Friday, 21 August 2020

ध्यान योग शिक्षा संस्कार का संगम है स्वामी आनंदगिरी जी का जन्मदिन : रोशनी लाल


अन्तराष्ट्रीय योग गुरु आनंद गिरी जी के जन्मदिन पर कई प्रकार के आयोजनों के बीच खबर आ रही है कि ऑस्ट्रेलिया में विभिन्न जगहों में हवन पूजा व केक काटकर स्वामी आनंद गिरी जी का जन्मदिन धूमधाम से मनाया जा रहा है । ऑस्ट्रेलिया निवासी रोशनी लाल ने जन्मदिवस पर जरूरतमंदों को दान पुण्य कर गुरु जी के वचनों को याद करते हुए कहा कि सनातन धर्म यही उपदेश देता है कि हम सेवानीति पर चलें बिना किसी भेदभाव के पूरे विश्व को अपना परिवार समझे , ऊंच नीच की कही कोई बात न हो परस्पर प्रेम सौहार्द व नेकी व सच्चाई की बात हो , यही सीख हमे पूज्य गुरु जी द्वारा उनके ऑस्ट्रेलिया प्रवास के दौरान मिलती है, साथ भारत भ्रमण पर भी गुरु जी का सानिध्य प्राप्त होता है । बता दें कि रोशनी लाल सनातन धर्म के प्रति अटूट विश्वास रखती हैं , व गुरु जी पर अटूट विश्वास रखने वाली ऑस्ट्रेलियन भक्तों में शुमार हैं , कई सामाजिक संगठनों द्वारा सामाजिक कार्यों के लिए सम्मानित हुई हैं , और सभी जरूरतमंदों को भरपूर मदद करती हैं , वो व उनका सम्पूर्ण परिवार स्वामी आनंद गिरी जी के जन्मदिन पर सभी भक्तों को शुभकामनाये देते हुए देखे जा सकते हैं । ऑस्ट्रेलिया में सनातन धर्म प्रचारक पण्डित देवेंद्र शर्मा जी ने कहा कि गुरु जी जब जब ऑस्ट्रेलिया आते हैं तो हम सभी सनातन धर्मियों का सीना चौड़ा होता है। उनके उपदेशों व सुनाई कथाओं से न सिर्फ भारतीय मूल के लोग बल्कि ऑस्ट्रेलियन समाज भी आसानी से सनातन धर्म को नजदीक से समझता है । आनंद गिरी जी पूज्य गुरु देव नरेंद्र गिरी जी महाराज के प्रिय शिष्य व प्रयागराज स्थित लेटे हुए हनुमान मंदिर के प्रमुख्य व्यवस्थापक व अन्तराष्ट्रीय धर्म प्रचारक व योग गुरु के रूप में जाने जाते हैं , भारत मे युवाओं के सनातन धर्म यूथ आइकन के रूप में आनंद गिरी जी विख्यात हैं । 
आइये जानते हैं लेटे हुए हनुमान जी की महिमा उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में हनुमान जी की प्रतिमा वाला एक छोटा किन्तु प्राचीन मंदिर है। यह एकमात्र मंदिर है जिसमें हनुमान जी लेटी हुई मुद्रा में हैं। यहां पर स्थापित हनुमान जी की प्रतिमा 20 फीट लम्बी है। संगम किनारे बना ये एक अनूठा मन्दिर है, जहां हनुमानजी की लेटी हुई प्रतिमा को पूजा जाता है। ऐसी मान्यता है कि संगम का पूरा पुण्य हनुमान जी के इस दर्शन के बाद ही पूरा होता है।
 प्रयागराज अब  सनातन धर्मियों का विशेष स्थान माना जाने लगा है कुम्भ के मेले में पूरे संगम पर सनातन धर्म का प्रचार प्रसार बहुत ही शालीनता से आनंद गिरी जी महाराज के सानिध्य में चलता है । देश विदेश से आने वाले भक्तों व पर्यटकों को स्वामी जी द्वारा विशेष सुविधा दी जाती है ।

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