Sunday, 10 January 2021

जिद और जुनून अगर नेक कार्य के लिए हों तो सफलता निश्चित है : स्वर्ण भारत परिवार

कम्बल नही हम खुशियां बांट रहे हैं आप भी शमिल हो हमारे इस पवित्र कार्यक्रम में : पीयूष पण्डित 


मथुरा : स्वर्ण भारत परिवार राष्ट्रीय कम्बल वितरण योजना 2021 के तहत पुनः मथुरा नगरी में कैम्प लगा कर सौ से अधिक परिवार को कम्बल वितरित किया गया, जिसमे पूरा सहयोग दयालु हॉस्पिटल की मुखिया डॉ सीमा मिश्र व जिला अस्पताल सर्जन विकास मिश्र जी ने किया , इस मौके पर हर बार की तरह स्वर्ण भारत परिवार के राष्ट्रीय अध्यक्ष पीयूष पण्डित दिल्ली से टीम सहित उपस्थित हुए, मीडिया से उनके बातचीत के कुछ अंश हम प्रकाशित कर रहे हैं 

प्रश्न : स्वागत है पीयूष जी आपका मथुरा में कैसा लगा आपको यहां आकर
उत्तर : मथुरा और वृंदावन भारत वर्ष का एक पवित्र जिला है यही भगवान कृष्ण का घर यही से हमे प्रेम भक्ति और शक्ति के आचरण का परम ज्ञान प्राप्त होता है ,व्यक्तिगत रूप से मथुरा मुझे बहुत पसंद है  हर गली में मन्दिर और राधे राधे का संगीत मन को बहुत शांति देता है हालांकि कम शब्दों में यहां मथुरा की महत्ता को बोल पाना सम्भव नही बस ये समझिए ,प्रेम और ज्ञान की असीम परम्परा को यहां करीब से जाना देखा और समझा जा सकता है।


प्रश्न : आज पूरे देश मे करीब 22 राज्यों में आपके ट्रस्ट द्वारा राष्ट्रीय कम्बल वितरण योजना चल रही है, यह कैसे संभव हुआ और इसकी प्रेरणा कहाँ से मिली 
उत्तर : कम्बल नही साहब हम खुशियां बाट रहें हैं, जिन जरूरमंद लोगो को कम्बल मिलता है उनके घर मे खुशियां आती हैं,हर नेक कार्य सफल होता है इस सूक्ति से हम आगे बढ़ रहे हैं जो आज हम 22 राज्यों तक पहुंच चुके हैं उम्मीद है अगले वर्ष हम पूरे भारत मे खुशियां बाटते हुए नज़र आएंगे।प्रेरणा कोई विशेष व्यक्ति नही बल्कि मन की पीड़ा है कि देश कितना भी प्रगति क्यों न कर ले पर भारत मे रेलवे स्टेशन हो बस स्टैंड हो या कोई भी गली मुहल्ला आपको ठंड से ठिठुरते हुए बच्चे बुजुर्ग देखने को मिल जाएंगे बस यही पीड़ा राष्ट्रीय कम्बल वितरण योजना में तब्दील हुई और 1 लाख लोगों के चेहरों पर खुशियां हम ला चुके हैं ।


प्रश्न : हर एक सामाजिक कार्य धन की आवश्यकता होती है हर साल इस कार्यक्रम में कितना ख़र्च आता है और कहां से आपको  आर्थिक सहयोग प्राप्त होता है ?

उत्तर : खर्च क्या है सब कृष्ण वासुदेव और राधे रानी की कृपा है सब उन्ही की छत्रछाया में चल रहा है, जब हम निश्वार्थ भाव से किसी भी प्रोजेक्ट में लग जाते हैं तो ईश्वर उसे सफल बनाने में हमारी मदद करता है, आर्थिक अनुदान सरकार से प्राप्त नही है स्वर्ण भारत परिवार में दस लाख से अधिक सदस्य हैं सबसे एक एक कम्बल का आर्थिक सहयोग मांग लेता हूँ और जरूरतमंदों तक पहुंच जाता है, बाकी बहुत से धनकुबेर, सामाजिक चिंतन करने वाले व्यक्ति है जो हमे दान देते रहते हैं और हम खुशियां बाटते हुए आपके मध्य खड़े हैं ।

प्रश्न : स्वर्ण भारत परिवार की सेवानीति के बारे में संक्षिप्त रूप में बताएं 

उत्तर : सेवानीति ही स्वर्ण भारत परिवार का मूलमंत्र और संविधान हैं हर जरूरतमंद तक हमारा पहुंचना संकल्प है , बिना जाति धर्म पूछे जरूरत के अनुसार मदद और ज्ञान, सम्मान, सुरक्षा , एकता का विस्तार अनवरत चलना ही सेवानीति है ।


