Monday 28 August 2017

Dynamic Star Piyush Pundit

गुजरात मीडिया से..

शून्य से शिखर तक – डायनेमिक स्टार पीयूष पंडित

महज 10 वर्ष पूर्व स्थापित पीयूष ग्रुप ऑफ कम्पनीज आज भारत ही नही वरन विश्व बाजार में अपना परचम लहराने को अग्रसीत है। विश्व के चार से अधिक देशों के साथ व्यापारिक सम्बन्धों को आगे बढ़ाते हुए अब डायनेमिकव्यक्तित्व के धनी C E O श्री पीयूष पंडित का लक्ष्य विश्व बाजार में भारतीय अर्थव्यवस्था को एक अग्रणी अर्थव्यवस्था के रुप में स्थापित करना।भारत विश्व की दूसरी सबसे बड़ी जनसंख्या का देश होने के बावजूद आज विदेशों सेआयात करना पड़ता है। प्रचुर मात्रा में संसाधन होने के बावजूद विदेशों की तरफ़ भारतीयों के पलायन को रोकने और देश में ही उच्च कोटि के रोजगारपरक कार्यक्रमों को संचालित करने जैसे अनेकों उद्देश्यों के साथ देशाटन पर गये श्रीपीयूष जी ने पडोसी देशों की सरकार के साथ व्यापारिक सम्बन्धों को बढ़ाने के लिये अनेकों समझौते पर हस्ताक्षर किये।
पीयूष ग्रूप के द्वारा संचालित इकाईयां- 10 वर्ष पहले स्थापित पीयूष इंटरनेशलन ग्रुप ने वैश्विक बाजार में गंभीर उतार चढ़ाव के बावजूद शानदार वृद्धि का प्रदर्शन किया है। यह आईटी, मीडिया, रिनुअल एनर्जी (सोलर), लॉजिस्टिक (transportation), रियल एस्टेट ( सेल,बाई, रेंटिंग, कंस्ट्रक्शन), फ़ूड एंड बेवरेज (मिनरल वॉटर), होटल एंड रेस्टोरेंट, (स्टे ड्रिंक म्यूजिक बार) इलेक्ट्रिकल एंड मैकेनिकल, (Led and Battery manufacturing), कन्सल्टिंग ( प्रोजेक्ट्स, मैनपावर) एजुकेशनलसर्विसेज(कोचिंग, कॉलेजिस) के साथ साथ पिछले 2 वर्षों से इंडोनेशिया में भी पेशेवर टीम के साथ अपनी उपस्थिति दर्ज करवा रहा है।
पीयूष पंडित ने कम्पनी के मुखिया के रूप में 2006 में कम्पनी को संभाला। वो बताते हैं कि पीयूष ग्रुप अगले 5-7 वर्षों में अपने वैश्विक पदचिन्हों को विस्तार देना चाहता है क्योंकि यहाँ व्यवसाय में दीर्घ कालीन संभावनाएं देख रहा है।
भूमंडलीकरण के दौर में सभी स्टार्टअप कंपनियों को भी देंगें मौक़ा – पीयूष पंडित जी ने अपने इंडोनेशिया दौरे के बारे में बताया कि वह वैश्वीकरण को बढ़ावा देने के लिये और विश्व बाजार में भारत की स्थिति को मज़बूती देने के लिये विदेशी निवेशकों को भारत में आमंत्रित करेंगे। उन्होंने कहा किअंतर्राष्ट्रीय बाजार में ‘’पीयूष ग्रुप’’ को जो भी सफलता मिल रही है उसके लिए सिर्फ मेरी ही नही कंपनी के सभी सदस्यों की मेहनत और लगन का परिणाम है। हम सबकी ही मेहनत का परिणाम है कि आज हम वैश्विक बाजार में एकअलग पहचान बनाने में सफल हुये हैं।
