Monday 9 December 2019

समस्त मानवजाति को एक समान अधिकार देना ही सही मायने में मानवाधिकार दिवस है : पीयूष पण्डित

मानवाधिकार दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित स्वर्ण भारत परिवार के राष्ट्रीय अध्यक्ष पीयूष पण्डित ने मानवता का संदेश देते हुए युवाओं को मानवाधिकारों के प्रति जागरूक किया जिसमें मुख्य अंश कुछ इसप्रकार रहे हर इंसान को जिंदगी, आजादी, बराबरी और सम्मान का अधिकार ही मानवाधिकार है. भारतीय संविधान इस अधिकार की न सिर्फ गारंटी देता है, बल्कि इसे तोड़ने वाले को अदालत सजा देती है. भारत में 28 सितंबर, 1993 से मानवाधिकार कानून अमल में आया. 12 अक्‍टूबर, 1993 में सरकार ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग का गठन किया. वहीं 10 दिसंबर 1948 को 'संयुक्त राष्ट्र असेंबली' ने विश्व मानवाधिकार घोषणा पत्र जारी कर पहली बार अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस की घोषणा की थी. आज विश्व के कई देशो में लोगो पर मनमाने तरह से जुल्म हो रहे है। लोगो को बिना कारण बताये गिरफ्तार कर लिया जाता है, उसको कैद, नजरबंद कर दिया जाता है। किसी धर्म, समूह विशेष को परेशान और सताया जाता है। विश्व मानवाधिकार दिवस का लक्ष्य है कि विश्व में किसी भी व्यक्ति, समाज या वर्ग को परेशान न किया जाये।

सभी को जीवन जीने की आजादी एवं समान अधिकार मिले। इस दिवस का लक्ष्य बच्चो, महिलाओं, विकलांगो, नाबालिग समेत सभी लोगो की सुरक्षा करना है। महिलाओं का बलात्कार, यौन शोषण, उत्पीड़न, बाल शोषण, बाल मजदूरी, बच्चो का यौन उत्पीड़न, जातिगत भेदभाव, व्यक्ति विशेष, अल्पसंख्यक का उत्पीड़न, लूटपाट जैसे समस्याओं को जड़ से खत्म करना है   प्रमुख मानव अधिकार इस प्रकार है-

समानता का अधिकार
विश्वास एवं धर्म की स्वतंत्रता का अधिकार
*भेदभाव से आजादी का अधिकार*
*सामाजिक सुरक्षा का अधिकार*
*अभिव्यक्ति की आजादी*
*कानूनी सहायता लेने का अधिकार*
*जीवन और आजाद रहने का अधिकार*
*संस्कृतिक गतिविधियों में भाग लेने का अधिकार*
*शिक्षा का अधिकार*
*भोजन का अधिकार*
*काम करने का अधिकार*
*बराबरी एवं सम्मान का अधिकार*
*स्त्री-पुरुष को समान अधिकार है*
*शोषण से रक्षा का अधिकार*      

आज पूरे विश्व को मानव अधिकारों की बहुत जरूरत है। आये दिन कोई न कोई जातती, नाइंसाफी देखने को मिलती है। भारत में भी रोज कोई न कोई ऐसा अपराध देखने को मिलता है जो मानव अधिकारों की धज्जियां उड़ा रहा है।
जेल में, पुलिस हिरासत में महिलाओं के साथ बलात्कार, यौन उत्पीड़न, कैदियों की हत्या, अत्याचार, यातना, जैसी खबरे रोज ही सुनने को मिल रही है। पुलिस निर्दोष लोगो पर जुल्म कर रही है जबकि प्रभावशाली और ताकतवर लोगो को बचाने की कोशिश करती है। ऐसे में मानव अधिकार ही पीढ़ित लोगो की मदद कर सकते हैं। इस कार्यक्रम में कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे, *मानव अधिकार से अनुज वाजपेयी ई विलेज प्रभारी कृष्णकांत यूथ डेवलपमेन्ट प्रोग्राम के प्रवक्ता संदीप शुक्ला राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी विपिन जायसवाल सहारा ग्रुप से मनोज गुप्ता महिला शक्ति से निधि मिश्रा रवि कांत सिंह, कपिल गुप्ता, ताजुद्दीन इदृशी, शबनम सैफी हर्षवर्धन जी प्रवीण थापियाल उमेश कुमार कार्यक्रम का संचालन अनुज शुक्ला अध्यक्ष चयन समिति* द्वारा किया गया जिसमें सैकड़ो युवा व सभी धर्म जाति के लोग मौजूद रहे ।

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