी है,
जो मान चुके है अनशन का अंजाम मगर बस लाठी है।
उन मृत शरीरों में फिर प्राण कहाँ से आएंगे,
पराजित मन के भीतर श्री कृष्ण कहाँ से आयेंगे।
हम यही कामना करते है की आप ऐसे ही आगे बढ़ते रहे और दुसरो को भी प्रेरणा देते रहे
ReplyDeleteBeing an inspirational leader for the society
ReplyDelete