इंडोनेशिया के साथ व्यापारिक सम्बन्धों से क्या भारत को लाभ होगा? इस प्रश्न के जवाब में श्री पीयूष जी ने कहा-उम्मीद है यहाँ हुए (इंडोनेशिया) व्यापारिक समझौते दोनों देशों के लिये बहुत ही लाभकारी सिद्ध होंगें। इन समझौतों केद्वारा बेरोजगार युवाओं के लिये रोजगार के नये अवसर प्राप्त होंगे। इसीलिए हमारी कोशिश केवल होटल, रेस्टोरेंट या उद्योगों को आगे बढ़ाने के करारों पर ही नही रही। हमारी कोशिश है कि किस तरह अन्य लोगों की भी इसमेंभागीदारी बढ़ सके। किस तरह पीयूष ग्रुप स्टार्टअप कंपनियों को भी कुछ बड़ा करने का मौक़ा दे सके। क्योंकि हम लोग पूंजी, मजबूत मार्केटिंग, दमदार पार्टनर्स और मीडिया हाउसेज के नेटवर्किंग के साथ-साथ, प्रोडक्ट डेवलपमेंट केलिए सही रिसोर्स के इस्तेमाल की बेहतर क्षमता होने की वजह से फायदे में रहते हैं। लेकिन स्टार्टअप कंपनियों के पास अच्छे प्रोडक्ट्स होते हुए भी रिसोर्स के बेहतर साधन न होने की वजह से वो फायदा नही उठा पाते। इसलिए पीयूषग्रुप की पूरी कोशिश है कि सभी को समान अवसर व समान भागीदारी मिले और रोजगार के नित नए साधन उपलब्ध करवाए जाएँ। यह हमारी प्राथमिकता होगी। बाक़ी यहां के हेंडीक्राफ्ट बिजनेस में तो असीम संभावनाएं हैं ही।
सभी समझौते मेक इन इंडिया पर आधारित हों- मेक इन इंडिया पर बात करते हुए पीयूष पंडित जी कहते हैं कि इंडोनेशिया के एक बहुत ही बड़े सांस्कृतिक शहर योग्यकर्ता की बिजनेस ट्रिप बहुत ही यादगार रही। कम्पनी के फायदे के लिहाज से भी और अंतरष्ट्रीय स्तर परअपनी पकड़ मजबूत करने के लिए भी। सारी डील ‘’मेक इन इंडिया’’ पर फोकस है। इस बिजनेस डील से भारत के करीब एक हजार युवाओं के लिए रोजगार की व्यवस्था होगी और इंडोनेशिया की करीब आठ प्रकार की कला भारत मेंआकर कार्य करेंगी। भारतीय बाजार को इंडोनेशिया में जोरदार तरीके से पेश करने का प्रयास है। जिसमें आईटी सहित होटल और सारे सेक्टर को स्थापित करना है।
सभी देशों के साथ सौहार्द्रपूर्ण सम्बन्धों के साथ व्यापारिक रिश्तों को बढाना चाहते हैं – इंडोनेशिया एक मुस्लिम देश है। क्या भारत के साथ व्यवसायिक सम्बन्ध मैत्रीपूर्ण होंगे? इस प्रश्न के जवाब में पीयूष जी ने कहा अवश्य सारे सम्बन्ध मैत्रीपूर्ण और चिरकालीन होंगे। उन्होने इंडोनेशिया के सभ्यता और संस्कृति कीबड़ाई करते हुए कहा कि एक ऐसा देश जिसका धर्म तो इस्लाम है और संस्कृति है रामायण। 90 फीसदी मुस्लिम आबादी वाले इंडोनेशिया में न केवल लोग बेहतर मनुष्य बनने के लिए रामायण पढ़ते हैं। बल्कि इसके पात्र वहाँ की स्कूलीशिक्षा का भी अभिन्न हिस्सा हैं। वहाँ कुरान के साथ रामायण भी पढ़ी जाती है और सबसे आश्चर्यजनक बात वहाँ रामायण का मंचन भी किया जाता है।
इस बारे में जब वहाँ के कलाकारों से बात हुई तो बहुत ही उत्सुकता से बताते हैं कि सर, ‘हमारी रामायण दुनिया भर में मशहूर है”। हम चाहते हैं कि इसका मंचन भारत में भी करें। कम से कम हमें साल में दो बार अपनी कला प्रदर्शन करने का मौक़ा मिले। हम तो भारत में नियमित रूप से रामायण पर्व का आयोजन भीकरना चाहते हैं। हमारी ख्वाहिश है कि भारतीय कलाकारों के साथ भी मिलकर रामायण का मंचन करें। मुझे लगता है सचमुच अगर ऐसा हो जाए तो दो संस्कृतियों के मेल का सुंदर