Sunday 19 April 2020

अंतरिक्ष की दुनिया मे भारत की धमक आज के दिन से शुरू हुई आर्यभट्ट उपग्रह की सफल प्रयोग से : पीयूष पण्डित

अंतरिक्ष के क्षेत्र में भारत को आज एक महाशक्ति के रूप में देखा जाता है और बहुत से देश कम लागत में अपने उपग्रहों के प्रक्षेपण के लिए भारत पर निर्भर करते हैं। देश के अंतरिक्ष के इस सफर में 19 अप्रैल का खास महत्व है। दरअसल यही वह दिन है जब 1975 को भारत रूस की मदद से अपना पहला उपग्रह #आर्यभट्ट लॉन्च कर अंतरिक्ष युग में दाखिल हुआ। यह भारत का पहला वैज्ञानिक उपग्रह था। आइए जानें इसके बारे में खास बातें:
भारत का पहला उपग्रह आर्यभट्ट का नाम मशहूर खगोलशास्त्री और गणितज्ञ आर्यभट्ट के नाम पर रखा गया था।
आर्यभट्ट ने पाई का सही मान 3.1416 निकाला था। आर्यभट्ट  उपग्रह  लॉन्च होने के 17 साल के बाद 11 फरवरी 1992 को पृथ्वी पर वापस आया।

रिजर्व बैंक को ने इस ऐतिहासिक दिन को सेविब्रेट करने के लिए 1976 और 1997 के 2 रुपए के नोट पर सैटेलाइट की तस्वीर भी लगाई थी।

360 किलोग्राम वजनी आर्यभट्ट को सोवियत संघ के इंटर कॉसमॉस रॉकेट की मदद से अंतरिक्ष में भेजा गया था। 

आर्यभट्ट उपग्रह का मुख्य उद्देश्य एक्स रे, खगोल विद्या, वायुविज्ञान और सौर भौतिकी से जुड़े प्रयोग करना था। 

भारतीय सरकार को इस उपग्रह का नाम आर्यभट्ट रखने हेतु स्वर्ण भारत धन्यवाद देता है ।

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