Wednesday 20 December 2017

The Manusmṛti


चलिए मान लेते हैं कि ''मनुस्मृति'' में कुछ बातें ऎसी लिखी हैं जो किसी व्यक्ति विशेष की भावनाओं को ठेस पहुंचा सकती हैं। लेकिन क्या दुनिया में सिर्फ हिन्दू धर्म ग्रंथों की बातें ही किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचा सकती हैं? नही न..?? बहुत से ऐसे धर्म ग्रंथ मिल जायेंगें जो हिंसा और दूसरे धर्म के लोगों पर अत्याचार की प्रेरणा देते हैं। लेकिन आपको नफरत है तो सिर्फ हिन्दू धर्म ग्रंथों से.. अब कुछ अत्यंत बुद्धिजीवी टाइप के लोग ज्ञान दे सकते हैं कि क्योंकि स्वर्णों ने हमारी जाति पर अत्याचार किया (जो की एकदम भ्रामक बात है) इसलिए हम उनके पूर्वजों द्वारा रचित धर्म ग्रंथों का बहिष्कार करते हैं। चलिए, आपकी इस बात को भी सत्य ही मान लेते हैं। तो क्या दुनिया में सिर्फ स्वर्ण जाति के लोगों ने ही आप पर अत्याचार किया..?? इतिहास में बहुत से ऐसे आक्रमणकारी आये, जिन्होंने आप पर तो क्या.. पूरे देश के लोगों पर अत्याचार किया। गाजर-मूली की तरह काट कर फेंक दिया। उनके धर्म ग्रँथ क्यों नही जला कर फेंक देते..??
अंग्रेजों ने हजारों वर्षों तक हमारे देश को गुलाम बनाकर रखा। उन सब से आपको नफरत क्यों नही है..?? उनके धर्म ग्रँथ क्यों नही जला डालते..?? सिर्फ स्वर्ण जाति से ही इतनी नफरत क्यों..??

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