रूप होगा। इससे दोनों देशों के रिश्ते तो मजबूत होंगे हीसाथ दोनों देशों के पर्यटन को भी फायदा होगा। चुनौतियों सॆ सीखना और धैर्य सॆ लक्ष्य की तरफ़ बढ़ना ही मनुष्यता की पहचान है- इंडोनेशिया के छोटे व्यवसाय को बढ़ावा देने के लिये एवम उद्यमियों को प्रोत्साहित करने के सम्बन्धित प्रश्न के जवाब में पीयूष जी ने कहा। हेंडीक्राफ्ट बिजनेस को आम जनमानस तक पहुँचाने की रूप रेखा तैयार की गई।
अगर इंडोनेशियन मार्केट की बात की जाए तो भारत की तुलना में टेक्नॉलजी के मामले में स्लो है । पर सबसे अच्छी बात ये है कि वहाँ व्यवसाय में महिलाओं और पुरुषों की भागीदारी बराबर दिखती है और हर दूसरी महिला यहाँ हमें बिजनेसलेडी के रूप में मिलेगी। यही ये कारण है कि इंडोनेशिया व्यावसायिक रूप में तेज़ी से आगे बढ़ रहा है। वहाँ भी भारत की तरह हेंडीक्राफ्ट बिजनेस में असीम संभावनाएं हैं पर जगरूकता की कमी आम ग्राहकों में पाई जाती है। इंडोनेशियासरकार ने भरपूर प्रयास किया कि हथकरघा उद्योग को आगे बढ़ाया जाए पर यह सफल तब तक नही हो सकता, जब तक की आम लोग घर में बने हुए प्रॉडक्ट्स को अपनाये। इन सबको देखने और समझने के बाद वहाँ की लोकल टीमके साथ मिलकर जनजागरुकता अभियान चलाने पर सहमती बनी है।
स्वदेशी का क्रेज़ वहाँ न के बराबर है। वही हमारे भारत में सभी की भावनायें स्वदेशी से जुड़ी हैं। जिसका भरपूर फ़ायदा स्वदेशी कम्पनियों ने उठाया है। हमने वहाँ भीप्रयास करना शुरू किया है कि स्वदेशी का खूब प्रचार-प्रसार किया जाए जिसके माध्यम से हेंडीक्राफ्ट व इंडियन मार्केट को वहाँ भी अच्छी जगह मिल सके। प्रयास बिना सफलता सम्भव नही। इसलिए रीसर्च टेक्नॉलोजी मार्किट केरुझान पर ध्यान से अध्ययन किया गया। ‘’पीयूष ग्रूप’’ हमेशा सामाजिक स्थिति के अनुसार मार्केट में उतरता है। जैसे भारत में हमने व्यवसाय के साथ सामाजिक मुद्दों को भी महत्व दिया है उसी प्रकार हम इंडोनेशिया में भी सामाजिकमुद्दों के साथ पैर जमाने का प्रयास कर रहे हैं।
एक तरफ़ हमारा ध्यान होटेल और रेस्टोरेंट पर केंद्रित है। तो अब ख़ुद को एवं इंडोनेशिया को भी टेक्नोलॉजीज के साथ लाने की तैयारी में हैं। जीत कर बुलंदियों पर वही जायेगा जो पीछे छूटे रास्तों सॆ सीखे और नये पथ पर नये आयाम बनाये- अपने व्यवसायिक सफलता और विश्व बाजार में पीयूष ग्रुप की बढ़ती लोकप्रियता से सम्बन्धित पूछे गये सवाल पर पीयूष जी ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया कि….the cynic says..”one man cant do anything” But i say..”only one man can do anything.”.। उन्होने .कहा कि पीयूष ग्रुप के द्वारा निर्धारित लक्ष्यों को एक साकारात्मक दिशानिर्देश में पूरा किया गया। हमने वैश्विक व्यापार में व्यापकता लाने के लिये हमारी एक टीम इंडोनेशिया औरमलेशिया के दौरे पर है।