प्रश्न ; मथुरा जिले के लिए क्या क्या योजनाएं है आपके ट्रस्ट के माध्यम से 

उत्तर : मथुरा कृषि और भक्ति प्रेम के मंदिरों का जिला है , किन्तु यहां भी बेरोजगारी , अशिक्षा,गरीबी,और सुविधाओं की कमी हर गली मुहल्लों में दिखती है इन्हीं को नज़र रखते हुए बच्चो के लिए चिल्ड्रन वेलफेयर सोसाइटी के माध्यम से गरीब बच्चो को निशुल्क शिक्षा, स्वास्थ्य बेहतर हो जरूरतमंद लोगों की हेल्थ बेहतर हो दयालु हॉस्पिटल दिन रात सेवानीति में लगे हैं जहां प्रतिदिन सैकड़ों लोगों का इलाज मुफ्त होता है, जल्द ही हम बेगर फ्री मथुरा की कल्पना कर रहे हैं जिससे विदेशी शैलानियों के बीच भारत की छवि और बेहतर हो ।


प्रश्न : चिल्ड्रेन वेलफेयर सोसाइटी और दयालु हॉस्पिटल किस तरह से सेवानीति में आपके साथ जुड़ा है 
उत्तर : जैसा मैं ऊपर बता चुका हूं कि हम शिक्षा स्वास्थ्य को लेकर संकल्पित है उसी कड़ी में हॉस्पिटल का विस्तार और स्कूल का विस्तार निश्वार्थ रूप से किया जा रहा है । जहां धन की मांग नही बल्कि सेवा ही हमारी फीस है इस भाव से हम जुड़े हैं , सेवानीति ही वो कड़ी है जो हमे जोड़कर रखती है ।

प्रश्न : युवाओं के लिए आप रोल मॉडल है बहुत से युवा आपसे प्रेरणा लेते हैं उनके लिए क्या संदेश है


उत्तर : मुझे नही लगता कि अभी मैं बहुत लोगो के लिए प्रेरणा हूँ, पर हमारे द्वारा चलाई जा रही योजनाओं का विस्तार हमारे सेवानीति के कांसेप्ट को कोई भी पूरा करता है तो हमे जरूर गर्व होता है कि हम अपने उद्देश्यों में सफल हो रहे हैं , युवाओं को बस यही संदेश की आपके आस पास भी जरूरतमंद है उनकी मदद करें व औरों से कराएं आप स्वयं अपने रोल मॉडल बने , और जब स्वयं को स्वयं का आदर्श मानना है तो हर दिन स्वयं को स्वयं से बेहतर बनाने की आदत डालें, और मजबूत बनते ही सेवानीति को अपनी हॉबी बना लें देश स्वर्ण भारत बन जायेगा,और आप देश के एक प्रतिश्ठित नागरिक भी ।

प्रश्न : स्वर्ण भारत परिवार की उम्मीदों की रोशनी कार्यक्रम की चर्चा है,  क्या है यह ? क्या उद्देश्य और कौन है प्रेरणा


उत्तर : उम्मीदों की रोशनी का मतलब जरूतमन्द चेहरों पर मुस्कान लाना है उनकी उम्मीदों को पूर्ण करना, उनको शिक्षित बनाना, सफल बनाना, और देश के प्रति उनको जागरूक करना, आज जो वंचित है उन्हें  मुख्य धारा में लाना है, कई सुविधाएं शामिल हैं इसमे जैसे दिव्यांग बच्चो के स्कूल को सहयोग, अनाथ बच्चो को शिक्षा, जरूरतमंदों को हर सम्भव मदद आदि, आगामी 8 अगस्त को हम राष्ट्रीय स्तर पर दिव्यांग बच्चो का एक अनूठा कार्यक्रम करेंगे जिसमे देश के हर राज्य से बच्चे अपने हुनर कौशल और ज्ञान का प्रदर्शन करेंगे जिसमे से 50 बच्चो को रोशनी लाल स्कोलरशिप योजना के तहत आजीवन शिक्षा धन उपलब्ध कराने का प्रस्ताव है । इस कार्यक्रम की प्रेरणा स्वर्ण भारत परिवार की अंतराष्ट्रीय ट्रस्टी आदरणीय रोशनी लाल जी हैं जिन्हीने अपने जीवन की हज़ार दिक्कतों के बाद भी आज एक मुकाम हासिल किया है, हेल्थ चैलेंज हो या मानसिक या फिर आर्थिक इंसान जब ये ठान ले कि अभी जीना है और दूसरों को मदद करना है तो वो निश्चित ही सफल होता है , उन्ही के जीवन पर आधारित यह कार्यक्रम है और हमारी टीम इस कार्यक्रम को अंतराष्ट्रीय और सफल बनाने में अभी से लगी है ।

1 comment:

  1. 💐अति सराहनीय प्रयास💐
    स्वर्ण भारत परिवार के जागरूकता व राष्ट्र कल्याण सम्बन्धी सभी सकारात्मक योजनाएं व सफलतम कार्यक्रम आपकी अटूट लगन का परिणाम हैं।
    पुनः हार्दिक शुभकामनाएं।

    साभार

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