शिक्षित लड़कियों से ही भारत का भविष्य उज्ज्वल होगा : पीयूष पण्डित
राष्ट्रीय बालिका दिवस के सुभअवसर पर स्वर्ण भारत परिवार देश की मेधावी ग्यारह बालिकाओं को राष्ट्र पुत्री सम्मान के तहत 11 हज़ार रुपये की छात्रवृत्ति हेतु आवेदन आमंत्रित किया जा रहा है ।
भारत में लड़कियों की साक्षरता दर, उनके साथ भेदभाव, कन्या भ्रूण हत्या एक बड़ा मसला है. साक्षरता दर भी एशिया में सबसे कम है. एक सर्वे के अनुसार, भारत में 42 फीसदी लड़कियों को दिन में एक घंटे से कम समय मोबाइल फोन इस्तेमाल की इजाजत दी जाती है । भारत में लड़कियों की साक्षरता दर, उनके साथ भेदभाव, कन्या भ्रूण हत्या एक बड़ा मसला है. कन्या भ्रूण हत्या की वजह से लड़कों की तुलना में लड़कियों की संख्या कम है. साक्षरता दर भी एशिया में सबसे कम है. एक सर्वे के अनुसार, भारत में 42 फीसदी लड़कियों को दिन में एक घंटे से कम समय मोबाइल फोन इस्तेमाल की इजाजत दी जाती है. अधिकांश अभिभावकों को यह लगता है कि मोबाइल फोन 'असुरक्षित' है और ये उनका ध्यान भंग करते हैं.
नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे के अनुसार प्रदेश में जन्म के समय लिंगानुपात एक हजार बालक पर 927 बालिका है, 15-49 साल की महिलाओं में शिक्षा का स्तर 59 दशमलव चार (59.4) फीसदी और एनीमिया साढ़े 52 फीसदी है. किशोरावस्था के समय यह जरूरी है कि उनकी जीवन-शैली और सपनों को सही ज्ञान और व्यवहारिक रूप दिया जाए ।
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