जिसकी उपलब्धियों के बारे में बताते हुए गर्व हो रहा है कि पीयूष ग्रुप पूरी तरह से इंडोनेशिया में दस्तक दे चुका है। समूह ने अपने स्थापना के पहले दिन से ही भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लियेप्रयासरत है। तकनीकी क्षेत्र से शुरुआत करने के पश्चात पीयूष ग्रूप ने हर साल एक नया कीर्तिमान स्थापित करने का सफल प्रयास किया।
स्वर्णिम भविष्य तय होगा सभी निवेशकों का – 12अगस्त का दिन पीयूष ग्रूप के लिये स्वर्णिम दिन है क्योंकि इसी दिन श्री पीयूष जी ने व्यवसाय करने हेतु थोड़े से धन के साथ व्यापारिक क्षेत्र में अपना क़दम रखा था। उस समय धनभाव था परंतु लक्ष्य निर्धारित था। दृढ़ निश्चयऔर ऊर्जाशक्ति चरम पर। उन्होने जॉब करके एक परिवार का भरण पोषण करने के बजाय व्यवसाय करके कई परिवारों को आत्मनिर्भर बनाने का सपना संजोया। उन्होंने चुनौतियों को ही अपना मार्गदर्शक माना और एक नॉनआइटियन होने के बावजूद खुद को आईटी क्षेत्र में एक पहचान दिलाने के लिये एक व्यवसायिक रणनीति के द्वारा मार्किट में उतरने की तैयारी की थी।
इसी सिलसिले में दिल्ली की करीब बीस पच्चीस कम्पनियों का दौरा कर सूक्ष्मतासे उनकी कार्यशैली का अध्यन किया। जिसके फलस्वरूप पहली बार बदरपुर में एक छोटा सा ऑफिस स्थापित किया गया। फिर धीरे-धीरे पीयूष ग्रूप द्वारका, लक्ष्मीनगर, नोएडा, साकेत, नेहरूप्लेस, सरिता विहार, नागलोई सहितपूरे एन सी आर में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। उसके पश्चात मुम्बई, पुणे, शिमला, कोलकाता, इलाहाबाद, लखनऊ जैसे शहरों में व्ययसाय को स्थापित करने में सफलता प्राप्त की। आईटी सेक्टर से शुरुआत के साथ आज ग्रुप रियलएस्टेट, होटल रेस्टोरेंट, इलेक्ट्रिकल, मेकेनिकल, सिविल, कॉन्ट्रैक्ट, कंस्ट्रक्शन, वाटर इंडस्ट्री, कंसल्टिंग सहित अन्य कई क्षेत्रों में खुद को स्थापित कर चुका है। बस यही शुरुआत अब अंतरराष्ट्रीय बाजार में करने का लक्ष्य है।
अंतराष्ट्रीय बजार में सकारात्मक रुझान भूमण्डलीयकरण के इस दौर में पीयूष ग्रूप ने इंडोनेशिया और मलेशिया में भारतीय उद्योग को प्रतिस्थापित करने की शुरुआत की है। इंडोनेशिया में पिछले विजिट में हमने रेस्टोरेंट की शुरुआत की जो काफी हद तक सफल रहा। अबयहां की कुछ क्षेत्रीय कंपनियों के साथ मिलकर मार्केटिंग, मैन्युफैक्चरिंग, टेक्नोलॉजीज के आदान प्रदान पर सहमति बन चुकी है ,जैसा पहले की प्रेस रिलीज़ में आपको बताया जा चुका है।
इस विजिट में अब तक आईटी, हैंडीक्राफ्ट,कंस्ट्रक्शन, टेक्सटाइल, रियल एस्टेट ,की कई सफल बैठक हो चुकी हैं। हम उदारीकरण के इस दौर में भारतीय मुद्रा को जल्दबाजी में विदेश में निवेश नहीँ करना चाह रहे हैं। अतः सर्विस इंडस्ट्री एवम ट्रेडिंग पर ग्रुप का ध्यान केंद्रितकरने का प्रयास है। आगामी समय में इस पर भी विभिन्न कम्पनियों के द्वारा आपसी समझौते होंगे। अंत मे यह विजिट व्यवसायिक दृष्टिकोण से बहुत ही सकारात्मक उम्मीद से बढ़ कर रहा।
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